ज्योतिष शास्त्र में जिंदगी के हर पहलू का कोई न कोई ग्रह-नक्षत्र प्रतिनिधित्व करता है. यह ग्रह-नक्षत्र व्यक्ति के धन-दौलत, मान-सम्मान, विवाह, परिवार, सुख, दोस्ती आदि सभी पर शुभ-अशुभ असर डालते हैं. इसी तरह वे व्यक्ति के रिश्तों पर भी खासा असर डालते हैं. बल्कि हर रिश्ते का संबंध एक विशेष ग्रह से है और वह ग्रह उस रिश्ते पर अच्छा-बुरा प्रभाव डालता है. फिर चाहे वह रिश्ता माता-पिता से हो, पत्नी से हो या गुरु से हो.
हर रिश्ते से जुड़ा विशेष ग्रह यदि अच्छी स्थिति में हो, तो व्यक्ति के वो रिश्ते अच्छे होते हैं लेकिन यदि ऐसा न हो तो रिश्ते टूटने तक की नौबत आ जाती है. जानते हैं कि कौन सा ग्रह किस रिश्ते पर कैसा असर डालता है. साथ ही ग्रहों की स्थिति बेहतर करने के लिए क्या उपाय करना चाहिए.
सूर्य: सूर्य का संबंध पिता से होता है. यदि कुंडली में सूर्य की स्थिति ठीक न हो तो व्यक्ति को मानहानि का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा उसके अपने पिता के साथ रिश्ते भी अच्छे नहीं रहते. ऐसे लोगों को रोजाना सुबह सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए. साथ ही पिता से बहस करने से बचना चाहिए.
चंद्रमा: चंद्रमा का संबंध मां से होता है. इसकी खराब स्थिति मां का सेहत पर नकारात्मक असर डालती है. साथ ही ऐसे व्यक्ति को अपनी जिंदगी में स्त्री पक्ष की ओर से दुख उठाना पड़ता है. इस ग्रह को बेहतर करने के लिए शिव जी की पूजा करनी चाहिए. साथ ही अपनी मां का सम्मान करें और उनकी सेहत का बहुत ख्याल रखना चाहिए.
बुध: कुंडली में बुध ग्रह कमजोर हो तो इसका असर ननिहाल पक्ष के रिश्तों पर होता है. ननिहाल से रिश्ते अच्छे रखने के लिए व्यक्ति को हरी चीजों का दान करना चाहिए. ऐसे व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने की भी कोशिश करनी चाहिए.
गुरु: गुरु की खराब स्थिति गुरुजनों या बॉस से विवाद का कारण बन सकती है. इससे बचने के लिए गुरुवार के दिन कुछ उपाय (Remedies) करें. केले के पेड़ पर जल चढ़ाने और घी का दीपक लगाने से लाभ होगा. साथ ही गुरुओं और बुजुर्गों का सम्मान करें.
मंगल: इस ग्रह का संबंध भाई-बहनों से होता है. यदि यह ठीक न हो तो भाई-बहनों में झगड़े कराता है. इससे बचने के लिए अपने बड़े भाई-बहनों से हमेशा सम्मान से बात करें. साथ ही गुरु को बेहतर करने के लिए लाल चीजों का दान करना चाहिए.
शुक्र: शुक्र ग्रह का कमजोर होना प्रेम और दांपत्य जीवन पर असर डालता है. इन रिश्तों को मजबूत रखने के लिए हमेशा अपने साथी को सम्मान दें. साथ ही उसके प्रति अपने मन को साफ रखें.