नई दिल्ली, 21 अप्रैल। the Pope Francis demise now : पोप फ्रांसिस के निधन पर भारत सरकार ने देशभर में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। गृह मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि महामहिम पोप फ्रांसिस, सर्वोच्च धर्मगुरु का सोमवार, 21 अप्रैल 2025 को निधन हो गया।
भारत में तीन दिन का राजकीय शोक
the Pope Francis demise now : उनके सम्मान में भारत में तीन दिन का राजकीय शोक मनाया जाएगा। गृह मंत्रालय के अनुसार, राजकीय शोक का पहला चरण दो दिनों का होगा, जो मंगलवार, 22 अप्रैल और बुधवार, 23 अप्रैल को लागू रहेगा। तीसरा दिन पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार के दिन मनाया जाएगा।
इस दौरान पूरे भारत में उन सभी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा, जहां इसे नियमित रूप से फहराया जाता है। साथ ही, इस अवधि में कोई भी आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा।
पोप फ्रांसिस जिनका असली नाम जॉर्ज मारियो बर्गोलियो
the Pope Francis demise now : पोप फ्रांसिस जिनका असली नाम जॉर्ज मारियो बर्गोलियो था, मार्च 2013 में पोप चुने गए थे। वह अपने सादगी भरे जीवन, सामाजिक न्याय के प्रति समर्पण और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर मुखर रुख के लिए विश्व भर में जाने जाते थे। उनके निधन से न केवल कैथोलिक समुदाय, बल्कि पूरी दुनिया में शोक की लहर है। भारत में भी उनके निधन पर कई नेताओं और संगठनों ने शोक व्यक्त किया है।
देश में कई चर्चों के पादरियों ने भी उनके निधन पर शोक जताया
the Pope Francis demise now : देश में कई चर्चों के पादरियों ने भी उनके निधन पर शोक जताया है। बता दें कि किडनी की बीमारी से जूझ रहे पोप फ्रांसिस का सोमवार को निधन हो गया। वेटिकन ने एक वीडियो संदेश में यह जानकारी दी। बयान में कहा गया था कि रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लैटिन अमेरिकी नेता पोप फ्रांसिस का निधन हो गया था।
the Pope Francis demise now : ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस
ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस 88 वर्ष के थे और वह किडनी की बीमारी से पीड़ित थे। कुछ समय पहले कई दिनों तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद वह ठीक होकर घर लौटे थे। पोप फ्रांसिस को हाल ही में डबल निमोनिया की गंभीर बीमारी ने भी जकड़ा था।
the Pope Francis demise now : पोप फ्रांसिस का जन्म अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में हुआ
पोप फ्रांसिस का जन्म 17 दिसंबर, 1936 को अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में हुआ था। पोप फ्रांसिस 13 मार्च, 2013 को पोप चुने गए थे। वह पहले जेसुइट पोप हैं और अमेरिका से आने वाले पहले पोप भी हैं। उनके माता-पिता इतालवी प्रवासी थे, जो द्वितीय विश्व युद्ध से पहले इटली से अर्जेंटीना चले गए थे। उनके पिता, मारियो बर्गोग्लियो, एक रेलवे कर्मचारी थे, और उनकी माँ, रेजिना सिवोरी, एक गृहिणी थीं।
the Pope Francis demise now : पोप फ्रांसिस की शिक्षा
पोप फ्रांसिस ने शिक्षा एक तकनीकी स्कूल से रसायनज्ञ के रूप में स्नातक किया। इसके बाद, उन्होंने विला देवोटो के डायोसेसन सेमिनरी में प्रवेश किया और पुरोहिती का रास्ता चुना। उन्होंने चिली में मानविकी की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने सैन मिगुएल में दर्शनशास्त्र और धर्मशास्त्र का भी अध्ययन किया।
पोप फ्रांसिस को उनकी विनम्रता, गरीबों के प्रति चिंता और सामाजिक न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, प्रवासन और आर्थिक असमानता जैसे मुद्दों पर भी बात की है।
पोप फ्रांसिस एक लोकप्रिय और प्रभावशाली व्यक्ति हैं। उन्हें दुनिया भर के लोगों द्वारा उनके करुणा, सहानुभूति और आशा के संदेश के लिए सम्मानित किया जाता है।
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