कृषि जगत में नई क्रांति, यूरिया भी हो गई नैनो, एक बोरी के बराबर होगी 500 एमएल की बोतल

नैनो यूरिया लिक्विड के इस्तेमाल से फसल उपज में औसतन 8 प्रतिशत वृद्धि होगी, फसलों की गुणवत्ता में सुधार होगा और लागत में कमी आएगी. 94 फसलों पर हुआ टेस्ट.

इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) ने सोमवार को किसानों के लिए विश्व के पहले नैनो यूरिया तरल की शुरुआत की. इसे सामान्य यूरिया के प्रयोग में कम से कम 50 प्रतिशत कमी लाने के मकसद से तैयार किया गया है. इसके 500 मिली की एक बोतल में 40,000 पीपीएम नाइट्रोजन होता है, जो सामान्य यूरिया के एक बैग के बराबर नाइट्रोजन पोषक तत्व प्रदान करेगा. इफको ने ऑनलाइन-ऑफलाइन मोड में हुई अपनी 50वीं वार्षिक आम बैठक में इसकी शुरुआत की.

नैनो यूरिया तरल को स्वदेशी और प्रोपाइटरी तकनीक के माध्यम से कलोल स्थित नैनो जैवप्रौद्योगिकी अनुसंधान केंद्र में तैयार किया गया है. मंगलवार से यह बाजार में उपलब्ध होगी. इफको ने किसानों के लिए 500 मि.ली. नैनो यूरिया की एक बोतल की कीमत 240 रुपये तय की है. जो सामान्य यूरिया के एक बैग के मूल्य से 10 प्रतिशत कम है. किसानों को पूरी जानकारी देने के लिए एक व्यापक देशव्यापी प्रशिक्षण अभियान चलाने की योजना बनाई गई है.

क्या होगा फायदा

इफको ने इस नए प्रोडक्ट को ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘आत्मनिर्भर कृषि’ की दिशा में एक कदम बताया है. इफको नैनो यूरिया तरल को पौधों के पोषण के लिए प्रभावी व असरदार पाया गया है. इसके प्रयोग से फसलों की पैदावार बढ़ती है तथा पोषक तत्वों की गुणवत्ता में सुधार होता है. नैनो यूरिया भूमिगत जल की गुणवत्ता सुधारने तथा जलवायु परिवर्तन व टिकाऊ उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव डालते हुए ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में अहम भूमिका निभाएगा.

किसानों द्वारा नैनो यूरिया तरल के प्रयोग से पौधों को संतुलित मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त होंगे. मिट्टी में यूरिया के अधिक प्रयोग में कमी आएगी. यूरिया के अधिक प्रयोग से पर्यावरण प्रदूषित होता है, मृदा स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है. पौधों में बीमारी और कीट का खतरा अधिक बढ़ जाता है. फसल देर से पकती है और उत्पादन कम होता है. साथ ही फसल की गुणवत्ता में भी कमी आती है. नैनो यूरिया तरल फसलों को मजबूत और स्वस्थ बनाकर उसे गिरने से बचाता है.

किसानों के लिए सस्ता विकल्प

इफको नैनो यूरिया किसानों के लिए सस्ता है. यह किसानों की आय बढ़ाने में प्रभावकारी होगा. इफको नैनो यूरिया तरल की 500 एमएल की एक बोतल सामान्य यूरिया के कम से कम एक बैग के बराबर होगी. इसके प्रयोग से किसानों की लागत कम होगी. नैनो यूरिया तरल का आकार छोटा होने के कारण इसे पॉकेट में भी रखा जा सकता है. जिससे परिवहन और भंडारण लागत में भी काफी कमी आएगी.

94 फसलों पर हुआ टेस्ट

राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रणाली (एनएआरएस) के तहत 20 आईसीएआर संस्थानों, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केन्द्रों में 43 फसलों पर किये गये बहु-स्थानीय और बहु-फसली परीक्षणों के आधार पर इफको नैनो यूरिया तरल को उर्वरक नियंत्रण आदेश (एफसीओ, 1985) में शामिल कर लिया गया है. इसकी प्रभावशीलता का परीक्षण करने के लिए पूरे भारत में 94 से अधिक फसलों पर लगभग 11,000 कृषि क्षेत्र परीक्षण (एफएफटी) किए गए. हाल ही में पूरे देश में 94 फसलों पर हुए परीक्षणों में फसलों की उपज में औसतन 8 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है.

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