रायपुर | Guru Purnima : गुरु पूर्णिमा, जिसे व्यस पूर्णिमा और आषाढ़ पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू कैलेंडर में सबसे महत्वपूर्ण पूर्णिमाओं में से एक है। यह आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर जुलाई या अगस्त में आता है।
गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का पर्व
Guru Purnima : यह पर्व गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और उनके ज्ञान और मार्गदर्शन के लिए उनका सम्मान करने का अवसर है। इस दिन, लोग अपने गुरुओं (शिक्षकों, आध्यात्मिक गुरुओं, या किसी भी व्यक्ति जिन्होंने उन्हें ज्ञान दिया है) के चरणों में दीप जलाकर, फूल और फल अर्पित करके, और पूजा-अर्चना करके उनकी पूजा करते हैं।
महर्षि वेद व्यास के जन्मदिवस को “गुरु पूर्णिमा महोत्सव” के रूप में मनाया जाता
Guru Purnima : माँ कामाख्या धर्मादा ट्रस्ट भारतवर्ष और देश-प्रदेश के समस्त शिष्यों के द्वारा प्रतिवर्ष महर्षि वेद व्यास के जन्मदिवस को “गुरु पूर्णिमा महोत्सव” के रूप में मनाया जाता है। प्रात: स्मरणीय धर्म के प्रणेता युगपुरुष धर्म रत्न विश्व विख्यात परम पूज्य गुरुदेव श्री संकर्षण शरण जी (गुरुजी) सद्गुरु शिष्यों को पूर्णिमा के चांद की तरह चमकाते हैं।
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Guru Purnima : गुरु पूर्णिमा महोत्सव शिष्य के लिए सर्वोच्च दिन
भक्ति में इतनी शक्ति होती है कि शिष्य में भी सतगुरु का रूप दिखता है शिष्य सद्गुरु की चरण पादुका का प्रक्षालन कर चरणामृत ग्रहण करेंगे भक्ति से शक्ति आती है । युक्ति भक्ति और मुक्ति के साधक है । छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के मारुति मंगलम, गुढ़ियारी, रायपुर में गुरु भक्त शिष्य गुरु पूर्णिमा महोत्सव की तैयारियों में व्यस्त है यह दिन शिष्य के लिए सर्वोच्च दिन होता है।
Guru Purnima : गुरु-शिष्य का महान पर्व “गुरु पूर्णिमा महोत्सव” इस वर्ष 21 जुलाई दिन रविवार को प्रातः 7.00 बजे से 12 बजे तक छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के मारुति मंगलम, गुढ़ियारी, रायपुर में हर्सोल्लास के साथ मनाया जायेगा। माँ कामाख्या धर्मादा ट्रस्ट भारतवर्ष और देश-प्रदेश के समस्त शिष्यों के द्वारा यह आयोजन किया जा रहा है। इस महापर्व में सभी शिष्य-शिष्यागण पहुँचकर गुरु दर्शन का लाभ ले वें ।
Guru Purnima : गुरु पूर्णिमा का महत्व :
- गुरु-शिष्य परंपरा का सम्मान: यह पर्व गुरु-शिष्य परंपरा का सम्मान करता है, जो भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण आधार है। गुरु को ज्ञान का प्रकाश माना जाता है, जो अंधकार को दूर करता है और शिष्यों को जीवन का सही मार्ग दिखाता है।
- ज्ञान और शिक्षा का महत्व: गुरु पूर्णिमा ज्ञान और शिक्षा के महत्व पर भी बल देता है। शिक्षा को जीवन में सफलता और आत्मज्ञान प्राप्त करने की कुंजी माना जाता है।
- कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर: यह पर्व अपने गुरुओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर भी है। गुरु हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और हमें उनके मार्गदर्शन और समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहिए।
Guru Purnima : गुरु पूर्णिमा कैसे मनाया जाता है :
- गुरु पूजन: गुरु पूर्णिमा का मुख्य अनुष्ठान गुरु पूजन है। इस दिन, लोग अपने गुरुओं के चरणों में दीप जलाकर, फूल और फल अर्पित करके, और पूजा-अर्चना करके उनकी पूजा करते हैं।
- धार्मिक कार्यक्रम: कई मंदिरों और आश्रमों में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर विशेष धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में भजन, कीर्तन, और प्रवचन शामिल हो सकते हैं।
- दान-पुण्य: गुरु पूर्णिमा को दान-पुण्य करने का भी एक अच्छा अवसर माना जाता है। लोग इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, दान, और वस्त्र दान कर सकते हैं।
Guru Purnima : गुरु पूर्णिमा का संदेश:
गुरु पूर्णिमा हमें ज्ञान, शिक्षा और गुरु-शिष्य परंपरा के महत्व को याद दिलाता है। यह हमें अपने गुरुओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और उनके मार्गदर्शन का पालन करने का अवसर भी देता है। आइए हम इस पावन अवसर पर अपने गुरुओं का सम्मान करें और उनके ज्ञान और शिक्षा से लाभ उठाएं।
गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं !
इस वर्ष गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई 2024 को मनाई जा रही है।