लंदन
एश्ले बार्टी के लिए अपने पहले विंबलडन के फाइनल तक पहुंचना आसान नहीं रहा है क्योंकि उन्होंने पिछले महीने अपने कूल्हे के चोटिल होने के बाद खेलना बंद कर दिया था। लेकिन वह खुद को ज्यादा परेशान नहीं होने देती और वह नंबर एक खिलाड़ी क्यों है, उन्होंने फाइनल में पहुंचकर भी बता दिया। बार्टी ने गुरुवार को यहां पूर्व चैंपियन एंजेलिक कर्बर को सीधे सेटों में हराकर पहली बार विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट के महिला सिंगल्स के फाइनल में प्रवेश किया। आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी बार्टी ने एंजेलिक कर्बर को 6-3, 7-6 (7-3) से हराया।
फाइनल में उनका मुकाबला कैरोलिना प्लिस्कोवा से होगा जिन्होंने अन्य सेमीफाइनल में आर्यना सबालेंका को 5-7, 6-4, 6-4 से हरा दिया। पूर्व विश्व नंबर एक प्लिस्कोवा ने शुरुआती सेट में पिछड़ने के बाद शानदार वापसी करते हुए पहली बार विंबलडन के फाइनल में जगह पक्की की और इस बार विंबलडन को नई महिला चैंपियन मिलेगी। फाइनल मुकाबला शनिवार को खेला जाएगा।
इससे पहले बार्टी 2011 में विंबलडन में जूनियर चैंपियन भी रही थीं। उन्होंने कहा, 'मेरे करियर में कई उतार-चढ़ाव आए और उस बीच में हर चीजें हुईं लेकिन, हमें अपने रास्ते और सफर पर चलना चाहिए। विंबलडन में खेलना सबसे अच्छा अनुभव रहा है। मैंने अभी तक जितने मैच खेले हैं, उसमें यह सर्वश्रेष्ठ टेनिस मैच रहा है।' 25 वर्षीय बार्टी ने 2019 फ्रेंच ओपन के रूप में अपने करियर का पहला ग्रैंडस्लैम खिताब जीता था।
कर्बर ने 2018 में विंबलडन खिताब जीता था और 2016 में वह उप विजेता रही थी। बार्टी के खिलाफ पहला सेट गंवाने के बाद उनके पास दूसरे सेट में वापसी का मौका था। कर्बर 5-3 पर सेट के लिए सर्विस कर रही थी, लेकिन उन्होंने अपनी सर्विस गंवा दी। इसके बाद यह सेट टाई ब्रेकर तक खिंच गया। फ्रेंच ओपन 2019 की विजेता बार्टी ने टाईब्रेकर में 6-0 की बढ़त हासिल कर ली और फिर अपने चौथे मैच प्वाइंट पर जीत दर्ज की। कर्बर का बैकहैंड तब नेट पर उलझ गया था।