विधानसभा अध्यक्ष लाभार्थी किसान सम्मेलन में हुए शामिल,किसानों को पावर रिपर, तेलघानी यंत्र, स्पेयर का किया वितरण

राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान के कैलेण्डर, प्रसार पत्रक और अर्धवार्षिकी पुस्तिका का किया विमोचन

Vidhansabha Adhyaksha

रायपुर: Vidhansabha Adhyaksha: छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह आज राजधानी रायपुर के समीप ग्राम बरौंडा में स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान द्वारा आयोजित लाभार्थी किसान सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल हुए।

फसलों पर जीवित जीवों के हानिकारक प्रभाव को कम करने की दिशा में बेहतर काम कर रहा है राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान: डॉ. रमन सिंह विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह सहित अतिथियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर

Vidhansabha Adhyaksha: ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत प्रबंधन संस्थान परिसर में रूद्राक्ष का पौधा रोपण

’एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत प्रबंधन संस्थान परिसर में रूद्राक्ष का पौधा रोपण किया। डॉ सिंह ने इस दौरान प्रतीक स्वरूप पांच किसानों को कृषि यंत्र पावर रिपर, तेलघानी यंत्र, स्पेयर पंप का वितरण किया।

Vidhansabha Adhyaksha: विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने लाभार्थी किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के किसान साथी जैविक तनाव या बायोटिक स्ट्रेस जैसी गंभीर परिस्थिति से निपटने के लिए रणनीति बनाकर आधुनिक तकनीक के माध्यम से बेहतर कार्य कर रहे हैं।

जैविक तनाव से तात्पर्य पौधे पर जीवित जीवों के हानिकारक प्रभाव से है, जिसमें कीड़े, कवक, बैक्टीरिया, वायरस और अन्य रोगजनक शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि कृषि में जैविक तनावों पर बुनियादी, रणनीतिक और अनुकूल अनुसंधान के माध्यम से छत्तीसगढ़ की भूमि से अधिक से अधिक अन्न उपार्जित कर प्रदेश में भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित कर पायें इस उद्देश्य से 7 अक्टूबर, 2012 को इस संस्थान की यहां आधारशिला रखी गई थी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संस्थान को 28 सितंबर 2021 को राष्ट्र को समर्पित किया था।

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तब से लेकर अब तक इस संस्थान ने कई अनुसंधान किये, कृषि जगत में निरंतर छत्तीसगढ़ के किसानों की बेहतर फसल के लिए काम किये और ढेरों उपलब्धियां अर्जित की हैं। डॉ. सिंह ने बताया कि देश में जैविक स्ट्रेस से सालाना लगभग 1 लाख 40 हजार करोड़ रुपये की कृषि उपज का नुकसान होता है।

भारत में जैविक स्ट्रैस के कारण सभी वस्तुओं में 30-35 प्रतिशत नुकसान होता है, वैश्विक स्तर पर, कीटों के कारण फसल उत्पादन का 10 से 28 प्रतिशत तक नुकसान होता है। एक ओर जहाँ अन्न के आभाव में बहुत सारे देश भुखमरी की स्थिति से गुजर रहे हैं तब दूसरी तरफ इतनी बड़ी संख्या में फसलों का नुकसान यह दिखाता है कि जैविक तनाव कृषि के लिए कितनी बड़ी समस्या है।

Vidhansabha Adhyaksha: इस समस्या के समाधान के लिए इस संस्थान द्वारा रणनीति बनाकर और तकनीकी रूप से बेहतर कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस संस्थान द्वारा अनुसूचित जाति उप-योजना के अंतर्गत कुल 3966 कृषक परिवारों और जनजातीय उप-योजना के तहत कुल 3324 कृषक परिवारों को शामिल किया गया है।

