ट्रम्प टैरिफ इम्पैक्ट : क्याअमेरिका में मंदी की संभावना है और क्या भारत की जीडीपी वृद्धि दर में कमी है?

by kuldeep shukla

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Trump Tariff Impact in now
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संपादकीय | Trump Tariff Impact in now : ट्रम्प टैरिफ इम्पैक्ट ने वैश्विक बाजारों और अर्थव्यवस्थाओं में उथल-पुथल मचा दी है। उनके संरक्षणवादी व्यापार नीतियों के कारण कई देशों की अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हुई हैं, और यह वैश्विक व्यापार पर स्थायी प्रभाव डाल सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों और संभावित आर्थिक मंदी का भारत पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।

भारत की जीडीपी वृद्धि दर में कमी आ सकती

Trump Tariff Impact in now : विशेषज्ञों के अनुसार, इन नीतियों से भारत की जीडीपी वृद्धि दर में कमी आ सकती है, विशेष रूप से आईटी, फार्मा, कपड़ा और आभूषण जैसे निर्यात-आधारित क्षेत्रों में। इसके अतिरिक्त, अमेरिकी टैरिफ नीतियों से भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात को भी चुनौती मिल सकती है, जिससे सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन को बढ़ाने के लक्ष्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। ​

भारत के लिए कुछ अवसर भी प्रस्तुत करती

Trump Tariff Impact in now : हालांकि, यह स्थिति भारत के लिए कुछ अवसर भी प्रस्तुत करती है। यदि भारत अपने टैरिफ ढांचे में सुधार करता है और कच्चे माल पर शुल्क कम करता है, तो भारतीय उद्योग अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकते हैं। इसके अलावा, ‘जीरो फॉर जीरो टैरिफ’ जैसी नीतियों पर विचार करके, भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव को कम किया जा सकता है।

आर्थिक मंदी का भारत पर मिश्रित प्रभाव हो सकता

Trump Tariff Impact in now : अमेरिकी टैरिफ वृद्धि और संभावित आर्थिक मंदी का भारत पर मिश्रित प्रभाव हो सकता है, जिसमें चुनौतियाँ और अवसर दोनों शामिल हैं। भारत को अपनी नीतियों में उचित सुधार और वैश्विक व्यापार में रणनीतिक कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि इन परिवर्तनों का सामना किया जा सके।

व्यापार युद्ध को अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए एक चुनौती

Trump Tariff Impact in now : अर्थशास्त्रियों का मानना है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा आरंभ किया गया व्यापार युद्ध अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए एक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि इसके परिणामस्वरूप उच्च कीमतें, धीमी आर्थिक वृद्धि और नौकरियों में कमी जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।

यह अनिश्चितता उस समय सामने आई है जब अमेरिकी अर्थव्यवस्था ने कोविड महामारी के दौरान लचीलापन दिखाया था। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में ‘वैश्विक बेहतर प्रदर्शन’ का दौर चल रहा है, जिसमें जीडीपी वृद्धि प्रवृत्ति से ऊपर है और मुद्रास्फीति लगातार घट रही है।​

Trump Tariff Impact in now : ट्रंप प्रशासन की ‘अमेरिका प्रथम’ नीति के तहत शुरू हुए इस व्यापार युद्ध ने वैश्विक आर्थिक अस्थिरता को बढ़ावा दिया है, जिससे आयात लागत में वृद्धि, आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए अनिश्चितता बढ़ी है। हालांकि, मजबूत घरेलू बाजार के कारण अमेरिका पर इसका तात्कालिक प्रभाव सीमित हो सकता है, लेकिन दीर्घकालिक में यह अमेरिकी बाजारों को नुकसान पहुँचा सकता है।

Trump Tariff Impact in now : यूरोपीय संघ ने भी ट्रंप के इस कदम की आलोचना की

इसके अलावा, यूरोपीय संघ ने भी ट्रंप के इस कदम की आलोचना की है, यह कहते हुए कि व्यापार शुल्क बढ़ाने से आर्थिक अस्थिरता और महंगाई में वृद्धि होती है। यदि यूरोपीय संघ को निशाना बनाया जाता है, तो उसने भी जवाबी कदम उठाने की चेतावनी दी है, जिससे अटलांटिक के दोनों ओर के उपभोक्ताओं को नुकसान हो सकता है।

