नाबालिक किशोरी से दुष्कर्म के आरोपी को 20 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा

फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश यशवंत सारथी का निर्णय

सक्ती / मनोज यादव 

फास्ट ट्रैक कोर्ट शक्ति के विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी ने 17 वर्ष 10 माह की नाबालिग बालिका जो कक्षा 12 की छात्रा थी के साथ दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध दोष सिद्ध पाए जाने पर आरोपी को 20 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा एवं अर्थदंड से दंडित करने का निर्णय पारित किया है। विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने बताया कि अभियोक्त्री अपने स्कूल पढ़ने के लिए कभी साइकिल से या कभी स्कूटी से जाती थी घटना दिनांक को अभियोक्त्री सुबह 10:30 बजे अपनी स्कूटी से अपने घर से स्कूल जाने के लिए निकली थी जो वापस घर नहीं आया तो उसके पिता ने अपने नाबालिग पुत्री को किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा बहला फुसलाकर भगा ले जाने की थाना में रिपोर्ट किया था।

थाना डभरा द्वारा अज्ञात आरोपी के विरुद्ध धारा 363 भारतीय दंड संहिता का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना किया गया तथा विवेचना के दौरान नाबालिग अभियोक्त्री को अभियुक्त से पुलिस द्वारा बरामद किया गया तथा संपूर्ण वैधानिक कार्यवाही पुलिस द्वारा किया गया एवं विवेचना पूर्ण होने पर पुलिस द्वारा अभियोग पत्र अभियुक्त के विरुद्ध धारा 363, 366, 376 भारतीय दंड संहिता एवं 6 पोक्सो एक्ट के तहत विशेष न्यायालय पोक्सो एक्ट फास्ट ट्रेक कोर्ट शक्ति में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था ।

अभियुक्त नाबालिग किशोरी को मोबाइल से वीडियो कॉल कर उसकी ऊपरी हिस्से का अश्लील वीडियो बना लिया था तथा अश्लील वीडियो को डिलीट करूंगा बोलकर अभियुक्त नाबालिग बालिका को उसकी स्कूल जाने वाले गांव के एक मकान में बुलाया जहां गांव वाले इकट्ठा हो गए हो गए तथा अभियुक्त को डांट फटकार करने लगे तब अभियुक्त मोटरसाइकिल में नाबालिग बालिका को अपने साथ बिठाकर अपनी बड़ी मां के घर कोरबा ले गया जहां दो-तीन दिन तक रख कर वहां उसके साथ दो तीन बार जबरन शारीरिक संबंध बनाया और उसके बाद अभियुक्त नाबालिग बालिका को अपने मोटरसाइकिल में बिठाकर बरगढ़ उड़ीसा ले गया जहां अपने मौसी के घर में 5 – 6 दिन तक रखकर उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाता था।

बरगढ़ उड़ीसा से अभियुक्त ने नाबालिग बालिका को अपने साथ रायपुर लाया और रायपुर से ट्रेन में बैठा कर अंबाला ले गया जहां पहले से अभियुक्त के माता-पिता ईट भट्ठे में काम करते थे। अभियुक्त नाबालिग बालिका को अंबाला के ईट भट्टे में चार-पांच दिन तक रखा। इसी दौरान नाबालिग बालिका ने मोबाइल से अपनी मामी को फोन कर अभियुक्त द्वारा उसे अंबाला लाने की बात बतायी। थाना डभरा द्वारा नाबालिग बालिका के पिता एवं भाई को अपने साथ लेकर अंबाला गए जहां अभियुक्त के साथ नाबालिग बालिका मिल गई।

पुलिस द्वारा नाबालिग बालिका और अभियुक्त को अपने साथ वापस थाना डभरा लाया गया। अभियुक्त को गिरफ्तार कर विशेष न्यायालय शक्ति में पेश किया गया था जहां से न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया । प्रकरण में अभियोजन द्वारा सभी महत्वपूर्ण 13 साक्षी को न्यायालय में पेश किया गया। विशेष न्यायालय शक्ति ने उभय पक्षों को पर्याप्त समय अपने पक्ष रखने के लिए देने के पश्चात तथा अभियोजन एवं अभियुक्त पक्ष के अंतिम तर्क श्रवण करने तथा संपूर्ण विचारण पूर्ण होने के पश्चात न्यायालय द्वारा निर्णय पारित किया गया।

अभियोजन द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध संदेह से परे प्रमाणित कर दिए जाने से अभियुक्त जैकी बघेल उम्र 21 वर्ष पिता प्रेमचंद बघेल थाना डभरा जिला जांजगीर चांपा को विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी द्वारा सिद्ध दोष पाए जाने पर दोष सिद्ध घोषित किया गया है ।अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 363 के अपराध के लिए 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹1000 के अर्थदंड ,भारतीय दंड संहिता की धारा 366 के अपराध के लिए 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹1000 का अर्थदंड तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 6 के अपराध के लिए 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹10000 के अर्थदंड से दंडित किया गया है। अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने किया ।

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