कार में ईवीएम मिलने से विवादों में आए असम के बीजेपी उम्मीदवार

 गुवाहाटी 
पत्नी की कार में ईवीएम मिलने से विवादों में आए असम के बीजेपी उम्मीदवार कृष्णेंदु पॉल का बयान सामने आया है। पॉल ने ईवीएम को चुराने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनके ड्राइवर ने पोलिंग कर्मचारियों को मदद करने के लिए लिफ्ट दी थी। पॉल ने कहा कि कार उनका ड्राइवर चला रहा था और पोलिंग अधिकारियों की ओर से हेल्प मांगने पर उसने उन्हें बिठा लिया था। कृष्णेंदु पॉल ने कहा, मेरा ड्राइवर कार में था। पोलिंग अधिकारियों ने उससे हेल्प मांगी थी और उसने मदद की। उस कार पर एक पास भी लगा हुआ था, जिसमें यह लिखा था कि मैं बीजेपी का उम्मीदवार हूं। मुझे यह पता नहीं कि पोलिंग अफसरों को इस बात की जानकारी थी या नहीं। हमने सिर्फ मदद की थी।'

कृष्णेंदु पॉल ने इंडिया टुडे टीवी चैनल से बात करते यह बात कही। दरअसल गुरुवार रात को ट्विटर पर एक वीडियो सामने आया था, जिसमें एक प्राइवेट बुलेरो कार में ईवीएम दिख रही थी और कुछ लोगों ने उसे रोका था। जांच में पता चला था कि यह कार करीमगंज जिले की ही पथरकंडी विधानसभा सीट से बीजेपी कैंडिडेट कृष्णेंदु पॉल से जुड़ी हुई थी। वहीं ईवीएम रताबारी विधानसभा क्षेत्र की थीं, जिन्हें पोलिंग अधिकारी स्ट्रॉन्ग रूम ले जा रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक पोलिंग अधिकारियों ने बताया कि वह ईवीएम को आयोग की कार से स्ट्रॉन्ग रूम लेकर जा रहे थे, लेकिन बीच में कार खराब होने के चलते उन्होंने लिफ्ट ले ली थी। 

 इस घटना के सामने आने के बाद चुनाव आयोग की ओर से पीठासीन अधिकारी समेत 4 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। निजी कार में ईवीएम मिलने पर गुस्साई भीड़ ने हमला कर दिया था और गाड़ी में तोड़फोड़ भी की थी। भीड़ के हमले से कार और चुनाव अधिकारियों को बचाने के लिए पुलिस ने दखल दिया था। आयोग का कहना है कि ईवीएम पूरी तरह से सेफ मिली हैं और उनकी सील नहीं टूटी है। हालांकि इसके बाद भी चुनाव आयोग ने उस बूथ पर दोबारा चुनाव कराने का आदेश दिया है, जहां की वह ईवीएम थी। आयोग का कहना है कि किसी भी तरह की आशंका को खत्म करने के लिए दोबारा चुनाव कराने का फैसला लिया है।

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