देश भर के प्रमुख व्यापारी नेताओं का राष्ट्रीय सम्मेलन 9 सितम्बर को नई दिल्ली में…कैट 15 सितम्बर से ई-कॉमर्स पर हल्ला बोल राष्ट्रीय अभियान शुरू करेगा

रायपुर, 

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू,  अमर गिदवानी,  प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि पिछले 6 वर्षों से विदेशी फंड प्राप्त ई-कॉमर्स  कंपनियों ने जिस प्रकार से देश के नियम एवं कानूनों का घोर उल्लंघन करते हुए भारत के ई-कॉमर्स व्यापार को जिस सीमा तक विषाक्त कर दिया है और इस व्यापार को अपने कब्जे में लेने का जो षड्यंत्र रचा जा रहा है उसको लेकर अब देश भर के व्यापारी लामबंद हो गए हैं और अब इन बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों की व्यापारिक नीतियों के खिलाफ डटकर मुकाबला करने तथा केंद्र एवं राज्य सरकारों से ई-कॉमर्स व्यापार में आवश्यक सुधार लाने के लिए नियम एवं कानूनों को लागू करने की मांग को लेकर कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आगामी 15 सितम्बर से 15 अक्टूबर तक एक राष्ट्रव्यापी “ ई-कॉमर्स पर हल्ला बोल “ अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है |
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने बताया की हल्ला बोल अभियान की रूपरेखा बनाने और एक महीने के सभी कार्यक्रम निश्चित करने के लिए कैट ने देश के सभी राज्यों के चुनिंदा व्यापारी नेताओं का एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आगामी 9 सितम्बर को दिल्ली में बुलाया है जिसमें इस अभियान को देश के कोने कोने तक ले जाने पर रणनीति तय की जायेगी। उन्होंने जोर देकर कहा की लेकिन अब यह स्पष्ट है की देश भर के व्यापारी अब ई-कॉमर्स के मुद्दे पर चुप नहीं बैठेंगे।
अमर पारवानी एवं जितेन्द्र दोशी ने कहा की कुछ बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां भारत के ई कॉमर्स व्यापार को अपनी बपौती मान बैठी हैं और येन केन प्रकारेण न केवल ई-कॉमर्स बल्कि देश के रिटेल व्यापार पर भी अपना कब्ज़ा जमाने की कोशिश कर रही हैं और उनकी सहयता अपने ही देश के कुछ लोग उनके स्वर में स्वर मिलाकर कर रहे हैं। इन लोगों में कुछ या तो सेवानिवृत सरकारी अधिकारी हैं या फिर सेवा विस्तार वाले लोग हैं जिन्होंने अपने कथित थिंक टैंक बना रखे हैं और जिनकी मार्फ़त आदतन ये लोग सरकार द्वारा जब भी ई-कॉमर्स में कोई नियम बनता है अथवा नीति बनती है या फिर सुधार की प्रक्रिया शुरू होती है तब ये बड़ी कंपनियां ऐसे किसी भी कदम में रोडे अटकाने में कोई कसर नहीं छोड़ती क्योंकि यदि नियम, कानून अथवा सुधार लागू होते हैं तो उससे सीधा इनके व्यापार का वर्तमान का तानाशाही मॉडल प्रभावित होता है जिसके जरिये ये कंपनियां ईस्ट इंडिया कम्पनी का नवीनतम अवतार बनना चाहती हैं।
अमर पारवानी एवं जितेन्द्र दोशी ने कहा की कैट के बैनर तले देश के 40 हजार से ज्यादा व्यापारी संगठन केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री श्री पियूष गोयल द्वारा उपभोक्ता क़ानून के अंतर्गत ई- कॉमर्स नियमों के ड्राफ्ट का खुला समर्थन करते हैं और यह नियम तुरंत प्रभाव से लागू करने के लिए देश भर में हल्ला बोल अभियान शुरू किया जाएगा।

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