दंतेवाड़ा,
बरसात का मौसम प्रारंभ होते ही डायरिया की समस्या बढ़ने लगती है। जिले में डायरिया से बचाव के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा 21 जून से 5 जुलाई 2022 तक डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा जिले के विभिन्न स्कूल-आश्रमों में अध्ययनरत बच्चों के लिये जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत कुआकोंडा ब्लॉक के ग्राम समेली में स्थित स्कूल-आश्रम में पड़ने वाले बच्चों को जागरूक किया गया। इस मौके पर बच्चों को सही तरीके से हाथ धोने, साफ-सफाई रखने, शौच के लिये शौचालय का प्रयोग करने आदि के बारे में बताया गया। साथ ही उन्हें ओआरएस घोल बनाने की विधि भी बताई गई।
इस सम्बन्ध में सीएमएचओ डॉ. गिरीश शर्मा ने बताया: “डायरिया नियंत्रण पखवाड़े का मुख्य उद्देश्य ओआरएस और जिंक के उपयोग के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना है। यदि किसी भी बच्चे को दस्त हो तो उसे ओआरएस का घोल बनाकर तत्काल दिया जाना चाहिए। इसके लिए मितानिन अपने क्षेत्र में बच्चों को चिन्हित करते हुए गृह भ्रमण के दौरान ओआरएस बनाने की विधि का प्रदर्शन कर रहीं हैं। सामान्य डायरिया का इलाज करने के अलावा गंभीर केस को रेफर करना भी आवश्यक हैताकि पीएचसी व सीएचसी पर उनका सही उपचार हो सके । ब्लॉक के सभी पीएचसी और सीएचसी पर डायरिया का नि:शुल्क इलाज उपलब्ध है।“
डायरिया के प्रति जागरूकता अभियान चला रहे आरएमओ डॉ. अतीक अंसारी ने बताया: “जिले में डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इस दौरान ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान चलाते हुए शौचालय का उपयोग, स्वच्छ जल का प्रयोग करने के साथ उन्हें अपने आस पास साफ सफाई रखने के लिये प्रेरित किया जा रहा है। डॉ. अंसारी ने जिलेवासियों से अपील की है कि डायरिया से बचाव के लिये ओआरएस घोल के साथ जिंक की गोली भी जरूर देनी चाहिए। साथ ही बच्चों में दस्त बंद हो जाने के बाद जिंक की खुराक 14 दिनों तक जरूरी है, ऐसा करने से अगले दो से तीन महीने तक डायरिया होने की संभावना भी कम हो जाती है। दो से छह माह तक के बच्चों को जिंक की आधी गोली पानी में मिलाकर और सात माह से पांच साल तक के बच्चों को पूरी गोली देनी चाहिए। जिंक व ओआरएस का घोल के इस्तेमाल के बाद भी डायरिया ठीक न हो और यदि बच्चे को पानी जैसा लगातार मल हो, बार -बार उल्टी हो, अत्यधिक प्यास लगे, पानी न पी पाएं, बुखार हो और मल में खून आ रहा हो तो उसे तत्काल स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाना चाहिए।“