इस प्रकार ट्रंप के व्यापार युद्ध से उत्पन्न अनिश्चितता अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए एक चुनौती बनी हुई है, जो उच्च कीमतों, धीमी वृद्धि और रोजगार में कमी का कारण बन सकती है।

Trump Tariff Impact in now : ट्रम्प का यह बयान उनके “अमेरिका फर्स्ट” एजेंडे को दर्शाता

ट्रम्प का यह बयान उनके “अमेरिका फर्स्ट” एजेंडे को दर्शाता है, जिसके तहत वे व्यापार नीतियों में बदलाव कर अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका दावा है कि टैरिफ बढ़ाकर और व्यापार समझौतों को पुनर्गठित करके वे धन और नौकरियों को अमेरिका में वापस ला रहे हैं।

हालांकि, कई अर्थशास्त्री और विश्लेषक इस दृष्टिकोण पर संदेह जताते हैं। उनके अनुसार, टैरिफ बढ़ाने से अल्पकालिक रूप से अमेरिकी उद्योगों को सुरक्षा मिल सकती है, लेकिन दीर्घकालिक रूप से इससे आयात लागत बढ़ेगी, जिससे उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें बढ़ेंगी और अमेरिकी उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ पड़ेगा।

Trump Tariff Impact in now : व्यापार युद्ध से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हो सकती है

इसके अलावा व्यापार युद्ध से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हो सकती है, जिससे अमेरिकी कंपनियों को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है। चीन, यूरोप, और अन्य देशों के साथ व्यापार तनाव बढ़ने से अमेरिका के निर्यात पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

सच्चिदानंद शुक्ला का यह विश्लेषण इस तथ्य को रेखांकित करता है कि डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ नीति की उम्मीद तो थी, लेकिन इसकी टाइमिंग और कार्यान्वयन के तरीके ने सभी को चौंका दिया।

Trump Tariff Impact in now : ट्रंप के टैरिफ: एक ‘ज्ञात-अज्ञात’ कारक

‘ज्ञात-कारक : ट्रम्प की “अमेरिका फर्स्ट” नीति के तहत टैरिफ और संरक्षणवादी व्यापार नीतियों की संभावना पहले से थी।
2016 के चुनाव अभियान के दौरान और राष्ट्रपति बनने के बाद भी उन्होंने बार-बार कहा कि वे अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने के लिए टैरिफ लागू करेंगे।

अज्ञात कारक : टैरिफ लगाने का सही समय और उनका अनुक्रम (यानी किन देशों और उत्पादों पर पहले लागू किया जाएगा)। चीन, यूरोपीय संघ, भारत, और अन्य देशों पर अलग-अलग समय पर लगाए गए टैरिफ का पैटर्न। वैश्विक बाजारों पर इसका त्वरित प्रभाव, जैसे कि अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट और निवेशकों की चिंता।

Trump Tariff Impact in now : भारत और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

भारत: अमेरिकी टैरिफ से भारतीय निर्यात प्रभावित हो सकता है, विशेष रूप से आईटी, फार्मा, और ऑटोमोबाइल सेक्टर में।
वैश्विक स्तर पर: व्यापार युद्ध की अनिश्चितता से निवेशकों का भरोसा डगमगा सकता है, जिससे बाजार में अस्थिरता बनी रहेगी।
मुद्रास्फीति: बढ़ते टैरिफ से आयात महंगा होगा, जिससे अमेरिका और अन्य देशों में महंगाई का दबाव बढ़ सकता है।

Trump Tariff Impact in now : विशेषज्ञों के अनुसार,

ट्रंप की टैरिफ रणनीति अल्पकालिक लाभ तो दे सकती है, लेकिन दीर्घकालिक रूप से इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था और वैश्विक व्यापार अस्थिर हो सकता है। भारत जैसे देशों के लिए यह एक चुनौती भी है और अवसर भी, क्योंकि अगर व्यापार संतुलन सही रखा जाए, तो भारत कुछ क्षेत्रों में अपनी निर्यात प्रतिस्पर्धा बढ़ा सकता है।


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