मच्छर नियंत्रित करने को स्वास्थ्य विभाग ने बांटे गंबूजिया मछली व मेडिकेटेड मच्छरदानी

दुर्ग-भिलाई,

राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में इस वर्ष भी 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस मनाया गया। मच्छर दिवस पर लोगों को मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, फाइलेरिया एवं जापानीज इन्सेफिलाइटिस एवं अन्य मच्छर जनित रोग के नियंत्रण के लिए जन समुदाय को जागरूक करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। लोगों की सहभागिता से जल जमाव से मच्छर जन्य परिस्थितियों को समाप्त कर मच्छर से बचाव के लिए दुर्ग व भिलाई शहरी क्षेत्रों के बड़े नालों में सुपेला नाला, शंकर नाला सहित डेंगू व मलेरिया प्रभावित 25 जगहों में गम्बूजिया मछली डाली गयी है ताकि मच्छर जनित बीमारियों से बचाव एवं नियंत्रण हो सके। इसके अलावा जिले के पुरेना, पाटन व झिट सहित अन्य इलाकों में 20,896 मेडिकेटेड मच्छरदानियों का वितरण किया गया है।

जिला मलेरिया नियंत्रण अधिकारी डॉ. सीबीएस बंजारे ने बताया, “जिले में अब तक 16 डेंगू से पीड़ित मरीजों की पहचान की गई जिसमें 5 मरीज बाहरी जिलों व प्रदेशों के निवासी हैं। डेंगू व मलेरिया की रोकथाम के लिए नालियों में जला आइल का छिड़काव किया गया। डॉ. बंजारे ने बताया, जिले के अंतर्गत चार नगर पालिका दुर्ग, भिलाई, चरोदा व रिसाला, नगर परिषद जामूल, अहिरवारा, कुम्हारी, नगर पंचायत उतई, धमधा व पाटन में मच्छरों को खत्म करने के लिए फॉगिंग मशीन का उपयोग और मैलाथियान कीटनाशक का छिड़काव किया गया। हर साल बारिश से पहले स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय निकाय द्वारा घर और आसपास में डीडीटी का छिड़काव कराया जाता है। मच्छर के संपर्क में आने से मलेरिया और डेंगू जैसे घातक बीमारी होती है। इन बीमारियों में समय पर इलाज ना कराए जाने का परिणाम घातक हो सकता है”।

दुर्ग जिले के नगरीय क्षेत्रों में “मच्छर के उत्पत्ति स्थल, जैसे गमले, कूलर, टायर, डिस्पोजल, पुराने मटके, सिमेंट की टंकियों आदि में कई दिनों से जमा पानी को खाली कर टेमीफॉस का छिड़काव कर लार्वा को नष्ट किया गया ताकि मच्छर के जीवन चक्र को समाप्त किया जा सके एवं मच्छर से होने वाली बीमारियों से स्वयं एवं अपने पड़ोस को बचाया जा सके। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ बंजारे ने लोगों से अपील की, कि सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, फुल बांह के कपड़े पहनें एवं मच्छर से बचाव के अन्य उपाय जैसे नीम की पत्ती का धुंआ करें ताकि बाद में होने वाली तकलीफ से बचा जा सके।जिला मलेरिया नियंत्रण अधिकारी डॉ. बंजारे ने बताया, “ग्राम व शहरी क्षेत्रों में मितानिन व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सहयोग से नारा लेखन, वाल पेंटिंग, लक्षण व बचाव की जानकारी घर-घर दी जाएगी। जन जागरुकता लाने के लिए ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति, महिला आरोग्य समिति के सदस्यों के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जा रहा है। मलेरिया विभाग की ओर से विगत वर्षों से ही मलेरिया नियंत्रण के लिए लगातार कार्य किये जाने से मलेरिया के सकारात्मक प्रकरणों में कमी दर्ज की जा रही है”।

मच्छर दिवस के मौके पर सीएमएचओ कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में सीएमएचओ डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. सीबीएस बंजारे, तकनीकी पर्यवेक्षक लक्की दुबे, विवेक कापरे, कमल तिवारी, समरेश पटेरिया व मलेरिया निरीक्षक, सुपरवाईजर सहित कर्मचारीगण उपस्थित रहें।

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