दिवाली के त्यौहारों में देश में लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये के व्यापार की संभावना – अमर पारवानी

चीनी सामान का व्यापारियों एवं ग्राहकों द्वारा पूर्ण बॉयकॉट

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दिवाली के त्यौहारों में देश में लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये के व्यापार की संभावना - अमर पारवानी

रायपुर | देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, एवम कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि भारत के सबसे बड़े त्यौहार दिवाली एवं उससे जुड़े अन्य त्यौहारों की श्रृंखला को ज़ोर-शोर से मनाने के लिए व्यापारी और उपभोक्ता दोनों बेहद उत्साहित हैं और यही वजह है कि इस बार दिवाली के त्यौहारों के सीजन में देश के बाज़ारों में लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये के व्यापार होने की संभावना है ।

कनफ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) द्वारा देश के विभिन्न राज्यों के 30 शहरों में व्यापारी संगठनों के ज़रिए कराये गये एक हालिया सर्वे की समीक्षा में यह सामने आया कि इस वर्ष व्यापारियों ने बड़े पैमाने पर ग्राहकों की माँग एवं पसंद को पूरा करने के लिए व्यापक तैयारियाँ की है । जिस प्रकार से देश भर के बाज़ारों में इस बार रक्षा बंधन, गणेश पूजा, नवरात्रि, दुर्गा पूजा एवं दशहरा पर ग्राहकों ने खुलकर ख़रीदारी की है उसको देखते हुए इस वर्ष त्यौहारों के सीजन का व्यापार 3.5 लाख करोड़ रुपये का होने की प्रबल संभावना है।

कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने बताया की एक मोटे अनुमान के अनुसार दिवाली त्यौहार के मौक़े पर लगभग 65 करोड़ ग्राहक बाज़ारों में ख़रीददारी करते हैं और अगर औसतन हम प्रति व्यक्ति 5500 रुपये की ख़रीद करे तो यह आँकड़ा ही 3.5 लाख करोड़ के व्यापार को पार करता है ।

जहां देश में इस त्यौहार पर केवल 500 रुपये या उससे कम ख़रीदारी करने वाले लोग हैं वहीं हज़ारों और लाखों रुपये खर्च करने वालों की भी कमी नहीं है और इसीलिए देश में दिवाली त्यौहार के सीजन की महत्त्वता व्यापार की दृष्टि से बेहद ही महत्वपूर्ण है ।

पारवानी एवं  दोशी ने कहा कि यूँ तो व्यापार के सभी क्षेत्रों में बड़ी बिक्री की संभावना है लेकिन गिफ्ट आइटम्स, मिठाई नमकीन, ड्राई फ्रूट,इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, वस्त्र, आभूषण, कपड़ा, बर्तन, क्राकरी, मोबाइल, फर्नीचर, फ़र्निशिंग, रसोई के उपकरण,घर सजाने का सजावटी सामान,फुटवियर, सौंदर्य प्रसाधन , कास्मेटिक्स, कंप्यूटर उपकरण, स्टेशनरी, बिजली का सामान, फल, फूल, पूजा सामग्री,दिये सहित कुम्हारों द्वारा बनाये गये सामान, भगवानों की तस्वीर, मूर्ति आदि , हार्डवेयर,पेंट,फ़ैशन की वस्तुएँ,खाद्य सामान, एफ़एमसीजी सामान, किराना, सॉफ्ट ड्रिंक,कन्फ़ेक्शनरी,खाद्य तेल,रेडीमेड फ़ूड,खिलौने आदि में बड़ा व्यापार होगा । वहीं देश भर में हज़ारों समारोह होने के कारण सर्विस सेक्टर से जुड़े होटल, रेस्टोरेंट, बैंक्वेट हाल, कैटरिंग, इवेंट मैनेजमेंट, कैब सर्विस, डिलीवरी सेक्टर, कलाकारों सहित इसी तरह के अन्य वर्गों को भी बड़ा व्यापार मिलेगा ।

पारवानी एवं  दोशी ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा शुरू किए गए वोकल फॉर लोकल तथा आत्मनिर्भर भारत अभियान की वजह से चीनी सामान की माँग पिछले वर्षों में बड़ी हद तक घटी है । इस वर्ष के त्यौहारों सीजन में चीन का कोई भी सामान बाज़ारों में नहीं बिकेगा। देश भर में व्यापारियों ने त्यौहारों पर बिकने वाला कोई भी सामान चीन से आयात नहीं किया है और अब ग्राहक भी चीनी सामान लेने में क़तई इच्छुक नहीं है बेशक वो सस्ता ही क्यों न हो । देश के हितों के विरुद्ध चीनी हरकतों ने उपभोक्ताओं को चीनी सामान से विमुख कर दिया है ।

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