केंद्र के निर्देश के बाद गृह सचिव के बढ़े पावर, सोशल मीडिया से हटवा सकेंगे पोस्ट

भोपाल
राज्य सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत गृह सचिव के पावर बढ़ा दिए है। अब वे सोशल मीडिया पर डाली गई सामग्री को किसी भी रीति में साक्ष्य को मिटाए बिना उस सामग्री को अविलंब हटाने या उस तक पहुंच प्रतिबंधित करने का निर्णय ले सकेंगे। प्रदेश में सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर या अन्य प्लेटफार्म पर मौजूद विधि विरुद्ध सामग्री का आॅनलाईन प्रसारण किए जाने पर ऐसी सामग्री को हटाने या उस तक पहुंच निर्योग्य करने के लिए आईटी एक्ट में नोटिस जारी करने के लिए गृह सचिव को अधिकृत किया गया है। गृह सचिव निर्धारित फार्मेट में जानकारी प्राप्त होने पर फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम या अन्य सोशल मीडिया या आॅनलाईन प्लेटफार्म को चलाने वाली एजेंसी को सीधे नोटिस जारी कर ऐसी सामग्री को तत्काल हटवाने के लिए गृह सचिव नोटिस जारी कर सकेंगे। अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा ने इसका गजट नोटिफिकेशन भी करा दिया है।

कानून के खिलाफ जानकारी में बाल यौन शोषण सामग्री, आतंकी गतिविधियों को प्रोत्साहन की जानकारी, शस्त्र का अवैध विक्रय, हिंसा को प्रोत्साहन, छुआछूत से जुड़े अपराध, साइबर अपराध, आत्महत्या को प्रोत्साहन, अफवाहों का प्रसार, भारत के नक्शे का गलत चित्रण, बाल विवाह, वित्तीय धोखाधड़ी, पशु क्रूरता, औषधियों का भ्रामक प्रचार, पटाखों की आॅनलाइन बिक्री शामिल हैं।

गृह विभाग ने ये आदेश केंद्र सरकार के पत्र के संदर्भ में दिए हैं। केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार को पत्र भेजा था जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के प्रावधान के अनुसार साइबर स्पेस में गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा गया है। सरकार को लगता है कि गैरकानूनी सामग्री की शेयरिंग का प्रचलन बढ़ने से न सिर्फ कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो रही है बल्कि लैंगिक अपराधों में वृद्धि हो रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here