Swaroopanand Saraswati Death: शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती नहीं रहे, 99 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

नरसिंहपुर

द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार को निधन हो गया। वे  99 साल के थे। मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में उन्होंने अंतिम सांस ली।

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज (जन्म: २ सितम्बर १९२४) एक हिन्दू अध्यात्मिक गुरु, स्वतन्त्रता सेनानी हैं। श्री स्वरूपानन्द जी का ११ सितम्बर २०२२ को देहावसान !

हिंदुओं को संगठित करने की भावना से आदिगुरु भगवान शंकराचार्य ने 1300 बर्ष पूर्व भारत के चारों दिशाओं में चार धार्मिक राजधानियां (गोवर्धन मठ, श्रृंगेरी मठ, द्वारका मठ एवं ज्योतिर्मठ) बनाईं | जगद्गुरु शंकराचार्य श्री स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी दो मठों (द्वारका एवं ज्योतिर्मठ) के शंकराचार्य हैं | शंकराचार्य का पद हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है,हिंदुओं का मार्गदर्शन एवं भगवत् प्राप्ति के साधन आदि विषयों में हिंदुओं को आदेश देने के विशेष अधिकार शंकराचार्यों को प्राप्त होते हैं | सभी हिंदूओं को शंकराचार्यों के आदेशों का पालन करना चाहिये |

वर्तमान युग में अंग्रेजों की कूटनीति के कारण धर्म का क्षय, जो कि हमारी शिक्षा पद्धति के दूषित होने एवं गुरुकुल परंपरा के नष्ट होने से हुआ है | हिंदूओं को संगठित कर पुनः धर्मोत्थान के लिये चारों मठों के शंकराचार्य एवं सभी वैष्णवाचार्य महाभाग सक्रिय हैं | छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, मंत्री रविंद्र चौबे ने जताई शोक, प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने शोक जताई।

सीएम भूपेश बघेल ने शोक जताई 

पूज्य जगत गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के देवलोकगमन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। ऐसे महान संत पृथ्वी को आलोकित करते हैं। उनके श्रीचरणों में बैठकर आध्यात्म का ज्ञान और आशीर्वाद के क्षण सदैव याद आएँगे। ॐ शांति:

 

हिन्द मित्र के संपादक और हिन्द मित्र परिवार ने जताया शोक दी भावपूर्ण श्रद्धाजंलि !!

 

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