रायपुर: Women Self Help Group: कभी घर की चारदीवारी तक सीमित रहने वाली हेमलता कुशवाहा जो गौरला पेंड्रा मारवाही जिले के ग्राम पंचायत अमारू की रहने वाली वह आज गांव की प्रेरणादायक महिला बन चुकी है। तनु महिला स्व सहायता समूह से जुड़ने के बाद हेमलता अपने जीवन की दिशा ही बदल दी। हेमलता पहले एक साधारण गृहिणी थीं, जो अपने घर की जिम्मेदारियों में ही व्यस्त रहती थीं।
हुनर तो था, लेकिन संसाधनों की कमी उन्हें आगे बढ़ने से रोक रही थी। घर के बाड़ी में छोटी सी किचन गार्डन बनाकर सब्जियां उगाया करती थीं, लेकिन मन में एक सपना पल रहा था ‘‘क्यों न इसे ही बड़ा किया जाए?’’
Women Self Help Group: समूह से जुड़ने के 6 महीने बाद सामूदायिक निवेश निधि के तहत 50 हजार रुपए प्राप्त
समूह से जुड़ने के 6 महीने बाद उन्हें सामूदायिक निवेश निधि के तहत 50 हजार रुपए प्राप्त हुए। इस रकम से उन्होंने परंपरागत विधि से टमाटर की खेती शुरू की और पहले ही प्रयास में 10 हजार रुपए का लाभ कमाया।
Women Self Help Group: इससे उत्साहित होकर उन्होंने प्रथम बैंक लिंकेज से अधिक राशि ली और कुछ पैसा खुद से जोड़कर सब्जी की खेती को और बड़ा किया। हेमलता ने एक एकड़ जमीन में ड्रिप सिस्टम और मचान विधि से करीब दो लाख रुपए की लागत से टमाटर की आधुनिक खेती शुरू की। इस बार उनकी मेहनत रंग लाई और उन्हें 50 हजार रुपए का शुद्ध लाभ हुआ। विगत चार वर्षों से हेमलता जैविक विधियों से सब्जी उत्पादन कर रही हैं।
कृषि सखी की मदद से फसल चक्र के बारे में जानकारी मिली और उत्पादन में सुधार हुआ
हेमलता का कहना है कि शुरुआत में उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा जैसे कि मौसम की मार, सब्जियों का सड़ जाना और सही बाजार नहीं मिल पाना, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्हें कृषि सखी की मदद से फसल चक्र के बारे में जानकारी मिली और उत्पादन में सुधार हुआ।
Women Self Help Group: अब हेमलता हर तीन महीने में 40 से 50 हजार रुपए तक की कमाई कर रही हैं। वह अपनी सफलता का श्रेय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और एनआरएलएम को देती हैं, जिन्होंने गांव की महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में यह ठोस पहल की है। गृहणी से सब्जी उद्यमी बनी हेमलता कहती हैं कि हौसले बुलंद हो तो सीमित साधनों से भरपुर लाभ कमाया जा सकता है। Women Self Help Group:
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