बैठक में उन्होंने स्कूलों में चल रहे निर्माण कार्यो कों यथाशीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।शाला परिसर में स्थित शौचालय की नियमित रूप से साफ-सफाई करने को कहा।अधोसंरचना एवं निर्माण कार्य,अतिरिक्त कक्ष निर्माण और शाला का जीर्णाेद्वार कार्य में देरी ना करें। स्कूलों में फर्नीचर, विधुत, पेयजल आदि की व्यवस्था अनिवार्य रूप से हो।
कलेक्टर ने जिला और विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि प्राचार्यों की नियमित रूप से बैठक लेकर समीक्षा करें। शिक्षकों को निर्देशित करें की गंभीरता से शैक्षणिक कार्यों में रुचि लें और बच्चों को नियमित रूप से अभ्यास कराये।उन्होंने विद्यालयों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का चिन्हांकन कर और उन्हें आवश्यकतानुसार चिकित्सा एवं अन्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कमजोर दृष्टि वाले बच्चों को चश्मा वितरण की व्यवस्था अनिवार्य रूप से करने कहा। इसी तरह विद्यालयों के श्रवण बाधित बच्चे जिनको रिफर किया गया उन्हे तत्काल अस्पताल ले जाएं। ऐसे बच्चे जिनका ऑपरेशन किया जाना है, उनके लिए स्वास्थ्य विभाग से समन्वय बना कर कार्य करने के निर्देश दिए।
बैठक में उन्होंने शिक्षा विभाग में संचालित निः शुल्क सरस्वती सायकल योजना, महतारी दुलार योजना, शिक्षा का अधिकार, मध्यान्ह भोजन योजना, छात्रवृत्ति, पाठ्य पुस्तक एवं गणवेश वितरण आदि के संबंध में विस्तार पूर्वक चर्चा कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।