नई दिल्ली
वैदिक शास्त्रों में उत्तम संतान की प्राप्ति के लिए अनेक मंत्र जप, तप, अनुष्ठान, हवन, व्रत आदि बताए गए हैं किंतु उन सभी में सबसे ज्यादा सिद्ध, प्रभावी और चमत्कारिक रूप से असर दिखाने वाला मंत्र संतान गोपाल मंत्र होता है। इस मंत्र की महिमा अनेक शास्त्रों में मिलती है। भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित इस मंत्र के प्रभाव से मनुष्य को निश्चित रूप से उत्तम गुणों से युक्त संतान की प्राप्ति होती है। किंतु इस मंत्र का जाप पूर्ण श्रद्धा के साथ सात्विक रहते हुए करना चाहिए। इसके संपूर्ण नियमों का पालन करते हुए जप करने से सिद्धि जल्दी होती है। यह मंत्र उन लोगों के लिए भी अत्यंत प्रभावी है जिन्हें संतान सुख प्राप्ति में कोई बाधा आ रही है। संपूर्ण मंत्र विनियोग- अस्य गोपाल मंत्रस्य, नारद ऋषि:, अनुष्टुप छंद:, कृष्णो देवता, मम पुत्र कामनार्थ जपे विनियोग: । ध्यान- विजयेन युतो रथस्थित: प्रसभानीय समुद्र मध्यत: । प्रददत्त नयान् द्विजन्मने स्मरणीयो वसुदेव नंदन: ।। संतान गोपाल मंत्र- ऊं देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते । देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ।। यह मंत्र एक लाख बार जपने से सिद्ध होता है। मंत्र को जीवापोता, स्फटिक या रूद्राक्ष की माला से जपना चाहिए। एक लाख मंत्र पूर्ण हो जाने के बाद इसका दशांश अर्थात् 10 हजार मंत्रों से हवन करना चाहिए। हवन के पश्चात ब्राह्मणों को श्रद्धानुसार क्षमतानुसार भोजन करवाकर दान-दक्षिणा देकर आशीर्वाद प्राप्त करें।
मंत्र के लाभ संतान सुख में आ रही बाधा दूर होती है। उत्तम गुणों वाली संतान प्राप्त होती है। जिनकी संतान जीवित नहीं रहती, उन्हें लाभ होता है। कई स्ति्रयों को गर्भपात होता है, उन्हें भी इस मंत्र से लाभ होता है।