हरियाणा होंगे 73वां वन महोत्सव….2 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य

चंडीगढ़/ हरियाणा

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रेरणा से आगामी 19 जुलाई 2022 को कुरुक्षेत्र के सरस्वती वन में 73वां वन महोत्सव मनाया जाएगा। इसकी अध्यक्षता वन मंत्री कंवर पाल करेंगे। कार्यक्रम में खेल मंत्री संदीप सिंह व अन्य अतिथि भी शिरकत करेंगे। वन विभाग ने इस बार 2 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य लिया है। इनमें 30 लाख पौधे हरियाणा की जनता को निशुल्क उपलब्ध करवाए जाएंगे।

वन मंत्री कंवर पाल ने बताया कि आगामी 19 जुलाई को कुरुक्षेत्र की धरती पर 73वां वन महोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। विभाग ने इस वर्ष 2 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य लिया है। इसमें से 40 लाख पौधे कृषि वानिकी के तहत, 29 लाख जल शक्ति अभियान के तहत, 19 लाख पौधे पौधगिरी स्कीम के तहत रोपित किए जाएंगे। इसके साथ-साथ 30 लाख पौधे हरियाणा की जनता को भी निशुल्क उपलब्ध करवाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि बचे हुए 82 लाख पौधे अन्य स्कीमों के तहत राज्यभर में रोपित किए जाएंगे।

अमृत सरोवर अभियान के तहत 22 जिलों के 2200 तालाबों पर लगेंगे बड़, पीपल के पौधे

वन एवं वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अपूर्व कुमार सिंह ने बताया कि अमृत सरोवर अभियान के तहत हरियाणा के 22 जिलों के 2200 तालाबों पर बड़, पीपल, नीम व पिलखन के पौधे लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि कालका से कलेसर तक 150 किलोमीटर लम्बी नेचर ट्रेल विकसित की जा रही है, क्योंकि मनुष्य को सबसे ज्यादा सुकून प्रकृति की गोद में ही प्राप्त होता है। यह कार्य इसी वित्तीय वर्ष के में पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ-साथ नगरों व कस्बों में प्रदूषण को रोकने के लिए सजावटी तथा छायादार वृक्षों को भी लगाया जाएगा।

प्रकृति एवं पर्यावरण साहित्य से सजा हुआ पुस्तक प्रदर्शन वाहन भी किया जाएगा रवाना

अपूर्व कुमार सिंह ने बताया कि वन महोत्सव के दिन भारत सरकार के नेशनल बुक ट्रस्ट के सहयोग से संचालित प्रकृति एवं पर्यावरण साहित्य से सजा हुआ पुस्तक प्रदर्शन वाहन विशेष रूप से रवाना किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कलेसर नेशनल पार्क में पहली बार मशरूम की 67 प्रजातियों व अरावली की पहाड़ियों में मनेठी में 58 तितलियों की प्रजातियों का पता चला है, जिसके संरक्षण के लिए वन विभाग पूरी तरफ तत्पर है। हरियाणा सरकार के पर्यावरण सहयोग नीति के कारण सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान और भिंडावास वन्य जीव विहार को ‘‘रामसर सूची’’ में शामिल होने से वन विभाग काफी उत्साहित है।

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