पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने प्रभारी पी.एल. पुनिया की उपस्थिति में कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में ध्वजारोहण किया

रायपुर

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने प्रदेश प्रभारी पी.एल. पुनिया की उपस्थिति में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में ध्वजारोहण किया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर नमन किया गया। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के अमर शहीदों को नमन किया गया। इस दौरान राष्ट्रगीत, राष्ट्रगान, ध्वज वंदना एवं राज्य गीत का गायन हुआ। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने ध्वजारोहण के पश्चात शुभकामना संदेश वाचन किया।

प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि देश आज अपनी आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है, इस अवसर पर मैं,
आप सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। आज पूरे देश में तिरंगा, आसमान की बुलंदी पर लहरा रहा है। देश की राजधानी से लेकर भारत के गांव-गांव और हमर प्रदेश के घर-घर में राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। राष्ट्र के तिरंगे की छत्रछाया में स्वाधीनता के महान संग्राम को जिन्होंने अपने त्याग और बलिदान की ज्योति से प्रज्वलित किया, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की अगुवाई में कांग्रेस के जिन सिपाहियों ने देश के हर कोने से आज़ादी की पुकार लगाई, आज हम उन सभी स्वतंत्रा संग्राम सेनानियों को श्रध्दा एवं गर्व से स्मरण करते हैं। सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरू, अश्फाकुल्ला ही, नही शहीद वीर नारायण सिंह जैसे अनगिनत सपूतों के बलिदानों को कभी बिसराया नही जा सकता।

आज़ादी का यह पर्व हमारा गौरवशाली पर्व है, इस पर्व को जिन्होंने अपने त्याग और बलिदान से प्रकाशमान किया उनमें लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, गोपालकृष्ण गोखले, पं. मोतीलाल नेहरू, नेताजी सुभाशचंद्र बोस, देशबंधु चितरंजन दास, बाबू राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, पं. जवाहर लाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, डॉ. भीमराव अम्बेडकर, सरोजनी नायडू, आचार्य कृपलानी, मौलाना अबुल कलाम आजाद, लालबहादुर शास्त्री हमारी राष्ट्रीयता के प्रतीक बने।

स्वाधीनता आंदोलन का संघर्ष छत्तीसगढ़ में भी बडे-बडे शहरों के साथ-साथ नगरों एवं कस्बों से होता हुआ आदिवासी बाहुल्य बस्तर तथा सरगुजा में भी अपने बलिदान का इतिहास रचता हुआ पूरे छत्तीसगढ़ के हर रहवासी के दिलों की धड़कनों में समाता चला गया। क्रांतिकुमार भारती, पं. रविशंकर शुक्ल, पं. सुन्दरलाल शर्मा, डॉ. राघवेन्द्र राव, बैरिस्टर छेदीलाल, यति यतनलाल, माधवराव सप्रे, पं. लोचन प्रसाद पांडेय, वामन राव लाखे, डॉ. खूबचंद बघेल, महंत लक्ष्मीनारायण दास, ठाकुर प्यारेलाल सिंह तथा मौलाना अब्दुल रउफ जैसे हजारों वीर सेनानियों के हम कृतज्ञ हैं।

आजादी के 75वर्ष के बाद आज के इस दौर में देश को धर्म, सम्प्रदाय, पंथ के आधार पर बांटने की कोशिश हो रही है, ऐसे में भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से कांग्रेस, लोगों को आज़ादी के दिनों का स्मरण करते हुए पुनः एकजुटता का संदेश दे रही है।

इस यात्रा की अगुवाई, हमारे युवा एवं कर्मठ नेता राहुल गांधी जी कर रहे हैं। 3500 किलोमीटर की यह पदयात्रा कन्याकुमारी से शुरू होकर, 12 राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों से होते हुए कश्मीर तक पहुंचेगी। अपने प्रदेश छत्तीसगढ़ में भी प्रतीकात्मक रूप से हर विधानसभा क्षेत्रों में 75किलोमीटर की भारत जोड़ो पदयात्रा का आयोजन किया-मित्रों देश की एकता और अखण्डता ही, हमारा संकल्प है। देश प्रेम सर्वपरि है और इसलिए, छत्तीसगढ़ में हमने, महात्मा गांधी के रामराज्य के सपनों को साकार करने का संकल्प लिया। इस संकल्प के अनुरूप बीते साढ़े तीन वर्शों में माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार अपने विकास एवं जनहित के लक्ष्यों को निर्धारित कर काम कर रही है, जिसमें सबका हित समाहित है।

इन साढ़े तीन वर्षों में छत्तीसगढ़ के गांवों को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाया । कांग्रेस ने चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ के किसानों से कर्जमाफी और उनकी उपज की सही कीमत देने का वायदा किया था, सरकार बनते ही, इन वायदों को पूरा किया गया। भूमिहीन कृषि मजदूरों को खेती-किसानी के दिनों में ही, काम मिलता था, इस बात को ध्यान में रखते हुए राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना लायी गई । अब भूमिहीन कृषि मजदूरों और पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े लोगों को सालाना 7 हजार रूपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। गो-धन को लेकर कभी किसी ने नही सोचा था, हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में गो-धन न्याय योजना लायी गई।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में लोग गोबर बेचकर भी हजारों-लाखों रूपये की आय प्राप्त कर रहे हैं, गोबर के साथ-साथ गो-मूत्र की भी खरीदी शुरू हो चुकी है। गौठानों में बने रूरल इंडस्ट्रियल पार्क से जुड़कर 60 हजार महिलाएं काम कर रही है। युवाओं के लिए लगातार सरकारी भर्तियां निकाली जा रही है, तो दूसरी ओर उन्हें अन्य रोजगारमूलक गतिविधियों से भी जोड़ा जा रहा है। प्रदेश के नौनिहालों को भविश्य में बेहतर अवसर मिल सकें, इसके लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल संचालित किये जा रहे हैं। कुपोषण से पीड़ित बच्चों और एनिमिया की शिकार माता-बहनों के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान संचालित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नीतियों का ही, परिणाम रहा है, कि कोरोना काल में भी छत्तीसगढ़ मंदी से अछूता रहा है तथा इस दौर में भी छत्तीसगढ़ में मनरेगा के काम अनवरत चलते रहे। तेन्दूपत्ता संग्रहण दर 2500रू. मानक बोरा से बढ़ाकर 4000रू. मानक बोरा कर दी गई। समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले लघु वनोपजों की संख्या 7 से बढ़कर 65 कर दी गई है। जल-जंगल-ज़मीन पर आदिवासियों के अधिकार सुनिश्चित करते हुए वन अधिकार कानून को प्रभावी ढंग से लागू किया गया। आदिवासी संस्कृति के सम्मान के लिए देवगुडियों और घोटुलों का विकास तथा सौन्दर्यीकरण किया जा रहा है। राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव के आयोजन की परम्परा की शुरूवात करके छत्तीसगढ़ की आदिम संस्कृति के गौरव को बढ़ाया है तथा उसे विश्व में पहचान दिलाई।
स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर आज मैं, पूरी संतुश्टि के साथ कह सकता हूं कि, हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने जिस भारत का सपना देखा था, बीते साढ़े तीन वर्शों में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने उन्हीं सपनों के अनुरूप उपलब्धियां हासिल की है। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार की प्राथमिकताएं जनसामान्य के हितों के लिए समर्पित है। जनहित ही, हमारा उद्देश्य है और प्रदेशवासियों की सेवा हमारा कर्तव्य।

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