किसान सभा के घेराव से घंटों बंद रहा एसईसीएल का गेवरा कार्यालय, मार्च में खदान बंद की चेतावनी भी

कोरबा,

एसईसीएल के खिलाफ भूविस्थापितों के आंदोलन थमने का कोई आसार नजर नहीं आ रहा है। आज छत्तीसगढ़ किसान सभा ने गेवरा कार्यालय का घेराव किया और एक गेट पर ट्रेक्टर अड़ा दिया और दूसरे गेट पर प्रदर्शनकारी धरना देकर बैठ गए, जिससे कार्यालय में आवाजाही बंद होने से घंटों कामकाज भी बंद रहा। समस्याएं हल न होने पर किसान सभा ने 2 मार्च को खदान बंदी की चेतावनी भी प्रबंधन को दे दी है।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ किसान सभा ने एक माह पूर्व ही गेवरा महाप्रबंधक को पुनर्वासित गांवों में बुनियादी मानवीय सुविधाएं उपलब्ध कराने और भूविस्थापितों को नियमित रोजगार एवं मुआवजा की मांग को लेकर ज्ञापन दिया था, लेकिन इन मांगों पर एसईसीएल प्रबंधन ने कोई पहलकदमी नहीं की। इससे आक्रोशित सैकड़ों ग्रामीणों ने आज गंगानगर से रैली निकालकर चार किमी. दूर गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव कर दिया और दोनों गेटों को तब तक जाम रखा, जब तक कि अधिकारियों ने आकर किसानों से बातचीत नहीं की। बड़ी संख्या में उपस्थित सीआईएसएफ और पुलिस के जवान भी आंदोलनकारियों को घेराव से नहीं रोक पाए।

घेराव जारी रहते ही आंदोलनकारियों ने अपनी सभा भी की, जिसे छग किसान सभा के अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, सचिव प्रशांत झा, दीपक साहू, देव कुंवर, रोजगार एकता संघ के राधेश्याम कश्यप, दामोदर श्याम, जनवादी नौजवान सभा के जय कौशिक आदि ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि एसईसीएल द्वारा पूर्व में अधिग्रहित गेवरा क्षेत्र के घाटमुड़ा, बरेली, बिंझरा, कोसमंदा और जुनाडीह आदि गांवों के लोगों को अभी तक बुनियादी मानवीय सुविधाओं के साथ बसाहट नहीं दी गई है और न ही यहां के लंबित रोजगार प्रकरणों का निराकरण किया गया है। इन्हें बिजली और पानी की सुविधा निःशुल्क देने के साथ ही सभी प्रभावित छोटे-बड़े खातेदारों को स्थाई नौकरी एसईसीएल को देना होगा। पुनर्वास गांव गंगानगर में तोड़े गये मकानों और शौचालयों का क्षतिपूर्ति मुआवजा और ग्राम भठोरा के चौथे चरण के अधिग्रहण में 2016-17 से लंबित मकानों एवं अन्य परिसंपत्तियों का मुआवजा तत्काल देने की भी उन्होंने मांग की। किसान सभा नेताओं ने आउट सोर्सिंग कंपनियों में 100% कार्य स्थानीय बेरोजगारों को देने तथा भूविस्थापित प्रमाण पत्रों को बनाने की प्रक्रिया को सरल करने की भी मांग की है।

इन मांगों के संबंध में 15 दिनों के अंदर सकारात्मक पहलकदमी करने का आश्वासन एसईसीएल अधिकारियों ने दिया है, जिसके बाद घेराव खत्म तो हुआ, लेकिन किसान सभा ने समस्याएं हल न होने पर 2 मार्च को गेवरा खदान बंद करने की चेतावनी भी दे दी है।

घेराव में प्रमुख रूप से प्रशांत झा, दीपक साहू, जवाहर सिंह कंवर, शिवरतन, मोहपाल, हरीश कंवर, देव कुंवर, तेरस बाई, राजकुमारी, शशि, पुरषोत्तम, संजय यादव, रघु, रामायण सिंह कंवर, जय कौशिक, अनिल बिंझवार, बसंत, किशन, उमेश, अनिल के साथ बड़ी संख्या में भू विस्थापित किसान शामिल थे।

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