विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना की तीसरी लहर देश में दस्तक देने ही वाली है और इस लहर का टारगेट सबसे ज्यादा बच्चे बनेंगे। ऐसे में पेरेंट्स को अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर और ज्यादा सतर्क हो जाना चाहिए।
बच्चों में कोरोना वायरस ने अपना असर कुछ इस तरह दिखाया है जिसे समझने में एक्स्पर्ट्स तक को काफी मुश्किल हुई है। वहीं अध्ययनों में भी सामने आया है कि कोरोना ने वयस्कों की तरह ही बच्चों को भी प्रभावित किया है। वहीं कुछ बच्चे तो कोरोना से ठीक होने के बाद मल्टीसिस्टम इंफ्लामेट्री सिंड्रोम से ग्रस्त हो गए।
इम्यूनिटी है सबसे बड़ी चीज
ऐसे में कोरोना से बचने का एक ही उपाय है और वो है इम्यूनिटी। इम्यूनिटी या तो नैचुरल इंफेक्शन से बनती है या फिर उस बीमारी के लिए दी गई वैक्सीन से। दोनों ही स्थितियों में शरीर सफेद रक्त कोशिकाओं के जरिए एंटीबॉडी रिस्पॉन्स पैदा करता है और ये एंटीबॉडीज हमें गंभीर बीमारी से बचाते हैं।
यही कोरोना वायरस के मामले में भी है। यही वजह है कि देश की 60 से 70 फीसदी आबादी को कोरोना वैक्सीन लगवाने की जरूरत है ताकि हर्ड इम्यूनिटी बन सके।
इम्यूनिटी बूस्टर आएंगे काम
इस महामारी के बाद शुरू हुई ऑनलाइन रिसर्च और मेडिकल कंसल्टेशन में इम्यूनिटी बूस्टर को कोरोना से बचाव की एक उम्मीद मानी गई। मल्टीविटामिनों, विटामिन सी, विटामिन डी, जिंक, एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे इम्यूनिटी बूस्टर सप्लीमेंट की मदद से सेहत को तो ठीक रखा जा सकता है लेकिन यह कोरोना से बचने में कारगर साबित नहीं हो सकता है।
संतुलित आहार
संतुलित आहार का मतलब है जिसमें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, विटामिन और खनिज पदार्थ हों। कोरोना की वजह से बच्चों की दिनचर्या और खानपान की आदतें प्रभावित हुई हैं।
अब बच्चे पिज्जा, बर्गर आदि ज्यादा खा रहे हैं जिनमें कैलोरी, ट्रांस फैट और नमक ज्यादा है। इसकी वजह से भूख कम लगने, वजन बढ़ने, और कब्ज की परेशानी हो रही है।
फ्लूइड्स कम लेना
पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है और मेटाबोलिज्म को कमदद मिलती है और बॉडी का टेंपरेचर भी ठीक रहता है। इससे शरीर से हानिकारक तत्व बाहर निकल जाते हैं। इस तरह यह इम्यूनिटी को बढ़ाता है। बच्चों को रोज 8 से 10 कप पानी जरूर पिलाएं।
एक्सरसाइज और नींद की कमी
शारीरिक रूप से एक्टिव रहने पर मेटाबोलिज्म काम करता रहता है और पसीने के जरिए बॉडी से विषाक्त पदार्थ बाहर आ जाते हैं और इम्यूनिटी मजबूत बनती है। बच्चों को रोज 45 से 60 मिनट एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए।
इसके अलावा भरपूर नींद लेना भी बहुत जरूरी है। इससे भी इम्यूनिटी तेज होती है। नींद के दौरान हमारा शरीर रिपेयर और रिकवर होता है। वहीं भरपूर नींद न लेपे पर शरीर थकान महसूस करने लगता है और इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है। नींद के घंटे ही नहीं क्वालिटी भी महत्व रखती है।