मॉरीशस | Vishwa Rang 2024 : विश्व रंग 2024 के अंतर्गत रबीन्द्रनाथ टैगोर, संस्थान, मॉरीशस में रबीन्द्रनाथ टैगोर की मूर्ति का अनावरण पृथ्वीराज सिंह रूपन मॉरीशस गणराज्य के राष्ट्रपति के द्वारा किया गया। राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपन द्वारा ‘विश्व रंग’ महोत्सव और गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की मूर्ति की स्थापना को ऐतिहासिक घटना बताया है।
रवींद्रनाथ टैगोर की मूर्ति का अनावरण मॉरीशस में होना भारत और मॉरीशस के सांस्कृतिक संबंधों का एक सुंदर उदाहरण है। विश्व रंग और रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की इस पहल से गुरुदेव की विरासत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने में मदद मिली है।
संतोष चौबे जी का यह योगदान सराहनीय है। उल्लेखनीय है कि गुरुदेव की मूर्ति की स्थापना संतोष चौबे, निदेशक, विश्व रंग एवं कुलाधिपति, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, (भोपाल, भारत) के द्वारा भेंट स्वरूप मॉरीशस में की गई है।
विश्व रंग 2024 का मॉरीशस में भव्य आयोजन
Vishwa Rang 2024 : भाषा, साहित्य, कला और संस्कृति के इन्द्रधनुषी रंगों से सराबोर एशिया के सबसे विराट महोत्सव ‘विश्वरंग’ का छटवाँ सोपान हिंद महासागर में स्थित समुद्र तटों और सांस्कृतिक विरासत के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध सुंदर देश ‘मॉरीशस’ में पूर्ण भव्यता के साथ आयोजित हुआ। 7,8 और 9 अगस्त 2024 को भारत–मॉरीशस सहित रूस, जापान, दक्षिण कोरिया, यू.के., अमेरिका, आस्ट्रेलिया, जर्मनी, केन्या, इंडोनेशिया, बेहरीन, यू.ए.ई., साइप्रस, श्रीलंका, मलेशिया, नाइजीरिया, न्यूजीलैंड, नेपाल, कतर, सूरीनाम से रचनाकार–कलाकार एवं शिक्षाविद् हिंदी का परचम लहराने विश्व रंग के वैश्विक मंच पर एक साथ एकत्रित हुए। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल(भारत), विश्व रंग सचिवालय (भारत) के कुशल नेतृत्व में विश्व हिंदी सचिवालय (मॉरीशस) की मुख्य मेजबानी में आयोजित विश्व रंग 2024 ने मॉरीशस की सरजमीं से वैश्विक पटल पर एक सुनहरी इबारत गढ़ी है।
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भारत और मॉरीशस के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाती
Vishwa Rang 2024 : भारत और मॉरीशस के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाती है। रवींद्रनाथ टैगोर की कृतियां मॉरीशस में भी काफी लोकप्रिय हैं। रवींद्रनाथ टैगोर की विरासत को सलाम किया गया है। यह नई पीढ़ी को उनके विचारों और कृतियों से जोड़ने में मदद करेगा। पृथ्वीराज सिंह रूपन का इस अवसर पर उपस्थित रहना और मूर्ति का अनावरण करना इस घटना को और भी खास बनाता है।
तीन दिवसीय ‘विश्व रंग 2024’ टैगोर अंतरराष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव में मॉरीशस गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपन, प्रधानमंत्री प्रवीण कुमार जगनाथ, उप प्रधानमंत्री लीला देवी दुकन, भारत की महामहिम उच्चायुक्त नंदनी के. सिंगला (मॉरीशस) सहित मॉरीशस के कई मंत्रीगण, अधिकारीगण एवं वरिष्ठ साहित्यकारों ने अपनी गरिमामय उपस्थिति और प्रेरणादायक ओजस्वी उद्बोधनों से इसे नई ऊँचाइयाँ प्रदान की।
टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केंद्र (भारत), टैगोर विश्व कला एवं संस्कृति केंद्र (भारत), महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट (मॉरीशस), रबीन्द्रनाथ टैगोर इंस्टीट्यूट (मॉरीशस), हिंदी स्पीकिंग यूनियन (मॉरीशस), हिंदी प्रचारिणी सभा (मॉरीशस), इंदिरा गांधी भारतीय सांस्कृतिक केंद्र (मॉरीशस), मॉरीशस ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (मॉरीशस), वनमाली सृजन पीठ (भारत) एवं देश–विदेश के 50 से अधिक संस्थानों के सहयोग ने ‘विश्व रंग 2024’ के ‘मॉरीशस’ में आयोजन को सदैव के लिए अविस्मरणीय बना दिया। विश्व रंग के मॉरीशस में भव्य, अद्भुत और ऐतिहासिक आयोजन से वैश्विक स्तर पर हिंदी को आगे ले जाने के अब कई रास्ते खुले हैं।
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Vishwa Rang 2024 : दोनों देशों के बीच साझा संस्कृति और विरासत को मजबूत
