साइंस और सच्चाई ही कोरोना के खिलाफ मजबूत हथियार- अजीम प्रेमजी

नई दिल्ली
 विप्रो के संस्थापक चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने कहा कि कोरोना वायरस संकट से निपटने की लड़ाई विज्ञान और सच्चाई पर टिकी होनी चाहिए और हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि इसकी पुनरावृत्ति ना हो. उन्होंने कहा कि इन्हीं मूल्यों के दम पर हम महामारी का मुकाबला कर सकते हैं. उन्होंने कहा, "हमें सभी मोर्चों पर बेहद तेजी से काम करना होगा और हमारे प्रयास विज्ञान पर आधारित होने चाहिए. हमें इस महामारी का मुकाबला इसके विस्तार और फैलाव के स्तर पर करना होगा."

"ऐसी परिस्थितियों में हमें एक राष्ट्र के रूप में एकजुट होना पड़ेगा. हमें अपने मतभेद भुलाने होंगे और परिस्थितियों को देखते हुए एकजुट होना होगा. एकता में ही शक्ति है और अलग-अलग लड़ने पर हमें संघर्ष करना पड़ेगा." विप्रो संस्थापक ने कहा कि हमें सबसे कमजोर तबके पर अपना ध्यान केंद्रित करना होगा. महामारी के चलते पूरी स्थिति दुखदायी हो गई है, लेकिन आप गांवों को देखिए और जो गरीबी में जी रहे हैं उन्हें देखिए. सब कुछ तहस नहस हो गया है. ये सिर्फ महामारी के चलते नहीं हुआ है, लेकिन अर्थव्यवस्था पर पड़े असर ने लोगों की जिंदगी को तबाह कर दिया है.

अजीम प्रेमजी ने कहा कि हमारी प्राथमिकता जरूरतमंद होने चाहिए जिन्हें आधारभूत सुविधाओं की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि महामारी से निपटने के बाद हमें अपने समाज और अर्थव्यवस्था को पुनर्गठित करना होगा, ताकि किसी भी तरह की असमानता और अन्याय ना रहे.

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कॉरपोरेट का साथ
बता दें कि विप्रो और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ने पुणे में एक आईटी संयंत्र को 430 बिस्तरों वाले कोविड अस्पताल में परिवर्तित किया, वहीं इंफोसिस ने नारायण हेल्थ के सहयोग से बेंगलुरु में 100 कमरे का कोविड अस्पताल स्थापित किया है, जो गरीबों की मुफ्त देखभाल करता है. टाटा समूह ने अपनी कंपनियों के माध्यम से कोविड रोगियों के लिए लगभग 5,000 बिस्तर उपलब्ध करवाए. इसके अलावा समूह ने 1,000 क्रायोजेनिक कंटेनरों का आयात किया. एसबीआई, टेक महिंद्रा, सिप्ला, वेदांत, आईटीसी और अडानी समूह ने भी ऐसी ही पहल कीं.

भारत में पिछले दो सप्ताहों से प्रतिदिन संक्रमण के तीन लाख से अधिक मामले सामने आ रहे हैं और पिछले कुछ दिनों से ये आंकड़ा चार लाख के पार हो गया है. कोविड संक्रमण से भारत में 2.42 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

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