पश्चिम बंगाल | The Stray Big Tigress Zeenat In a : पश्चिम बंगाल के वन अधिकारियों के द्वारा बाघिन जीनत सफलता पूर्वक रेस्क्यू किया गया। इस सफल ऑपरेशन में वन विभाग की टीम और जिला प्रशासन, पुलिस, पंचायत पदाधिकारियों और स्थानीय लोगों की मदद से बाघिन जीनत को कड़ी मेहनत के बाद पकड़ा गया। यह बचाव वन्यजीव संरक्षण के प्रति टीमवर्क और समर्पण का एक शानदार उदाहरण है। पश्चिम बंगाल के सीएम ममता बेनर्जी ने अपने एक्स मिडीया में सभी टीम को बधाई दी ।
बाघिन भटक कर पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले में पहुंची
The Stray Big Tigress Zeenat In a : आप को बता दे कि बाघिन जीनत पिछले कुछ दिनों से ओडिशा के सिमलीपाल जंगल से भटक कर पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले में पहुंची गई। जिसे पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले के गोपालपुर जंगल में उसी स्थान पर ट्रैप किया गया था, जहां वह शनिवार की रात को देखी गई थी। बाघिन को पकड़ने के लिए दोहरे जाल से उसे घेरा बनाया गया था और जाल की परिधि को छोटा कर दिया गया है, ताकि उसे काबू किया जा सके।
The Stray Big Tigress Zeenat In a : बेहोश करने की कोशिश नाकाम
ओडिशा के सिमलीपाल जंगल से भटक कर पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले में पहुंची बाघिन ‘जीनत’ को रविवार सुबह बेहोश करने की कोशिश नाकाम रही। अधिकारियों ने बताया कि बाघिन को बेहोश करने के लिए उसे दवा दी गई, लेकिन बार-बार प्रयास करने के बावजूद वह बेहोश नहीं हो पाई। एक अधिकारी ने बताया कि पशु चिकित्सकों की मंजूरी मिलने के बाद उसे पकड़ने का अभियान फिर से शुरू किया जाएगा।
The Stray Big Tigress Zeenat In a : बाघिन ‘जीनत’ के बारे में
बाघिन ‘जीनत’ को पिछले महीने महाराष्ट्र के ताडोबा-अंधारी बाघ अभ्यारण्य से ओडिशा के सिमलीपाल में भेजा गया था, जहां उसे बाघों की जनसंख्या में नए जीन जोड़ने के उद्देश्य से लाया गया था। हालांकि, वह ओडिशा के सिमलीपाल से भटककर 27 दिसंबर को बंदवान से लगभग 15 किलोमीटर का सफर तय कर मनबाजार ब्लॉक के जंगल में शरण ली थी, जहां वह 24 से 26 दिसंबर के बीच छिपी हुई थी। झारखंड से आने के बाद वह लगभग एक सप्ताह से पश्चिम बंगाल में हैं।
The Stray Big Tigress Zeenat In a : तीन राज्यों के जंगलों में घूम चुकी
वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि सिमलिपाल छोड़ने के बाद नए इलाके की तलाश में बाघिन ने पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा के जंगलों में घूमते हुए 120 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की है। अभी तक उसके सिमिलिपाल बाघ अभ्यारण्य में वापस लौटने के कोई संकेत नहीं दिखाई दिए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि वह पिछले कुछ दिनों से कम दूरी की यात्रा कर रही हैं। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उसकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन लगाए गए हैं, लेकिन घने जंगल के कारण निगरानी प्रभावित हो रही है।
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