भारत और मॉरीशस के बीच सांस्कृतिक संबंधों की गहराई को दर्शाती है। रवींद्रनाथ टैगोर की मूर्ति और चित्रकला प्रदर्शनी का मॉरीशस में अनावरण, दोनों देशों के बीच साझा संस्कृति और विरासत को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।इस अवसर पर सिंह मॉरीशस गणराज्य के राष्ट्रपति द्वारा गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर की चित्रकला प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किये ।
Vishwa Rang 2024 : रवींद्रनाथ टैगोर की कृतियाँ दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित करती
रवींद्रनाथ टैगोर की कृतियाँ सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं। मॉरीशस में उनकी मूर्ति और चित्रकला प्रदर्शनी का होना इस बात का प्रमाण है कि उनकी कला और विचारों ने देश की सीमाओं को पार कर लिया है। विश्व रंग द्वारा यह पहल दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय द्वारा मॉरीशस स्थित रबींद्रनाथ टैगोर संस्थान को चित्रकला प्रदर्शनी भेंट करना, शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग को दर्शाता है। राष्ट्रपति का इस कार्यक्रम में शामिल होना इस बात का प्रमाण है कि मॉरीशस सरकार भारत के साथ सांस्कृतिक संबंधों को महत्व देती है।
भारत और मॉरीशस दोनों देशों के लिए पर्यटन एक महत्वपूर्ण आय का स्रोत है। रवींद्रनाथ टैगोर से जुड़े स्थलों को पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाया जा सकता है। सांस्कृतिक आदान-प्रदान से दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिल सकता है।
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Vishwa Rang 2024 : उप-प्रधानमंत्री लीलादेवी दुकन के वक्तव्य
उप-प्रधानमंत्री लीलादेवी दुकन द्वारा दिए गए वक्तव्य में विश्व रंग महोत्सव के महत्व को स्पष्ट रूप से रेखांकित किया गया है। यह महोत्सव न केवल भारत और मॉरीशस के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत कर रहा है, बल्कि दोनों देशों के साहित्य, संस्कृति और भाषा शिक्षण को भी बढ़ावा देने की दिशा में एक सार्थक कदम है। इस अवसर पर विश्व रंग की अवधारणा पर संतोष चौबे ने विस्तार से प्रकाश डाला। इन्द्रदत्त राम, अध्यक्ष, महात्मा गांधी संस्थान एवं रबीन्द्रनाथ टैगोर संस्थान, मॉरीशस ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
Vishwa Rang 2024 : अफ्रो–एशिया अंतरराष्ट्रीय विश्व रंग सम्मान की घोषणा
विश्व रंग के निदेशक संतोष चौबे ने इस अवसर पर घोषणा करते हुए कहा कि विश्व रंग 2025 से ‘शिक्षा, साहित्य, कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर कार्य करने वाली शख्सियत को ‘अफ्रो–एशिया अंतरराष्ट्रीय विश्व रंग सम्मान’ से अलंकृत किया जाएगा।
जयति चक्रवर्ती द्वारा विश्व रंग मॉरीशस में प्रस्तुत रवींद्र संगीत की प्रस्तुति
जयति चक्रवर्ती द्वारा विश्व रंग मॉरीशस में प्रस्तुत रवींद्र संगीत की प्रस्तुति निश्चित रूप से एक यादगार पल बन गया । रवींद्र संगीत की सुमधुर धुनों और उन्हीं पर आधारित हिंदी फिल्मों के गीतों का मिश्रण मॉरीशस की शाम को और भी खूबसूरत बना दिया । संगीत की शक्ति लोगों को जोड़ने और एकजुट करने में अहम भूमिका निभाती है। जयति चक्रवर्ती का प्रदर्शन इस बात का प्रमाण है। धन्यवाद ज्ञापन करमलाल मांतादिन (मॉरीशस) द्वारा किया गया।
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Vishwa Rang 2024 : वनमाली सभागार में आयोजित हिंदी में विज्ञान लेखन
वनमाली सभागार में आयोजित हिंदी में विज्ञान लेखन की चुनौतियाँ एवं संभावनाएँ विषय पर आयोजित सत्र की अध्यक्षता विश्व रंग के निदेशक संतोष चौबे द्वारा की गई। सत्र में बीज वक्तव्य वरिष्ठ विज्ञान लेखक देवेन्द्र मेवाड़ी ने दिया। निस्पर के युवा वैज्ञानिक एवं रचनाकार डॉ मनीष मोहन गोरे, इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिए के सह संपादक एवं युवा कवि मोहन सगोरिया, वरिष्ठ विज्ञान लेखक डॉ. कृष्ण कुमार मिश्र ने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर डॉ सीवी रमन विश्वविद्यालय के कुल सचिव गौरव शुक्ला शामिल हुए।