भोपाल
वैज्ञानिक ऐसे प्रोजेक्ट पर काम करें, जिसका उपयोग प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक विकास मे प्रभावी हो। यह निर्देश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने बुधवार को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् की विभिन्न साइंस प्रोजेक्ट्स की समीक्षा बैठक में दिए।
मंत्री सखलेचा ने कहा कि प्रोजेक्ट को इस तरह तैयार करना चाहिये कि उसका लाभ ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचे और उसका लाभ ग्रामीणों का जीवन बेहतर बनाने में किया जा सके। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को अपनी पचास प्रतिशत ऊर्जा युवा वैज्ञानिकों को वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए प्रेरित करने और शेष आधी ऊर्जा समाज के आर्थिक विकास के लिए करना चाहिये।
समीक्षा बैठक में विभाग के सचिव एम. सेलवेन्द्रन ने सिलसिलेवार ऑन-गोइंग प्रोजेक्टस के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक परियोजनाओं को बनाते समय उसकी भावी संभावनाओं, उद्देश्यों और प्रभावों पर भी गौर करना चाहिये। सेलवेन्द्रन ने कहा कि प्रोजेक्ट समयबद्ध और परिणाममूलक होना चाहिये।
परिषद के महानिदेशक डॉ.अनिल कोठारी ने बताया कि हमारे यहाँ के वैज्ञानिक शहरी विकास से लेकर बायोटैक्नोलॉजी और टिश्यू कल्चर से पैदा होने वाले मेडिसिनल प्लांट्स से लेकर जल संसाधनों से संबंधित प्रोजेक्ट पर काम कर रहे है।