रायपुर | Vishnudev government : छत्तीसगढ़ विधानसभा नेता प्रतिपक्ष डॉ.चरणदास महंत ने भाजपा विष्णुदेव सरकार पर कोल खनन को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि, छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार अदानी के संरक्षक एवं राजस्थान सरकार के पोषक की तरह काम कर रही है।
विधानसभा में पारित प्रस्ताव का उल्लंघन
Vishnudev government : नेता प्रतिपक्ष डॉ महंत ने कहा कि, विधानसभा में पारित प्रस्ताव का उल्लंघन करके हसदेव अरण्य क्षेत्र में परसा एवं केते एक्सटेंशन नाम की नई कोयला खदानें खोलने का काम पुलिस संरक्षण में कराया जा रहा है
परसा कोल ब्लॉक का आवंटन रद्द करने की मांग
Vishnudev government : राजस्थान की कोयले की पूरी आवश्यकता पहले से चालू खदान, पी.ई.के.बी. से पूरी हो रही। नए खदान की जरूरत नहीं है, 2022 में कांग्रेस सरकार ने केंद्र को पत्र लिख कर परसा कोल ब्लॉक का आवंटन रद्द करने की मांग की थी कांग्रेस सरकार के रहते 16 जुलाई 2023 को सुप्रीम कोर्ट में भी शपथ पत्र दाखिल कर परसा या केते एक्सटेंशन या किसी अन्य खदान की आवश्यकता को गलत बताया था।
आदिवासी होते हुए भी वे आदिवासी क्षेत्रों को उजाड़ने अनुमति दे रहे हैं
Vishnudev government : नेता प्रतिपक्ष डॉ महंत का कहना है कि, आदिवासी होते हुए भी वे आदिवासी क्षेत्रों को उजाड़ने और हसदेव अरण्य क्षेत्र जैसे महत्वपूर्ण जंगल को काटने की अनुमति दे रहे हैं, जबकि राजस्थान की सारी कोयला आवश्यकता पहले से चालू खदान से पूरी हो रही है और नए खदान की कम से कम 18 साल कोई आवश्यकता नहीं है। राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को हसदेव अरण्य क्षेत्र में चार कोल ब्लॉक आवंटित है।परसा ईस्ट और केते बासन खदान को मिलाकर जो खदान बनाई गई है पीईकेबी इसकी उत्पादन क्षमता 21 मिलियन टन की जा चुकी है।
Vishnudev government : हसदेव अरण्य कोल फील्ड के कोल ब्लॉक पर आश्रित
पिछले साल ही वहां 18 मिलियन टन कोयला का उत्पादन हुआ। राजस्थान के कुल 4340 मेगावाट के पावर प्लांट हसदेव अरण्य कोल फील्ड के कोल ब्लॉक पर आश्रित है। वर्तमान में इनकी वार्षिक कोयला आवश्यकता लगभग 18 मिलियन टन है। यह आंकड़ा केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण और पावर प्लांट के प्लांट लोड फैक्टर के आधार पर निकाला गया है।
Vishnudev government : 300 मिलियन टन से अधिक कोयला
स्पष्ट रूप से यह पूरी आवश्यकता चालू खदान पी.ई.के.बी. से पूरी हो रही है और वर्तमान में इस खदान में 300 मिलियन टन से अधिक कोयला है अर्थात 18 साल का कोयला मौजूद है। ऐसे में एक नई खदान परसा जिसकी भूमि से विस्थापित होने वाले लोगों ने रायपुर तक पदयात्रा की थी उसे खोलना आदिवासियों को उजाड़ना और लगभग दो लाख पेड़ों को काटना सर्वथा अनुचित है।
Vishnudev government : केवल और केवल अदानी के हितों को लाभ
नेता प्रतिपक्ष डॉ महंत ने कहा कि, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार रहते 16 जुलाई 2023 को सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र दायर कर पी. ई. के.बी. के अलावा कोई और खदान खोलने की आवश्यकता को गलत बताया था। उपरोक्त कारणों से परसा कोल ब्लॉक में खनन को प्रारंभ करना केवल और केवल अदानी के हितों को लाभ पहुंचाने के लिए हो रहा है।
Vishnudev government : अदानी की संरक्षक विष्णुदेव साय सरकार
राजस्थान को इसकी कोई आवश्यकता नहीं और छत्तीसगढ़ को इसका भारी नुकसान होगा। अदानी की संरक्षक विष्णुदेव साय सरकार ने दो कदम और आगे बढ़ाते हुए पी.ई.के.बी. कोल ब्लॉक तथा परसा कोल ब्लॉक के अतिरिक्त 1760 हेक्टेयर के एक तीसरे कोल ब्लॉक केते एक्सटेंशन के लिए भी 02 अगस्त 2024 को पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु जनसुनवाई करवा चुकी है।
Vishnudev government : कोल ब्लॉक के लिए जनसुनवाई नहीं होने दिया
कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में केते एक्सटेंशन कोल ब्लॉक के लिए जनसुनवाई नहीं होने दिया था। केते एक्सटेंशन 1760 हेक्टेयर में से 99% क्षेत्र घना जंगल है, यह पूरा का पूरा क्षेत्र हसदेव बांगो का जल ग्रहण क्षेत्र है और इसमें 8 लाख से अधिक पेड़ है। ऐसे महत्वपूर्ण जलग्रहण क्षेत्र को नष्ट करके कोयले का उत्पादन करना पूरी तरह से गलत है। पूरे देश में ऐसे सैकड़ों कोल ब्लॉक मौजूद है जहां बिना घना जंगल काटे प्रचुर मात्रा में कोयला उपलब्ध है।
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