रायपुर, 15 जुलाई | Rainy Season diseases : बारिश के मौसम में बीमारियों से बचाव के लिए स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना आवश्यक होता है। साफ पानी का सेवन, संतुलित आहार और उचित सावधानियों के माध्यम से हम इन बीमारियों से बच सकते हैं। स्वस्थ रहें और बारिश के मौसम का आनंद लें। बारिश का मौसम अपने साथ खुशहाली और ताजगी लाता है, लेकिन इसके साथ ही यह कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ा देता है।
बारिश के मौसम में स्वच्छता का विशेष ध्यान
Rainy Season diseases : बारिश के मौसम में नमी और पानी का जमाव बीमारियों के लिए अनुकूल वातावरण पैदा करता है। बारिश के मौसम में होने वाली प्रमुख बीमारियों और उनकी रोकथाम के उपायों के बारे में सावधानियों की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आम नागरिकों से अपील की है कि जलजनित बीमारियों से बचने जागरूक रहें और अपने आसपास पानी का जमाव होने न दें, ताकि मच्छर पनप न पाए।
उन्होंने लोगों से अपील की है कि जलजनित बीमारी फैलने पर तुरंत स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमला को जानकारी दें और त्वरित उपचार के लिए जीवन रक्षक दवाओं का उपायोग करें।
मुख्यमंत्री साय ने स्वास्थ्य अमलों को काम्बेट टीम के गठन के निर्देश दिए हैं। साथ ही राजस्व अमले को भी मौसमी बीमारी फैलने पर तत्काल स्वास्थ्य शिविर लगाने निर्देश दिए हैं।
1बरसात के मौसम में फैलने वाली प्रमुख मौसमी बीमारियों के लक्षण और बचाव के तरीके निम्नानुसार है

Rainy Season diseases : डेंगू और मलेरियाः- डेंगू और मलेरिया दोनों बीमारियाँ मच्छरों के कारण होती हैं। बारिश के मौसम में जगह-जगह पानी जमा होने से मच्छरों की संख्या बढ़ जाती है।
लक्षणः- डेंगूः- तेज बुखार, सिरदर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते का होना।
मलेरियाः- ठंड लगना, तेज बुखार, पसीना आना, सिरदर्द।
डेंगू और मलेरिया दोनों बीमारियाँ मच्छरों के काटने से फैलती हैं, लेकिन दोनों बीमारियाँ अलग-अलग प्रकार के मच्छरों के काटने से फैलती हैं और इनके मच्छरों में कुछ महत्वपूर्ण अंतर होते हैं।
Rainy Season diseases : इन दोनों मच्छरों के बीच के अंतर इस प्रकार है
डेंगू मच्छरः- प्रजातिः- एडीज़ एजिप्टी (Aedes aegypti) ये मच्छर मुख्य रूप से दिन में काटते हैं, विशेषकर सुबह और शाम के समय। ये मच्छर साफ पानी में प्रजनन करते हैं। कूलर, गमले, टायर और अन्य स्थिर पानी के स्रोतों में पनपते हैं।
मलेरिया मच्छरः- एनोफिलीस (Anopheles)-ये मच्छर मुख्य रूप से रात में काटते हैं। ये मच्छर गंदे पानी, धान के खेतों, और तालाबों में प्रजनन करते हैं। इनके लार्वा को समाप्त करने के लिए जमे हुए पानी में मिट्टी तेल छिड़काव करना चाहिए।
रोकथामः- मच्छरों के काटने से बचने के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें। पानी को जमा न होने दें और घर के आसपास सफाई रखें। मच्छर भगाने वाले क्रीम और स्प्रे का उपयोग करें। घर में नीम पत्ती जलाकर धुंआ करने से मच्छर से बचा जा सकता है।
Rainy Season diseases : टाइफाइड के लक्षण और बचाव
टाइफाइडः- टाइफाइड एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो प्रदूषित पानी और भोजन के सेवन से फैलता है।
लक्षणः- तेज बुखार, पेट में दर्द, सिरदर्द, कमजोरी, भूख में कमी।
रोकथामः- साफ और स्वच्छ पानी पीएं। खाने से पहले और बाद में हाथ को साफ धोएं। बाहर के खाने से बचें, विशेषकर सड़क किनारे के खाने में मक्खियां बैठी रहती है, इसलिए ऐसे खाद्य पदार्थाें का उपयोग करने से, सड़े-गले खाद्य पदार्थाें के उपयोग से बचें।
कॉलराः- कॉलरा एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो दूषित पानी और भोजन से फैलता है।
लक्षणः- उल्टी, दस्त, पेट दर्द, अत्यधिक प्यास, कमजोरी।
रोकथामः- साफ पानी पीएं और खाना बनाते समय स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। पानी को उबाल कर पीएं और खाने की सामग्री को ढक कर रखें।
यह भी देखें: प्रयागराज में मंत्रोच्चार के साथ धूमधाम से गुरु पूर्णिमा मनाया गया……परमात्मा का दूसरा स्वरूप गुरु ही होता है
सर्दी और फ्लूः- बारिश के मौसम में तापमान में अचानक बदलाव और नमी के कारण सर्दी और फ्लू का खतरा बढ़ जाता है।
लक्षणः- खांसी, जुकाम, बुखार, गले में खराश, बदन दर्द।
रोकथामः- मौसम के अनुसार कपड़े पहनें और भीगने से बचें और गीले कपड़े का इस्तेमाल न करें। विटामिन सी युक्त फलों का सेवन करें। भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचें।
Rainy Season diseases : त्वचा संबंधी बीमारियाँ के लक्षण और बचाव
त्वचा संबंधी बीमारियाँः-नमी और गंदगी के कारण त्वचा संबंधी संक्रमण, जैसे फंगल इंफेक्शन, बढ़ जाते हैं।
लक्षणः- त्वचा पर लाल चकत्ते, खुजली, जलन।
रोकथामः- त्वचा को सूखा और साफ रखें। गीले कपड़े जल्द से जल्द बदलें। एंटीफंगल पाउडर या क्रीम का उपयोग करें।
Rainy Season diseases : कंजेक्टिवाइटिस (आँख आना)
कारणः- बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण एलर्जी, गंदे हाथों से आँखों को छूना
लक्षणः- आँखों में लाली, खुजली और जलन, पानी निकलना, सूजन का होना
रोकथामः- साफ और स्वच्छ हाथों से आँखों को छुएं। व्यक्तिगत तौलिए और रुमाल का उपयोग करें। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बचें और काले चश्में का उपयोग करें।