वॉटरशेड: साकार होता विकसित भारत का सपना

जल और मिट्टी संरक्षण से कृषि और किसान समृद्धि की ओर

0
9
watershed viksit bharat ka sapna now
watershed viksit bharat ka sapna now

संपादकीय ;25 अगस्त । watershed viksit bharat ka sapna now : जल ही जीवन है और मिट्टी हमारा अस्तित्व, हमारा आधार है। जल और मिट्टी के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। आज जब पर्यावरण संकट गहराता जा रहा है, कुएं सूख रहे हैं, नदियों की धाराएं कमजोर हो रही हैं और भूजल पाताल में समा रहा है, तब यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए भी जल और मिट्टी की रक्षा करें।

विकसित भारत 2047 का संकल्प

watershed viksit bharat ka sapna now : जब हमारे खेत हरे-भरे होंगे और किसान खुशहाल होंगे, तभी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विकसित भारत-2047 के संकल्प को साकार किया जा सकेगा, क्योंकि इस संकल्प का रास्ता हमारे गांवों की पगडंडियों, उपजाऊ मिट्टी और लहलहाती फसलों से होकर ही गुजरता है।

जल और मिट्टी का संरक्षण

watershed viksit bharat ka sapna now :  आज बिगड़ते पर्यावरण के कई जगहों पर भूजल का स्तर हजार-डेढ़ हजार फीट नीचे चला गया है। अगर हमारी उपजाऊ मिट्टी इसी तरह बहती रही और जमीन बंजर होती रही, तो हमारी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य कैसा होगा? इसी दूरदर्शी सोच और भविष्य की चिंता को लेकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने एक बीड़ा उठाया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने हमेशा दूरदृष्टि से काम किया है।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और वॉटरशेड विकास घटक

watershed viksit bharat ka sapna now :  वे सिर्फ आज की नहीं, आने वाले 50-100 वर्षों की सोचते हैं। उनके नेतृत्व में भारत सरकार का भूमि संसाधन विभाग, ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’ के तहत ‘वॉटरशेड विकास घटक (WDC-PMKSY)’ को पूरे देश में लागू कर रहा है। लेकिन यह काम अकेले सरकार नहीं कर सकती।

watershed viksit bharat ka sapna now :  समाज की भागीदारी और जनआंदोलन

इस महायज्ञ में सरकार के साथ समाज को भी खड़ा होना पड़ेगा। यह धरती को बचाने का अभियान है। पानी, माटी, धरती बचेगी तो भविष्य बचेगा। यह योजना विशेष रूप से उन क्षेत्रों में लागू की जा रही है जो सूखे और वर्षा पर निर्भर हैं और इन इलाकों में बसे हमारे किसान भाई-बहनों के जीवन में समृद्धि लाने का एक महाभियान है, जहाँ कभी पानी की एक-एक बूँद के लिए संघर्ष करना पड़ता था।

watershed viksit bharat ka sapna now :  खेत का पानी खेत में, गांव का पानी गांव में

कई लोग मुझसे पूछते हैं कि आखिर यह वाटरशेड योजना है क्या? मैं उन्हें सरल भाषा में बताता हूँ कि यह केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि लोगों की अपनी, लोगों के लिए चलाई जाने वाली एक क्रांति है। इस योजना का मूलमंत्र है- “खेत का पानी खेत में और गाँव का पानी गाँव में”। इसके तहत हम सब मिलकर खेतों की मेड़ें मजबूत करते हैं, खेत में ही छोटे तालाब बनाते हैं, और छोटे-छोटे नालों पर चेक डैम जैसी जल-संरचनाएं खड़ी करते हैं।

इससे बारिश का पानी बहकर बेकार नहीं जाता, बल्कि धीरे-धीरे धरती की प्यास बुझाता है, जिससे भूजल का स्तर बढ़ता है और मिट्टी में लंबे समय तक नमी बनी रहती है।

watershed viksit bharat ka sapna now :  महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों की भूमिका

