नई दिल्ली, 28 जुलाई । Third Monday of Sawan now : सावन मास के तीसरे सोमवार को पूरे उत्तर भारत में शिवभक्तों की अटूट आस्था और धार्मिक उत्साह का अद्भुत नज़ारा देखने को मिला। वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में सुबह से ही हज़ारों श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए उमड़ पड़े। मंदिर परिसर ‘हर हर महादेव’ के जयघोष से गूंज उठा।
मंगला आरती के पश्चात मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए, जिसके बाद आस्था की लहरें पूरे शहर में दौड़ पड़ीं।वाराणसी और ग्रेटर नोएडा के शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली।
बाबा विश्वनाथ ने अर्धनारीश्वर स्वरूप में भक्तों को दर्शन दिए
Third Monday of Sawan now : मंगला आरती के बाद जैसे ही मंदिर के कपाट खोले गए, श्रद्धालु दर्शन के लिए उमड़ पड़े। इस दौरान बाबा विश्वनाथ ने अर्धनारीश्वर स्वरूप में भक्तों को दर्शन दिए, जो धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। भारी भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन द्वारा व्यापक व्यवस्था की गई थी।
इस बार प्रोटोकॉल के तहत स्पर्श दर्शन पर पूरी तरह से रोक लगाई गई थी, लेकिन इससे भक्तों की आस्था में कोई कमी नहीं आई।
सुरक्षाबलों की कड़ी निगरानी में व्यवस्थाएं चाक-चौबंद
Third Monday of Sawan now : पुलिस और सुरक्षाबलों की कड़ी निगरानी में मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रहीं। सुरक्षा के साथ-साथ भक्तों की सुगम आवाजाही के लिए जगह-जगह स्वयंसेवकों और प्रशासनिक कर्मियों की तैनाती की गई थी।बाबा विश्वनाथ इस दिन अर्धनारीश्वर स्वरूप में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं।पुलिस और प्रशासन की कड़ी व्यवस्था के बीच भक्तों ने श्रद्धा और उत्साह के साथ बाबा भोलेनाथ की आराधना की।
सावन का तीसरा सोमवार कई मायनों में खास
Third Monday of Sawan now : श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने बताया, दक्षिण भारत में उत्तर भारत के 15 दिन बाद सावन की शुरुआत होती है। इस वजह से और भी भीड़ जुटती है। सावन का तीसरा सोमवार कई मायनों में खास है। वहीं, भक्तों की सुविधा और सुरक्षा के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं।
ड्रोन के माध्यम से निगरानी
Third Monday of Sawan now : मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में पुलिस बल तैनात है और ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जा रही है। लाइन में लगकर श्रद्धालु व्यवस्थित रूप से बाबा विश्वनाथ का दर्शन कर रहे हैं। भक्तों में उत्साह चरम पर है, और वे बाबा के दर्शन के लिए घंटों इंतजार करने को तैयार हैं।
Third Monday of Sawan now : बाबा विश्वनाथ के दर्शन से मन को शांति मिलती
काशी विश्वनाथ धाम में पहुंचे श्रद्धालुओं के चेहरे पर भक्ति, उत्साह और संतोष झलकता दिखाई दिया। श्रद्धालु आरती ने बताया, “बाबा विश्वनाथ के दर्शन से मन को शांति मिलती है। यह अनुभव बेहद खास है।”राजू यादव ने कहा, “हर साल सावन में बाबा के दर्शन के लिए आता हूं, मेरी हर मनोकामना पूरी होती है।” यह अनुभव बेहद खास है। यहां आकर ऐसा लगता है जैसे सारी चिंताएं दूर हो जाती हैं।”
भक्तों की इस गहरी श्रद्धा और आस्था ने सावन सोमवार को एक धार्मिक उत्सव में बदल दिया, जहां हजारों लोग बाबा भोलेनाथ के चरणों में नतमस्तक होकर आशीर्वाद प्राप्त करते नजर आए।
Third Monday of Sawan now : ग्रेटर नोएडा में सावन के तीसरे सोमवार को भक्तों का तांता
ग्रेटर नोएडा के मुबारकपुर गांव स्थित प्राचीन शिव मंदिर में भी सावन के तीसरे सोमवार को भक्तों का तांता लगा रहा। सुबह से ही श्रद्धालु पूजा-पाठ और जलाभिषेक के लिए पहुंचे। श्रद्धालु संजय ने बताया, “यह मंदिर बहुत प्राचीन है, और यहां बाबा से जो मांगा जाता है, वह पूरा होता है।” धर्मेंद्र राय ने कहा, “सावन का तीसरा सोमवार विघ्न-बाधाएं दूर करने वाला है।” प्रतिदिन मंदिर पहुंचने वाली श्रद्धालु शारदा देवी ने कहा, “रोज बाबा के दरबार में आते हैं, लेकिन सावन का यह दिन बेहद खास है।”
Third Monday of Sawan now : महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में 28 जुलाई को श्रावण का पहला सोमवार
महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में 28 जुलाई को श्रावण मास का पहला सोमवार बड़े श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर सभी शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। विशेष रूप से बारह ज्योतिर्लिंगों में अंतिम और अत्यंत पावन माने जाने वाले महाराष्ट्र के वेरुल स्थित घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में सुबह से ही हजारों श्रद्धालु बाबा के दर्शन और जलाभिषेक के लिए पहुंचने ।
Third Monday of Sawan now : मंदिर परिसर ‘हर हर महादेव’ के जयघोष से गूंज रहा है और भक्त घंटों लंबी कतारों में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। मंदिर प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने और सुगम दर्शन के लिए विशेष प्रबंध किए हैं।
उत्तर भारत में 15 दिन पहले ही श्रावण की शुरुआत हो जाती है, लेकिन महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में 15 दिन बाद श्रावण शुरू होता है।