एसईसीएल में राजभाषा पखवाड़ा 2025 अंतर्गत अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन”

हास्य व्यंग के शिखर कवि पद्मश्री अशोक चक्रधर के मंच पर आते ही महफिल जान आ गई ; कवि सुंदर कटारिया ने हरियाणवी अंदाज में हास्य कविता से गुदगुदाए; हास्य के वायरल कवि अरुण जेमिनी ने खास अंदाज़;गीतकार स्वयम श्रीवास्तव ने पत्थर की चमक है न नगीने की चमक है, चेहरे पर सीना तान के जीने की चमक है. .कवियत्री डॉ॰ मणिका दुबे ने, “चंद लम्हे मेरे हर पहर रात का.... कविता पाठ की शुरुआत श्रीमती मुमताज नसीम के--- “हे सरस्वती माँ, तेरे चरणों में अर्पण मेरे दोनों जहाँ, राजभाषा पखवाड़ा 2025 अंतर्गत एसईसीएल में अखिल भारतीय कवि सम्मलेन का सफल आयोजन दिग्गज कवियों की उपस्थिति ने महफिल को गुलजार कर दिया

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बिलासपुर; 26 सितम्बर । secl rajbhasha 25 akhil bhartiya kavi sammelan : एसईसीएल वसंत विहार स्थित टैगोर हाल मे अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक हरीश दुहन के मुख्य आतिथ्य, श्रद्धा महिला मण्डल अध्यक्षा श्रीमति शशि दुहन, श्रद्धा महिला मण्डल उपध्यक्षा श्रीमति इप्शिता दास, उपध्यक्षा श्रीमति विनीता जैन, उपध्यक्षा श्रीमति शुभश्री महापात्रा, एसईसीएल संचालन समिति, एसईसीएल कल्याण मण्डल, एसईसीएल सुरक्षा समिति, सीएमओएआई, सिस्टा, ओबीसी, विभिन्न श्रम संघ प्रतिनिधियों, विभिन्न विभागाध्यक्षो, अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिती मे राजभाषा पखवाड़ा 2025 अंतर्गत एसईसीएल शीर्ष प्रबंधन के सद्इच्छा के अनुरूप पूर्व निर्धारित रंगारंग – सरस – हास्य से भरपूर अखिल भारतीय कवि सम्मलेन का आयोजन किया गया।

हिंदी को बढ़ावा देने की दिशा में यह आयोजन अत्यंत सराहनीय

secl rajbhasha 25 akhil bhartiya kavi sammelan : सह प्रबंध निदेशक हरीश दुहन ने अपने संबोधन में कहा कि हिंदी को बढ़ावा देने की दिशा में यह आयोजन अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने सभी कवियों का स्वागत करते हुए उन्हें समाज को दिशा देने वाले शब्द शिल्पी बताया।

इस कार्यक्रम मे हास्य व्यंग के शिखर कवि पद्मश्री अशोक चक्रधर (दिल्ली), मंच संचालक श्रीकुमार बीजेन्द्र (रांची), हास्य का हंगामा सुंदर कटारिया(गुड़गांव), दिलकश गीतकार स्वयं श्रीवास्तव(उन्नाव), हास्य के वायरल कवि अरुण जेमिनी(दिल्ली), श्रृंगार की बड़ी कवियत्री मुमताज नसीम (अलीगढ़) एवं प्रसिद्ध कवियत्री डॉ॰ मणिका दुबे (सिहोर) ने ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।  दिलकश, हास्य-व्यंग्य, श्रृंगार व जीवन के विविध पहलुओं पर आधारित प्रस्तुतियों ने उपस्थितों को हँसी, भावनाओं और विचारों के अद्भुत संगम से सराबोर कर दिया।

कविता पाठ की शुरुआत श्रीमती मुमताज नसीम से हुई

secl rajbhasha 25 akhil bhartiya kavi sammelan : कार्यक्रम मे कविता पाठ की शुरुआत अलीगढ़ से आई श्रीमती मुमताज नसीम के— “हे सरस्वती माँ, तेरे चरणों में अर्पण मेरे दोनों जहाँ, मैं तो हर पल तेरी ही दासी रही, याद करके तुम्हें ना उदासी रही…..”से हुई