इस योजना की सबसे बड़ी शक्ति इसकी जन-भागीदारी है। गाँव के लोग खुद बैठकर यह तय करते हैं कि तालाब कहाँ खोदना है, मेड़ कहाँ बनानी है और पेड़ कहाँ लगाने हैं। भूमिहीन परिवारों और महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को भी मुर्गीपालन और मधुमक्खी पालन जैसे कामों से जोड़कर उनकी आमदनी बढ़ाने का काम किया जा रहा है। इस योजना के बहुत सुखद परिणाम मिल रहे हैं।

watershed viksit bharat ka sapna now :  किसानों की आय में 8% से 70% तक की वृद्धि

इसका सबसे बड़ा लाभ हमारे किसान भाई-बहनों को मिला है, जिनकी आमदनी में 8% से लेकर 70% तक की ठोस वृद्धि हुई है। यह इसलिए संभव हुआ है क्योंकि 2015 से अब तक, सरकार ने 20,000 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि खर्च करके देशभर में 6,382 से अधिक परियोजनाएं चलाई हैं और लगभग 3 करोड़ हेक्टेयर भूमि को फिर से उपजाऊ बनाने का काम किया है।

watershed viksit bharat ka sapna now :  मध्यप्रदेश, राजस्थान और त्रिपुरा की सफलता 

मध्य प्रदेश के झाबुआ में, जहाँ कभी सूखा एक बड़ी समस्या थी, आज आदिवासी गाँवों में पानी भरपूर है और मिट्टी की उर्वरक शक्ति भी बढ़ गई है। परियोजना क्षेत्र के 22 गाँवों में भूजल स्तर एक मीटर तक बढ़ गया है। इससे खेती में भी परिवर्तन आया है। यहीं के किसान भाई बताते हैं कि गाँव में चेकडैम बनने से अब वे मक्के के साथ-साथ चने की फसल भी ले रहे हैं, जिससे उनकी आमदनी 50,000 रूपये से 60,000 रूपये तक बढ़ गई है।

साथ ही झाबुआ की ही परवलिया पंचायत में 12 खेतों में बने खेत तालाबों से किसानों की आमदनी 1 लाख रूपये से 1.5 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर तक बढ़ी है।

watershed viksit bharat ka sapna now :  इस योजना के तहत 9 लाख से ज्यादा चेक डैम, रिसाव तालाब, खेत तालाब, जैसी वाटरशेड संरचनाएँ बनी हैं। 5.6 करोड़ से ज्यादा श्रम दिवस उपलब्ध हुए हैं, जिससे ग्रामीण रोज़गार में वृद्धि हुई है। वाटरशेड विकास परियोजनाओं के लागू होने से गाँवों में उल्लेखनीय बदलाव आया है। जहाँ पहले पानी की कमी थी, उन परियोजना क्षेत्र में अब 1.5 लाख हेक्टेयर से ज़्यादा नए इलाक़े में जल स्रोत फैले हैं, यानी 16% का इज़ाफा हुआ है।

साथ ही अब किसान पारंपरिक फसलों के अलावा फलों और अन्य पेड़-पौधों की खेती भी करने लगे हैं, जिससे बागवानी और पेड़-पौधों की खेती का दायरा 12% बढ़कर 1.9 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है।

watershed viksit bharat ka sapna now :  राजस्थान के बाड़मेर जैसे रेगिस्तानी इलाके में, जहाँ पानी की कमी किसानों को पलायन पर मजबूर कर रही थी, आज अनार की खेती से हरियाली लौट आई है। योजना के अंतर्गत 120 से अधिक किसानों को अनार के पौधे उपलब्ध कराए गए, जो वहाँ की बालू मिट्टी और सीमित पानी जैसी कठिन परिस्थितियों में भी आसानी से पनप जाते हैं।

