वैक्सीन की सुरक्षा के लिए कोल्ड चेन हैंडलरों को प्रशिक्षण

बेमेतरा,

भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे ई-विन कार्यक्रम (इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क) के तहत जिले के कोल्ड चेन हैंडलर को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। कोल्ड चेन हैंडलरों का प्रशिक्षण शिविर आज जिला टीकाकरण अधिकारी की अध्यक्षता में यूएनडीपी के सहयोग से आयोजित किया गया जिसमें वैक्सीन के रखरखाव, तापमान निगरानी, वैक्सीन स्टॉक, वैक्सीन वेस्टेज रोकने आदि की जानकारी विस्तारपूर्वक दी गई। उक्त प्रशिक्षण में नियमित टीकाकरण के अंतर्गत प्रदान की जाने वाली समस्त वैक्सीन के संबंध में आवश्यक जानकारी प्रदान दी गई। साथ ही वैक्सीन एवं लॉजिस्टिक की ऑनलाईन एन्ट्री ईविन के नये वर्जन में की जाने  के  लिए जिले के समस्त विकासखण्ड के कोल्ड चैन पाईन्टों में पदस्थ कोल्ड प्रशिक्षणार्थियों को प्रदान की गई| 

प्रशिक्षण में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार घोष, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. शरद कोहाडे, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुश्री लता बंजारे, यू.एन.डी.पी. के प्रोजेक्ट ऑफिसर डॉ. तनु प्रिया, वैक्‍सीन कोल्‍ड चैन मैनेजर व्ही.सी.सी.एम सतीश कुमार सेन, सहायक टीकाकरण देवेन्द्र कुमार नामदेव, कोल्ड चैन टेक्निशियन लक्ष्मण देवांगन एवं जिला वैक्सीन स्टोर प्रबंधक देवेन्द्र नामदेव उपस्थित रहें। 

क्या है वैक्सीन की ऑनलाइन मॉनिटरिंग

यूएनडीपी  के प्रोजेक्ट ऑफिसर डॉ. तनु प्रिया ने बताया, ईविन मोबाइल एप्लिकेशन से सभी कोल्ड चेन में उपलब्ध वैक्सीन की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जा रही है और गुणवत्ता पर भी नजर रखी जा रही है। वैक्सीन के सुरक्षित भंडारण के लिए नियत तापमान की जरूरत होती है जिसमें कमी या वृद्धि के कारण टीके के खराब होनेकी आशंका रहती है, लेकिन कोल्ड चेन में नियत तापमान में कमी या वृद्धि होने पर अलार्म बजने लगता है साथ ही इसकी सूचना एप के जरिये कोल्ड चेन प्रबंधक से लेकर जिला टिकाकरण अधिकारी एवं यूनिसेफ के जिला अधिकारी को भी प्राप्त हो जाती है।

आईएलआर में रखा जा रहा टीका 

जिले के सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा जिला अस्पताल के कोल्ड चेन में टीके रखने के डीप फ्रीजर में थर्मामीटर लगाए हुए हैं। ऐसे में फ्रीजर के बंद या खराब होने पर इसकी जानकारी संबंधित स्टाफ के पास चली जाती है। फ्रीज का तापमान +2 से +8 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा जाने पर मोबाइल से मैसेज व अलार्म बजने लगता है। ऐसे में तुरंत स्टाफ जाकर टीके को देख लेता है और उसे खराब होने से बचा लिया जाता है।

चालू (करंट ) स्टॉक की मिलती है जानकारी-

यूएनडीपी के डॉ. तनु प्रिया ने बताया कोल्ड चेन स्टाफ को टीके की मॉनिटरिंग सिस्टम के लिए स्मार्ट फोन और एक जीबी का डाटा प्लान दिया गया है। वह ईविन नेटवर्क के एप के जरिए टीके के स्टॉक को अपडेट करते हैं। इससे जिला कोल्ड चेन मैनेजर को ईविन वेबसाइट पर वैक्सीन की चालू (करंट) स्टॉक की जानकारी मिल जाती है। साथ ही विकसित किए गए एडवांस एप से कहां कितनी वैक्सीन है, और उसका रख-रखाव कैसा हुआ है। यह भी जीपीएस से स्वचालित तरीके से अपडेट होता है।

वैक्सीन के रख रखाव व प्रबंधन के लिए प्रशिक्षण जरूरी 

वैक्‍सीन कोल्‍ड चैन मैनेजर सतीश कुमार सेन ने प्रशिक्षण के दौरान कोल्ड चेन हैंडलर्स को बताया, सभी कोल्ड चेन उपकरण आईएलआर, डीप फ्रीजर, कोल्ड बॉक्स, वैक्सीन कैरियर, आईस पैक, थर्मामीटर, आदि का उपयोग कैसे करना है। उन्होंने बताया जिले में सभी सीएचसी, पीएचसी व जिला मुख्यालय पर कुल 24 कोल्ड चेन पॉइंट हैं। वैक्सीन के रखरखाव व सही तापमान की निगरानी के लिए आईएलआर में टेंपरेचर लॉगर लगा है, जिनके जरिए ऑनलाइन तापमान की निगरानी की जाती है। ऑनलाइन सिस्टम के माध्यम से वैक्सीन के तापमान, स्टॉक, वेस्टेज आदि पर हर समय ऑनलाइन निगरानी की जा रही। इससे कोल्ड चेन मैनेजमेंट सहित अन्य जानकारियां भी आसानी से मिल रही हैं। वैक्सीन से संबंधित रिपोर्टिंग आदि के बारे में बारीकी से बताया। सिस्टम में रहकर काम करने से टीकाकरण कार्यक्रम संचालित करने में सुविधा होगी। वर्तमान समय में कोविड-19 एवम् नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को देखते हुए बर्बादी कम किया जाना जरूरी है। इसके लिए सभी को नई तकनीक से अपडेट होना होगा।

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