रायपुर,
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू,अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि नृशंस पुलवामा आतंकी हमले की तीसरी वर्षगांठ पर, कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने पुलवामा शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए ई-कॉमर्स दिग्गज अमेज़न के खिलाफ अपनी आवाज़ और बुलंद करते हुए इस आतंकी हमले में अमेज़न की भूमिका को देखते हुए पोर्टल के खिलाफ तुरंत कार्रवाई का आह्वान किया है। 14 फरवरी 2019 को इस दिल दहला देने वाले आतंकी हमले में 40 जवानों की मौत हो गई और 35 अन्य घायल हुए थे।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी और प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 7 फरवरी, 2020 को खुलासा किया कि पुलवामा हमले में इस्तेमाल किए गए बम को तैयार करने वाले हमलावरों ने अमेज़ॅन शॉपिंग पोर्टल के माध्यम से बम बनाने के लिए आवश्यक रॉ मटेरियल को खरीदा था। हालांकि यह सरकार की अपनी एजेंसी द्वारा किया गया एक स्पष्ट खुलासा था, लेकिन प्रतिबंधित वस्तुओं की खरीद फरोख्त को सुविधाजनक बनाने के लिए अमेज़ॅन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यह बेहद खेदजनक है कि बड़ी कंपनियों और दिग्गजों को हमेशा सरकार के शिकंजे से बचाया जाता है, यहां तक कि गंभीर मामलों में भी उनको छूट दी जाती है। फिर चाहे वे खुलेआम कानूनों और नियमों का उल्लंघन कर रहे हो या पुलवामा हमले में अमोनियम नाइट्रेट बेहद आसानी से मुहैया करा रहे हो या फिर मध्य प्रदेश में गांजा और जहर भी उपलब्ध करा रहे हो, सरकारों ने इन वैश्विक दिग्गजों को हर तरह की छूट दी है, जो चिंता का विषय है।
पारवानी एवं दोशी ने कहा कि पुलवामा हमला, 1989 के बाद कश्मीर में आतंक का सबसे घातक और विनाशकारी हमला साबित हुआ है, और इसने पूरे देश को शोकगुल कर दिया। उस समय पूरे देश में आतंक के अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवाज़ बुलंद थी। हालांकि यह जानकर दुख होता है कि राष्ट्रीय महत्व का मुद्दा होने के बावजूद, एक प्रभावशाली बहुराष्ट्रीय दिग्गज की भूमिका को पूरी तरह से अनदेखा कर दिया गया है।