यूपी में तीन-चार माह में पूरा हो जाए वैक्सीनेशन: इलाहाबाद हाईकोर्ट

 प्रयागराज 
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोराना संक्रमण पर जल्दी काबू पाने के लिए राज्य सरकार से कहा कि सरकार टेंडर की लंबी प्रक्रिया अपनाने की बजाय सीधे इसकी खरीद का प्रयास करे क्योंकि जिस प्रकार से संक्रमण फैल रहा है और तीसरी लहर आने की आशंका बनी है वायरस का म्यूटेशन इतना तेज होगा यह वैक्सीन के प्रभाव को निष्प्रभावी कर देगा।

ऐसे में अब तक किए गए सभी प्रयासों का वांछित परिणाम नहीं मिल सकेगा। कोर्ट ने सरकार को वैक्सीन शीघ्र हासिल करने का रास्ता खोजने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा कि प्रदेशभर में टीकाकरण का कार्य तीन-चार माह में पूरा कर लिया जाए ‌तभी इसका लाभ मिलेगा। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि संक्रमण में भले ही कमी आ रही है लेकिन यह आराम से बैठने का समय नहीं है। तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर स्वास्थ्य सुविधाओं का ढांचा और मजबूत करने की जरूरत है। कोर्ट ने प्रदेश के सभी न्यायिक मजिस्ट्रेट को जमाखोरों से जब्त किए गए रेमड‌ेसिवर इंजेक्शन व अन्य जीवनरक्षक दवाएं जल्द रिलीज करने के लिए सम्बंधित मामलों का तीन दिन में निस्तारण करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने डीजीपी से कहा कि सकुर्लर जारी कर सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश ‌दें कि जब्त की गई दवाएं रिलीज कराने के लिए 24 घंटे में संबंधित मजिस्ट्रेट से संपर्क करें। 

न्यायमूर्ति ‌सिद्धार्थ वर्मा एवं न्यायमूर्ति अजीत कुमार की खंडपीठ ने मेरठ के ट्रामा सेंटर में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों के मामले में वहां के डीएम मेरठ की रिपोर्ट पर असंतोष जताया है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में डीएम मेरठ ने कोर्ट को बताया कि मौतें किसी अन्य कारण से हुई हैं। हालांकि वह कोर्ट के इस सवाल का जवाब नहीं दे सके कि मौतें किस कारण से हुईं और उस दिन सेंटर में कितनी ऑक्सीजन उपलब्ध थी। कोर्ट ने कहा कि स्पष्ट है कि डीएम ने सही तरीके से जांच नहीं की जबकि मामले पर न्यायिक स्तर से संज्ञान लेने के बाद उन्हें ऐसा करना चाहिए था। कोर्ट ने डीएम मेरठ को प्रकरण की विस्तृत जांच कर अगली सुनवाई पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
 

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