उत्तर प्रदेश के तराई एलिफेंट रिजर्व देश का 33वां एलीफेंट रिजर्व होने जा रहा

लखनऊ

उत्तरप्रदेश को केंद्र सरकार की ओर से मिली एक सौगात . उत्तर प्रदेश के लखीमपुर, बहराइच व पीलीभीत के जंगलों को मिला कर तराई एलिफेंट रिजर्व बनाया जाना है. अभी तक पीलीभीत केवल टाइगर के नाम से जाना जाता था. लेकिन जल्द ही देश-दुनिया से पीलीभीत आने वाले सैलानी हाथियों का दीदार भी कर सकेंगे. सरकार के केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र सिंह ने ट्वीट कर एलीफेंट का ऐलान किया है. केंद्रीय मंत्री की घोषणा के बाद तराई के पर्यटन व पर्यावरण से जुड़े लोगों में खुशी की लहर है.

गौरतलब है कि, तराई एलिफेंट रिजर्व देश का 33वां एलीफेंट रिजर्व होने जा रहा है. वहीं उत्तर प्रदेश को जल्द अपना दूसरा एलीफेंट से मिलने वाला है. उत्तर प्रदेश का पहला व एकमात्र एलिफेंट रिजर्व सहारनपुर का शिवालिक एलिफेंट रिजर्व है.

हाथियों का है ऐतिहासिक कॉरिडोर

वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट्स की मानें तो तराई का यह हिस्सा सदियों से हाथियों का कॉरिडोर रहा है. बाराही का जंगल और शारदा पार से लेकर बहराइच तक हाथी सदियों से विचरण करते रहे हैं. लेकिन समय के साथ-साथ यह मानवीय दखल बढ़ा और कॉरिडोर नष्ट होता गया. जिसके चलते हाथियों की संख्या और स्वभाव पर गहरा असर पड़ा. जिसके चलते कई सालों से हाथियों के आबादी के बीच जाकर फसलों को नष्ट करने की खबरें सामने आती हैं. अब तराई एलिफेंट रिजर्व के बनने के बाद हाथियों को बेहतर ढंग से संरक्षित किया जा सकेगा.

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