पटना
पटना में गुरुवार को 17 नए ब्लैक फंगस के मरीज अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हुए। इनमें से सात आईजीआईएमएस में, सात एम्स में और तीन पीएमसीएच में भर्ती हुए। आईजीआईएमएस में दो मरीजों की मौत इलाज के दौरान हो गई। फंगस संक्रमितों की लगातर बढ़ती संख्या के कारण आईजीआईएमएस का 100 बेड और एम्स का 75 बेड का फंगस वार्ड अब मरीजों से पूरी तरह से भर गया है। आईजीआईएमएस में 10 संदिग्ध को लेकर कुल 107 संक्रमित जबकि एम्स में 98 संक्रमित भर्ती हैं। एम्स में ईएनटी विभाग की अध्यक्ष डॉ. क्रांति भवना ने बताया कि ब्लैक फंगस के कई मरीज कोरोना से भी संक्रमित हैं। अत: उन्हें कोविड वार्ड में भी रखा गया है। ऐेसे मरीजों की संख्या लगभग 23 है। वहीं पीएमसीएच में गुरुवार को छह गंभीर मरीजों को एम्स और आईजीआईएमएस के लिए रेफर किया गया। वहां भर्ती मरीजों की कुल संख्या 19 है। पीएमसीएचमें 70 बेड के फंगस वार्ड में अब 51 बेड खाली हैं।
ब्लैक फंगस के गंभीर मरीजों को तत्काल ऑपरेशन की सुविधा देने के लिए आईजीआईएमएस में ओपन ऑपरेशन की भी शुरुआत की गई है। अबतक वहां इंडोस्कोपिक विधि से ही ब्लैक फंगस का ऑपरेशन किया जा रहा था। अस्पताल अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि ब्लैक फंगस के संक्रमित कई ऐसे मरीज भर्ती हो रहे हैं जिनका तत्काल ऑपरेशन किया जाना जरूरी होता है। ऐसे में यदि सिर्फ इंडोस्कोपी विधि से ऑपरेशन कियाजाए तो ज्यादा समय लग सकता है।ऐसे में कुछ मरीजों का ओपन ऑपरेशन भी विशेषज्ञ सर्जनों की टीम द्वारा की जा रही है। गुरुवार को वहां चार का इंडोस्कोपिक विधि से और चार का ओपन विधि से ऑपरेशन किया गया। वहीं एम्स में भर्ती पांच मरीजों का ऑपरेशन गुरुवार को हुआ।
ब्लैक फंगस मरीजों के लिए दवाओं की आपूर्ति मरीजों की दैनिक जरूरतों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही है। आइ्रजीआईएमएस के एक वरीय चिकित्सक ने बताया कि मरीजों की दैनिक रिपोट्र जाती है उसके अनुसार दवाओं की आपूर्ति हेाती है। लेकिन कई बार आपूर्ति में बाधा होने पर मरीजों के लिए मुश्किल हो जाती है। पिछले सप्ताह ऐसा लगातार देा दिनों तक हुआ था। एम्स के डॉ. प्रशांत सिंह ने बताया कि मरीजों को ऐसी परेशानियों से बचाने के लिए एम्स एम्फोटेरिसिन की 3000 वॉयल की खरीद के लिए दवा निर्माता कंपनी के संपर्क में है।