चैत्र शुक्ल प्रतिपदा आई है, सुखदायी शुभ संदेश लाई है – लोकनाथ साहू ‘ललकार’

साहित्य,

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा आई है
सुखदायी शुभ संदेश लाई है
सिंदूरी आभा युक्त सृजन गीत
भरा था कण-कण में संगीत
तब झंकृत हुई थी दसों दिशाएँ
नववर्ष है, शुभकामनाएँ !

प्रकृति रत है नवल श्रृंगार
दिग दिगंत में मची बहार
कश्मीर में नवरोजी धूम
आंध्र-कर्नाटक उगादी झूम
गुडी पडवा, विशु पांखी है
पजाब में बल्ले बैसाखी है
आज ही से अंगददेव की गाथाएँ
नववर्ष हैं, शुभकामनाएँ !

काल गणना का सशक्त आधार
देवों ने संभाले संचालन भार
विक्रमादित्य संवत आरंभ
आर्य समाज हुआ प्रारंभ
आज नवरात निराली, न दूजा है
श्रीराम की शक्ति पूजा है
अवलंबों का हम ध्यान करें
आंगन अखंड दीप धरे
गाएँ विश्वशांति की मंगल ऋचाएँ
नववर्ष हैं, शुभकामनाएँ !

-: लोकनाथ साहू ‘ललकार’
     (आटलनगर)

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