मुख्यमंत्री चौहान ने केन्द्रीय मंत्री मनसुख मांडविया से मुलाकात की

भोपाल

मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री  मनसुख एल. मांडविया से उनके कार्यालय में मुलाकात कर प्रदेश में चलाये जा रहे वैक्सीनेशन महाभियान और प्रदेश में यूरिया और डीएपी की बढ़ती माँग के बारे में विस्तार से चर्चा की।

मुख्यमंत्री  चौहान ने बताया कि पूरे देश में चलाये जा रहे वैक्सीनेशन अभियान में मध्यप्रदेश के शत-प्रतिशत नागरिकों को टीके के दोनों डोज लगाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में 25 और 26 अगस्त को टीकाकरण के महाभियान का द्वितीय चरण आयोजित किया जा रहा है। अभियान के दो दिवसों में कुल 35 लाख नागरिकों के टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मुख्यमंत्री  चौहान ने केन्द्रीय मंत्री से आग्रह किया कि अभियान को सफल बनाने के लिए केन्द्र से 11 लाख वैक्सीन की अतिरिक्त डोज 24 अगस्त तक राज्य को प्राप्त हो जाय, जिससे अभियान को सफल बनाया जा सके। केन्द्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि 11 लाख टीके की डोज राज्य सरकार को 24 अगस्त तक केन्द्र द्वारा मुहैया करा दी जायेगी।

मुख्यमंत्री  चौहान ने बताया कि प्रदेश में धान रोपण का कार्य प्रगति पर है, जिसके लिए डीएपी की माँग राज्य में बढ़ गयी है। इसके साथ ही मक्का एवं धान में यूरिया की ड्राप ड्रेसिंग की जा रही है, जिससे यूरिया की भी माँग बढ़ गई है। मुख्यमंत्री  चौहान ने आगे बताया कि प्रदेश को अभी तक यूरिया के 12.13 लाख मीट्रिक टन आवंटन की मांग के विरुद्ध केन्द्र द्वारा केवल 8 लाख मीट्रिक टन अभी तक दिया गया है। इसी प्रकार डीएपी 8.05 लाख मीट्रिक टन के आवंटन के विरुद्ध केवल 5 लाख मीट्रिक टन मुहैया कराया गया है। मुख्यमंत्री  चौहान ने अनुरोध किया कि शेष 4.13 लाख मीट्रिक टन यूरिया और शेष 3.05 लाख मीट्रिक टन डीएपी केन्द्र द्वारा शीघ्र जारी किया जाय।

केन्द्रीय मंत्री  मांडविया के सुझाव पर मुख्यमंत्री  चौहान ने केन्द्र द्वारा जारी ई-रुपी व्हाउचर योजना को मध्यप्रदेश में पायलट प्रोजेक्ट की तर्ज पर खाद के लिए एक जिले में लागू करने की बात कही। इसके अलावा एन पी के और एस एस पी खाद के साथ साथ नैनो यूरिया को भी कृषि क्षेत्र में बढ़ावा देने की बात कही। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं उनके मंत्रीगण, सांसद, विधायक एवं प्रगतिशील किसान अपने-अपने खेतों में इसका प्रयोग करेंगे और किसानों को इसका अनुसरण करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

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