Vedanta Aluminium : वेदांता एल्यूमीनियम ने वित्त वर्ष 2022 के लिए अपनी सस्टेनेबल डेवलपमेंट रिपोर्ट एक्सीलरेटिंग टू नेट जीरो जारी की

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर जलवायु परिवर्तन पर अपनी पहली रिपोर्ट जारी की, साथ ही टास्क फोर्स फॉर क्लाइमेट रिलेटेड फाइनेंशियल डिस्क्लोजर (टीसीएफडी) से भी जुड़ें

नई दिल्ली। 

भारत में एल्यूमीनियम का सबसे बड़ा उत्पादक वेदांता एल्यूमीनियम ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अपनी सस्टेनेबल डेवलपमेंट (एसडी) रिपोर्ट जारी की, जिसका शीर्षक ‘एक्सीलरेटिंग टू नेट जीरो’ है। रिपोर्ट में सस्टेनेबिलिटी के प्रमुख आयामों जैसे कि आर्थिक प्रदर्शन,सप्लाई चेन मैनेजमेंट, जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा प्रबंधन, वायु गुणवत्ता और उत्सर्जन नियंत्रण, जल प्रबंधन, जैव विविधता प्रबंधन, अपशिष्ट से धन, सुरक्षा, स्वास्थ्य, लोगों की उत्कृष्टता, सामुदायिक कल्याण, आदि लिए कंपनी के प्रदर्शन को दर्शाया गया है।

वेदांता एल्यूमीनियम ने जलवायु परिवर्तन पर अपनी पहली रिपोर्ट भी लॉन्च की, जिसका शीर्षक ‘रोड टू नेट जीरो कार्बन’ है और जो जलवायु से संबंधित फाइनेंशियल डिस्क्लोजर टास्क फोर्स या (टीसीएफडी) फ्रेमवर्क से जुड़े है। रिपोर्ट के माध्यम से, कंपनी का लक्ष्य अपने स्टेकहोल्डर को जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में व्यवसाय से संबंधित अवसरों, जलवायु प्रबंधन रणनीतियों, प्रतिबद्धता और प्रदर्शन के बारे में सूचित करना है। दोनों रिपोर्ट्स को कंपनी की वेबसाइट : https://vedantaaluminium.com/sustainability/sustainability-report/ पर देखा जा सकता है।
वेदांता लिमिटेड के एल्यूमीनियम बिजनेस के सीईओ श्री राहुल शर्मा ने रिपोर्ट्स लॉन्च करते हुए कहा, “हमें वित्त वर्ष 2021-22 के लिए वेदांता एल्यूमीनियम की सस्टेनेबल डेवलपमेंट रिपोर्ट और टीसीएफडी रिपोर्ट लॉन्च करते हुए खुशी हो रही है, ये दोनों रिपोर्ट जलवायु के लिए हमारे द्वारा किए गए प्रयास को उजागर करती हैं। हम ग्रह के लिए जरूरी चीजों को ध्यान में रखते हुए विकास के प्रोत्साहनों देने के मिशन पर हैं। नेट जीरो क्लाइमेट -लचीले एल्यूमीनियम व्यवसाय बनाने का हमारा दृढ़ संकल्प हमारे आसपास के लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने की हमारी प्रतिबद्धता से मेल खाता है, और दोनों पर्यावरण निर्भर हैं। और इसलिए, हमने 2030 और 2050 के लक्ष्यों के साथ अपने ईएसजी (इनवार्यमेंट, सोशल और गवर्नेंस) रोडमैप को फिर से डिजाइन किया है, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा खपत, कार्बन कटौती, जल संरक्षण और अपशिष्ट उपयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

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