इस बीमारी में इंसान खुदको अमीर समझने लगता है ; जाने

दिमागी बीमारियां जिन्हें मानसिक विकार के नाम से भी लोग जानते हैं। आज के समय में बेहद आम हो गई है। लेकिन मानसिक रोगों को किसी भी तरह से हल्के में लेना बहुत ज्यादा खतरनाक हो सकता है। मानसिक विकार के दौरान व्यक्ति खुद की जान भी ले सकता है। आज हम आपको ऐसे ही मानसिक रोग के बारे में बताएंगे, जिसे डिल्यूजन ग्रैंड्यूर यानी भव्य भ्रम की स्थिति के बारे में बताएंगे। मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक यह एक भ्रम की स्थिति है जिसमें व्यक्ति को ऐसा अनुभव होता है कि उसके पास कुछ अलौकिक शक्तियां हैं या वह एक बहुत बड़ी हस्ती हैं।

भव्य भ्रम का उपचार अगर सही समय पर ना कराया जाए तो यह कई दूसरे मानसिक विकारों को जन्म दे सकता है जैसे बाइपोलर डिसऑर्डर, डेमेंटिया या सिजोफ्रेनिया आदि। इन बीमारियों के दौरान व्यक्ति असल में उन चीजों को सच मान लेता है जो सच हैं ही नहीं। आइए जानते हैं भव्य भ्रम विकार के कारण, लक्षण और इलाज से जुड़ी जानकारी।

​भव्य भ्रम के प्रकार

मानसिक विकार में व्यक्ति को ऐसा लगने लगता है कि वह किसी बड़े औदे पर है या कोई वीआईपी है। जबकि जिंदगी में उसने कुछ हासिल नहीं किया होता।
कुछ लोगों को लगता है कि उनके पास अलौकिक शक्तियां है जिसकी बदौलत वह हमेशा जीवित रह सकते हैं।
इसमें व्यक्ति को लगता है कि उसके पास अधिक बुद्धि है।
ऐसा लगना कि उनके पास जादुई शक्तियां हैं।
रोगी को यह लग सकता है कि वह एक धार्मिक गुरू या लीडर है।
रोगी को लगने लगता है कि वह करोड़पति है या बनने वाला है।
रोगी को लगने लगता है कि वह भगवान की आवाज है।
कुछ लोगों को ऐसा लगने लगता है कि उनके पास एक छुपी हुई प्रतिभा है या फिर ऐसी चीज है, जिसके बारे में कोई नहीं जानता।
इस रोग में रोगी को लगता है कि उसके रिश्ते बहुत प्रभावशाली लोगों के साथ हैं, जैसे राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री।
ऐसे में रोगी को लगने लगता है कि उसने ऐसे रोग का उपचार खोज लिया है। जिसका उपचार अब तक कोई नहीं खोज पाया।
इस रोग के दौरान व्यक्ति को लगता है कि ना तो उसे कोई रोग हो सकता है और ना ही किसी तरह की चोट लग सकती है।

​भव्य भ्रम के लक्षण

हैलुसिनेशन
मूड स्विंग्स
जब लोग रोगी की मान्यता या भ्रम के बारे में विश्वास नहीं करते तो वह इरिटेट हो जाते हैं।
किसी भी तरह के रिश्ते बनाने में दिक्कत आना।
लोग रोगी के भ्रम पर विश्वास करें। इसके लिए निरंतर प्रयास करते रहना।
दूसरे कई भ्रमों को अनुभव करना जो की सच नहीं है।
निर्णय लेने में समस्या और आत्मसम्मान की कमी।

क्‍या हो सकते हैं इसके कारण

विशेषज्ञों की मानें तो भव्य भ्रम का कोई सटीक या एक कारण नहीं हो सकता है। वह कहते हैं कि ऐसा हो सकता है कि व्यक्ति पहले से ही किसी मानसिक रोग से पीड़ित हो। जैसे…

बाइपोलर डिसऑर्डर
सिजोफ्रेनिया
क्रोनिक डिप्रेशन
डेमेंटिया
स्ट्रेस
औडीटरी हैलुसिनेशन
इनहेरिटेड मेंटल इलनेस
ड्रग्स का सेवन जैसे कोकीन और मैरीज्वाना
सोशल कनेक्शन ना होना
दिमागी चोट लगना
नार्सिस्टिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर
पोस्ट – ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर
ब्रेन के न्यूरोट्रांसमीटर में गड़बड़ी होना
नोट – हाल ही में हुए शोध बताते हैं कि भव्यता के भ्रम की स्थिति का सबसे साधारण कारण सिजोफ्रेनिया है। आपको बता दें कि इस रोग के दौरान व्यक्ति खुद को आवश्यकता से अधिक महत्व देने लगता है।

​कैसे किया जाता है इसे डायग्नोसिस

आपको बता दें कि भव्य भ्रम का निदान करना तब ज्यादा आसान हो जाता है, जब यह सिजोफ्रेनिया से संबंधित हो। लेकिन अगर यह समस्या केवल रोगी तक ही सीमित हो तो इसका निदान बहुत मुश्किल होता है। आसान शब्दों में समझे तो ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें भव्य भ्रम की समस्या है। लेकिन अगर इनकी इस समस्या का असर इनकी या किसी दूसरे की जिंदगी पर नहीं पड़ रहा, तब तक इसका निदान संभव नहीं है।

भव्य भ्रम के निदान के लिए व्यक्ति के हिस्ट्री को पहले जाना जाता है। यानी क्या उसे किसी तरह की दिमागी चोट लगी थी, या उसने मैरिज्वाना ज्योना जैसे ग्रग्स का सेवन किया था। अगर भव्य भ्रम की स्थिति किसी दिमागी बीमारी के चलते है तो इसके लक्षण के आधार पर ही निदान किया जाता है।

​भव्य भ्रम के उपचार के तरीके

दवा –

इस समस्या के उपचार हेतु मनोवैज्ञानिक एंटी एंग्जायटी, एंटी डिप्रेसेंट दवाओं का सेवन करने की सलाह दे सकते हैं।
कॉग्नीटिव बिहेवियरल थेरेपी –
यह उपचार प्रक्रिया आमतौर पर दवाओं के साथ ही दी फॉलो की जाती है। इस प्रक्रिया के जरिए व्यक्ति को सच और भ्रम के बीच की स्थिति का फर्क समझाया जाता है। यह प्रक्रिया लंबे समय तक चल सकती है। लेकिन इसके बाद व्यक्ति ठीक हो सकता है।
ब्रेन इमेजिंग –
इस समस्या के दौरान व्यक्ति के मस्तिष्क के प्रभावी क्षेत्र की छवि को समझा जाता है और रोग के कारण को जाना जाता है। इसके बाद मेडिकल साइंस के मुताबिक तय उपचार प्रक्रिया से ही इलाज किया जाता है।
नोट – अगर आपको किसी प्रकार की मानसिक समस्या है तो किसी तरह की दवा या उपचार जरूर कराएं। किसी भी मानसिक विकार को हल्के में ना आंके।

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