प्रदेश के 13 जिलों जशपुर, रायगढ़, कांकेर, राजनांदगांव, बस्तर, महासमुंद, गरियाबंद, कोरबा, सरगुजा, धमतरी, बलौदाबाजार- भाटापारा, दुर्ग और रायपुर अंतर्गत कुल 333 गांवों को परियोजनाओं का लाभ दिया गया है। उन्होंने संस्थान द्वारा किसानों को समर्थन प्रदान करने के साथ ही अनुसंधान और युवाओं को कृषि के प्रति सजग बनाने की दिशा में किये जा रहे कार्यों की सराहना की।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से केन्द्र सरकार प्रतिवर्ष किसानों को 6000 रूपये का आर्थिक सहयोग प्रदान कर रही है, तीसरी बार शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले ’पीएम किसान सम्मान निधि’ की 17वीं किश्त जारी कर, किसानों के बैंक खातों में 20,000 करोड़ रूपये अंतरित की।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना, पीकेवीवाई (परंपरागत कृषि विकास योजना), किसान क्रेडिट कार्ड जैसी ढेरों योजनाओं के माध्यम से श्री मोदी ने देश के अन्नदाताओं के हाथ मजबूत कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में डेढ़ दशक की हमारी सरकार में हमने देश में पहली बार किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराकर एक कीर्तिमान स्थापित किया। छत्तीसगढ़ की प्रमुख फसल धान को समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था को कंप्यूटर तथा ऑनलाइन प्रणाली से जोड़ा।

धान खरीदी की पारदर्शी व्यवस्था के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से संपूर्ण मॉनिटरिंग करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बनाया।

प्रदेश में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने 3100 रूपये प्रति क्विंटल की दर से, 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदने की गारंटी को पूरा करते हुए 32 हजार करोड़ रुपए के समर्थन मूल्य की राशि का तत्काल भुगतान किसानों को किया।

24 लाख 75 हजार किसानों को कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत अंतर की राशि 13 हजार 320 करोड़ रुपए की राशि दी। इस साल खरीफ सीजन में 145 लाख मी. टन धान की रिकॉर्ड खरीदी हुई है।

Vidhansabha Adhyaksha: पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस, सुशासन दिवस पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 13 लाख किसानों के बैंक खाता में 3716 करोड़ रुपए का बकाया धान बोनस की राशि अंतरित कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी को भी पूरा किया है।

Vidhansabha Adhyaksha: कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि राजधानी रायपुर के समीप स्थित राष्ट्रीय स्तर का यह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान द्वारा देश और प्रदेश के किसानों के हित में रणनीति बनाकर जैविक तनाव को कम करने की दिशा में बेहतर काम किया जा रहा है।

संस्थान द्वारा किसानों की समृद्धि और उत्पादन में वृद्धि के लिए जैविक कारणों को ढूंढ कर उनका समाधान निकाला जा रहा है। इसके साथ ही देश और प्रदेश के विद्यार्थियों को कृषि मैनेजमेंट की शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान कर देश को उन्नति के राह पर ले जा रहे हैं।

उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री एवं छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष तथा आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. रमन सिंह को प्रदेश में कृषि संस्थान सहित आईआईएम, आईआईटी स्थापित करने का श्रेय देते हुए कहा कि यह उनके कुशल नेतृत्व और दूरदृष्टि का परिणाम है कि आज छत्तीसगढ़ में भी उच्च स्तरीय राष्ट्रीय स्तर के संस्थान स्थापित है।

Vidhansabha Adhyaksha: छत्तीसगढ़ के किसान आर्थिक रूप से समृद्ध हुए है। किसान खेती-किसानी की ओर अग्रसर हुए है। उन्होंने कहा कि किसानों को सिर्फ धान की खेती नहीं करनी चाहिए, जिसे अन्य फसल प्रभावित हो। उन्हें अन्य पारंपरिक खेती-किसानी की ओर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी के क्षेत्र में भी बेहतर कार्य किए जा रहे हैं।

किसान लाभार्थी सम्मेलन को संबोधित करते हुए धरसींवा विधायक अनुज शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर का संस्थान छत्तीसगढ़ में होना गौरव की बात है और यह खुशी की बात है कि इस संस्थान की स्थापना कार्यक्रम के मुख्य अतिथि

डॉ. रमन सिंह के मुख्यमंत्रीत्व काल में हुआ था। यह संस्थान छत्तीसगढ़वासियों के हित में उनके दूरदृष्टि परिणाम है। उन्होंने किसानों को इस संस्थान से जुड़कर समृद्ध किसान बनने की अपील की।

कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान के निदेशक एवं कुलपति डॉ. पी.के. घोष, डॉ. संजय शर्मा ने मंच संचालन किया। कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक, प्रशासनिक अधिकारी, प्राध्यापकगण तथा बड़ी संख्या में किसान और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।