रोजगार की मांग पर भू विस्थापित किसान करेंगे जंगी प्रदर्शन, किसान सभा भी होगी शामिल

कोरबा,

कुसमुंडा क्षेत्र के भू-विस्थापित किसान नियमित रोजगार देने की मांग पर एसईसीएल के कुसमुंडा मुख्यालय पर 1 जनवरी को जंगी प्रदर्शन करेंगे। यह जानकारी भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ के सचिव दामोदर कौशिक और छत्तीसगढ़ किसान सभा के सचिव प्रशांत झा ने आज यहां दी।

उल्लेखनीय है कि भूविस्थापितों को नियमित रोजगार देने की मांग पर पर पिछले दो माह से धरना दिया जा रहा है। इस बीच दो बार खदान बंदी भी की गई और आंदोलनकारी गिरफ्तार भी किये गए हैं। एसईसीएल प्रबंधन ने एक माह में उन्हें रोजगार देने का लिखित वादा किया था, लेकिन इसमें असफल रहा। रोजगार के बदले भूविस्थापितों को ठेकेदारी देने के प्रबंधन के प्रस्ताव को उन्होंने पूरी तरह ठुकरा दिया है।

दामोदर कौशिक और प्रशांत झा ने कहा कि इस क्षेत्र में वर्ष 1978-2004 के मध्य भूमि का अधिग्रहण किया गया है, इसलिए तब की पुनर्वास नीति के तहत रोजगार देने की उनकी मांग जायज है, जबकि प्रबंधन वर्ष 2012 की पुनर्वास नीति के तहत उन्हें रोजगार देने की पेशकश कर रहा है। इस नीति के तहत बहुत ही कम भू-विस्थापितों को रोजगार मिलेगा। उनका कहना है कि यदि एसईसीएल ने उन्हें समय पर रोजगार नहीं दिया है, तो इसके लिए प्रबंधन जिम्मेदार है, न कि भूविस्थापित किसान। इसलिए पुरानी नीति से मुआवजा और नई नीति से रोजगार की एसईसीएल की पेशकश आंदोलनकारियों को स्वीकार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि एसईसीएल प्रबंधन भू विस्थापितों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भू विस्थापित जमीन के बदले रोजगार मिलने तक संघर्ष जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि विस्थापितों को सम्मानजनक जीवन और पुनर्वास प्रदान करना एसईसीएल और सरकार की जिम्मेदारी है, इसलिए वह सभी भू विस्थापित परिवारों के एक-एक सदस्य को रोजगार देने की प्रक्रिया जल्द शुरू करे।

रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष राधेश्याम कश्यप ने कहा कि जब पूरी दुनिया नए साल का जश्न मना रही होगी, तब कुसमुंडा के भू-विस्थापित किसान अपने परिवार के साथ अपनी जमीन के बदले रोजगार की मांग को लेकर एसईसीएल कुसमुंडा मुख्यालय के सामने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करेंगे।

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