जनभागीदारी से जल संचय में छत्तीसगढ़ राज्य देश में अव्वल: जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप

जल विजन 2047 पर राज्यों के जल मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन

Water Vision 2047

रायपुर: Water Vision 2047: भारत सरकार के ‘जल विजन 2047’ के तहत राज्यों के जल मंत्रियों का द्वितीय राष्ट्रीय सम्मेलन उदयपुर में संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के जल संसाधन मंत्रियों ने जल संरक्षण, जल प्रबंधन और भविष्य की जल नीति को लेकर विचार-विमर्श किया।

इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता ओड़िशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने की। सम्मेलन में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल, केन्द्रीय राज्यमंत्री चौधरी, छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरूण साव सहित अन्य राज्यों के जल संसाधन मंत्रीगण मौजूद थे।

Water Vision 2047: इस अवसर पर छत्तीसगढ़ सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने छत्तीसगढ़ राज्य में जल संरक्षण के प्रयासों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। छत्तीसगढ़ के जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने राज्य में जल प्रबंधन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को साझा करते हुए कहा कि जनभागीदारी जल संचय में छत्तीसगढ़ राज्य देश में अव्वल स्थान पर है।

Water Vision 2047: छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने राज्य में जल संरक्षण के प्रयासों पर दी जानकारी

राज्य में जल संरक्षण और संवर्धन के लिए दो लाख से अधिक संरचनाएं निर्मित की गई हैं। हम जिस राज्य छत्तीसगढ़ से हैं वह राज्य प्रभु श्रीराम का ननिहाल है। वनों से अच्छांदित दण्डकारण्य क्षेत्र छत्तीसगढ़ में हैं। प्रभु श्रीराम ने अपने वनवास का सर्वाधिक 10 साल छत्तीसगढ़ में व्यतीत किए हैं।

Water Vision 2047: उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न राज्य है, यहां 44 प्रतिशत से अधिक भू-भाग में वन हैं। छत्तीसगढ़ राज्य का उत्तरी और दक्षिणी भाग पठारी और वनों से अच्छांदित है। राज्य का मध्य हिस्सा मैदानी है। इस कारण राज्य में जल उपलब्धता असमान है। इस असंतुलन को दूर करने के लिए जल संरक्षण और प्रबंधन को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जा रही है।

मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि छत्तीसगढ़ जल नीति 2022 के तहत जल संसाधनों का वैज्ञानिक और सतत विकास सुनिश्चित किया जा रहा है। इसके अलावा, भूजल अधिनियम 2022 लागू किया गया है और भूजल नियामक प्राधिकरण की स्थापना की प्रक्रिया जारी है।

Water Vision 2047: जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न जल संकट से निपटने के लिए सरकार सूक्ष्म सिंचाई, पाइप सिंचाई नेटवर्क, जलग्रहण क्षेत्र विकास और जल-जगार अभियान को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में गंगरेल डेम रविशंकर जलाशय से रायपुर और धमतरी की जल आपूर्ति सुनिश्चित की जाती है।

Water Vision 2047: मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि ‘जल विजन 2047’ के तहत राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण लक्ष्य निर्धारित किए हैं। सिंचाई क्षमता 37.82 प्रतिशत से बढ़ाकर 56 प्रतिशत करने का लक्ष्य है। जल भंडारण 7900 मिलियन घन मीटर से बढ़ाकर 16,000 मिलियन घन मीटर तक ले जाना तथा औद्योगिक जल उपयोग 2208 मिलियन घन मीटर से 6000 मिलियन घन मीटर तक बढ़ाना है।

पेयजल आपूर्ति 584 मिलियन घन मीटर से 2094 मिलियन घन मीटर तथा भूजल निकासी 5757 मिलियन घन मीटर से 8000 मिलियन घन मीटर तक बढ़ाने का लक्ष्य है।

Water Vision 2047: मंत्री कश्यप ने कहा कि जल संसाधनों का सतत उपयोग आवश्यक है। उन्होंने राजस्थान के वाटर बैंक मॉडल का उदाहरण देते हुए कहा कि जल संरक्षण को लेकर सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने अंत में सभी राज्यों से अपील की कि वे जल संसाधनों का सतत और वैज्ञानिक प्रबंधन सुनिश्चित करें, ताकि भविष्य में जल संकट को टाला जा सके।

Read More:कामायनी एक्सप्रेस में बम होने की सूचना, खाली कराया गया रेलवे स्टेशन, बम स्क्वायड दस्ता पहुंचा