धर्म /अध्यात्म,
Navaratri : मां दुर्गा के विभिन्न रुपों की उपासना के लिए शारदीय नवरात्रि का समय सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. नवरात्रि के नौ दिनों में नियमपूर्वक माता की उपासना करने से उनकी कृपा अपने भक्त पर सदा बनी रहती है. माता की आराधना के लिए कठोर नियमों का पालन करना भी अनिवार्य होता है. अगर नियमों में शिथिलता रखी जाए तो माता की पूरी कृपा प्राप्त नहीं होती है. इस वर्ष शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 07 अक्टूबर से 15 अक्टूबर होने जा रही है. नवरात्रि का अंतिम दिन महानवमी कहलाता है, इस दिन कन्या पूजा की जाती है.
माता के नौ स्वरुप के मंत्र
1 नवरात्रि (पहला दिन) – 07 अक्टूबर (गुरुवार) – मां शैलपुत्री (घट-स्थापना).
- ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ओम् शैलपुत्री देव्यै नम:’ मंत्र का जाप करें.
- ऊँ शं शैलपुत्री देव्यै: नम:
- या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
2 नवरात्रि (दूसरा दिन) – 08 अक्टूबर (शुक्रवार) – मां ब्रह्मचारिणी
- ब्रह्मचारिणी: ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।
- ओम ब्रां ब्रीं ब्रौं ब्रह्मचारिणीय नमः
- या देवी सर्वभूतेषु ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता|नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:||
3 नवरात्रि (तीसरा दिन) – 09 अक्टूबर (शनिवार) – मां चंद्रघंटा
- चन्द्रघण्टा: ऐं श्रीं शक्तयै नम:।
- या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:।
4 नवरात्रि (चौथा दिन) – 10 अक्टूबर (रविवार) – मां कुष्मांडा
- कूष्मांडा: ऐं ह्री देव्यै नम:।
- या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
5 नवरात्रि (पांचवा दिन) – 11 अक्टूबर (सोमवार) – मां स्कंदमाता
- स्कंदमाता: ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:।
- या देवी सर्वभूतेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
6 नवरात्रि (छठवां दिन) – 12 अक्टूबर (मंगलवार) – मां कात्यायनी
- कात्यायनी: क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।
- या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
7 नवरात्रि (सातवां दिन) – 13 अक्टूबर (बुधवार) – मां कालरात्रि
- कालरात्रि: क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:।
- ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:।
- या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
8 नवरात्रि (आठवां दिन) – 14 अक्टूबर (गुरुवार) – मां महागौरी
- महागौरी: श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।
- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे.
- ॐ महा गौरी देव्यै नम:
- या देवी सर्वभूतेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
9 नवरात्रि (नौवां दिन) – 15 अक्टूबर (शुक्रवार) – मां सिद्धिरात्रि
- सिद्धिदात्री: ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।
- या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।
- “ऊँ ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नमो नम:
नवरात्रि में नियमों का करें सख्ती से पालन.
नवरात्रि पर्व में मां की अपार कृपा बरसती है, लेकिन इसे पाने के लिए भक्तों को कठोर तप करना पड़ता है. इन नौ दिनों में कई नियमों का सख्ती से पालन करने पर ही मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है. आप भी माता की उपासना के दौरान इन नियमों का पालन करें.
- नौ दिनों में स्वच्छता का पालन करें.
- नमक का सेवन करने से बचें.
- कठोर तप के दिनों में फलों का ज्यादा इस्तेमाल करें.
- मन में नकारात्मक विचारों को जगह न दें.
- कन्या, महिलाओं के सम्मान करें.
- किसी भी तरह के नशे से दूर रहें.
- नौ दिनों में मांसाहार पूरी तरह से वर्जित है.
- किसी को अपशब्द न कहें और अपनी वाणी को मधुर रखें.
- उपासना के नौ दिनों में क्रोध करने से बचना चाहिए.
- हर तरह की गलत आदत को छोड़ने का संकल्प लें.
- प्रकृति का सम्मान करें और सभी के प्रति आदर भाव रखें.