अनार की खेती ने न केवल आमदनी बढ़ाई, बल्कि बूड़ीवाड़ा गांव के मांगीलाल परांगी का कहना है कि उनके जैसे किसान अब अरंडी छोड़कर बागवानी की ओर बढ़ गए हैं। त्रिपुरा के दाशी रियांग और बिमन रियांग जैसे किसान योजना की मदद से अनानास की बागवानी करके अपनी बंजर भूमि को फिर से उपजाऊ बना रहे हैं और अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं।

watershed viksit bharat ka sapna now :  वॉटरशेड विकास से किसानों की खुशहाली

इस पूरी क्रांति को जन-जन तक पहुँचाने और इसे एक जन-आंदोलन बनाने के लिए हमने ‘वॉटरशेड यात्रा’ भी निकाली। इस यात्रा के माध्यम से हमने देशभर में जल संरक्षण और भूमि संवर्धन के लिए एक जनजागरण अभियान चलाया। हमने इस योजना में तकनीक का भी भरपूर उपयोग किया है। ‘भुवन जियोपोर्टल (सृष्टि)’ और ‘दृष्टि’ मोबाइल ऐप जैसे डिजिटल उपकरणों से योजनाओं की प्रगति की सटीक निगरानी हो रही है।

watershed viksit bharat ka sapna now :  तकनीक और पारदर्शिता की नई पहल

किसानों की मेहनत और हमारी योजनाओं की वजह से, देशभर के फसल क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है। सैटेलाइट से मिले आँकड़े बताते हैं कि फसल क्षेत्र में लगभग 10 लाख हेक्टेयर (5% की वृद्धि) और जल स्रोतों के क्षेत्र में 1.5 लाख हेक्टेयर (16% की वृद्धि) का इजाफा हुआ है। सबसे बड़ी बात यह है कि 8.4 लाख हेक्टेयर से ज्यादा बंजर जमीन अब फिर से खेती के योग्य बन चुकी है।

watershed viksit bharat ka sapna now :  अमृतकाल में भूमि संरक्षण की नई गाथा

प्रधानमंत्री मोदी जी के कुशल नेतृत्व में आज अमृतकाल में हम सब मिलकर भूमि संरक्षण की एक नई गाथा लिख रहे हैं। यह सिर्फ आँकड़े नहीं हैं, यह हमारे किसानों की मेहनत और उनके बेहतर भविष्य की जीती-जागती कहानी है। जब हम पानी और मिट्टी को बचाएंगे, तभी हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित कर पाएंगे। इस संकल्प को मिलकर पूरा करें और किसानों को समृद्ध तथा भारत को विकसित बनाएं।

watershed viksit bharat ka sapna now :  किसान समृद्ध होंगे, तभी भारत विकसित होगा

प्रधानमंत्री मोदी जी का मानना है कि केवल सरकार नहीं, समाज की भागीदारी से ही यह अभियान सफल होगा। उसी सोच के तहत ‘वॉटरशेड यात्रा’ जैसी पहल से इस योजना को जन-जन तक पहुँचाया गया है और यह एक जनांदोलन बन चुका है। यह भारतीय किसानों की मेहनत और बदलते भविष्य की कहानी है।

जब जल और मिट्टी सुरक्षित होंगी, तभी भारत सुरक्षित रहेगा। 2047 तक विकसित भारत का सपना तभी साकार होगा, जब गाँवों की धरती समृद्ध होगी और किसान खुशहाल होंगे। आइए, मिलकर जल और माटी के इस रक्षा संकल्प को आगे बढ़ाएं।


Read More: “108वें जन्म का रहस्य : शिव-पार्वती का मिलन और तीज पर्व से जुड़ी मान्यता” जानें तीज पर्व तिथि व शुभ मुहूर्त


#छत्तीसगढ, #मध्यप्रदेश #महाराष्ट्र, #उत्तर प्रदेश, #बिहार