हास्य और व्यंग्य के बाद जब अलीगढ़ से आई श्रीमती मुमताज नसीम की “मैं पहले हारी थी, इस बार हारने की नहीं, तू जा रही है तो जा, मैं पुकारने की नहीं………..” , “खुशबुओं का समंदर हूँ मैं, मुस्कुराता हुआ सोख मंजर हूँ मैं, जानती ही हूँ कि तू मेरी तकदीर है ……….” , “पागलपन में, क्या बतलाऊं, सजना क्या-क्या भूल गयी, तुझसे मिलकर लौट रही थी, घर का रस्ता भूल गयी………”, “कंघी-वँघी चोटी-वोटी शीशा-विशा भूल गई, तेरा चेहरा याद रहा बस, अपना चेहरा भूल गई ………” , “मुझको ही सब देख रहे थे महफ़िल में जब तू आया …….” जैसी प्रस्तुतियों से माहौल संवेदनशील हो गया

गीतकार स्वयम श्रीवास्तव ने पत्थर की चमक है न नगीने की चमक है

secl rajbhasha 25 akhil bhartiya kavi sammelan : उपरान्त उन्नाव से आये दिलकश गीतकार स्वयम श्रीवास्तव ने अपने सधे हुए स्वर में -पत्थर की चमक है न नगीने की चमक है, चेहरे पर सीना तान के जीने की चमक है….. । “पुरखों से विरासत में हमें कुछ नहीं मिला, जो दिख रहा है वो खून-पसीने की चमक है…..” , “मुश्किल था, सम्हलना ही पड़ा घर के वास्ते, फिर घर के वास्ते ही, निकलना पडा घर के वास्ते …..” , “एक शख्स क्या गया कि पूरा काफिला चला गया, तूफ़ान था तेज पेड़ जड़ से हिला गया……. “आदि प्रस्तुतियों से कविताई वातावरण तैयार कर दिया ।

कवियत्री डॉ॰ मणिका दुबे ने, “चंद लम्हे मेरे हर पहर रात का….

secl rajbhasha 25 akhil bhartiya kavi sammelan : उपरान्त सिहोरा से आई प्रसिद्ध कवियत्री डॉ॰ मणिका दुबे ने, “चंद लम्हे मेरे हर पहर रात का, एक कोना मेरा और घर रात का, याद दिल से करोगे तो आ जाउंगी, मैं तो मेहमान हूँ यह शहर आपका …….” , इसके पश्चात कन्हैया जब वृन्दावन छोडकर जा रहे थे, राधा रानी के आंसू देखकर क्या कहा होगा का विस्तृत वर्णन अपने काव्य पाठ के जरिये किया , इसी प्रकार निराशा में किस प्रकार महिला शक्ति पुरुष को सम्बल प्रदान करती है उनकी रचनाओं को श्रोताओं ने अत्यंत सराहा ।

कवि सुंदर कटारिया ने हरियाणवी अंदाज में हास्य कविता से गुदगुदाए

secl rajbhasha 25 akhil bhartiya kavi sammelan : गुड़गाँव से आए हास्य और व्यंग्य के युवा और मशहूर कवि सुंदर कटारिया ने हरियाणवी अंदाज में हास्य की फुलझडिया अपने कविता के माध्यम से प्रस्तुत करते हुए कहा कि जब मैं लव मेरिज करूँगा बोला तो तेरा चेहरा देख दुश्मन देश भी लडकी नहीं देगा, हिन्दी-इंग्लिश मिक्स छंद, कोविड के दौरान गुजरे घटनाओं को अपने व्यंग्य के माध्यम से प्रस्तुत करते हुए उपस्थितों को गुदगुदाए ।

हास्य के वायरल कवि अरुण जेमिनी ने खास अंदाज़ शुरुआत की

secl rajbhasha 25 akhil bhartiya kavi sammelan : हास्य के वायरल कवि अरुण जेमिनी ने शुरुआत अपने खास अंदाज़ से ही की । कवि अरुण जेमिनी ने हास्य अंदाज में आम आदमी के दर्द और ‘रिश्वत’ पर अरुण जैमिनी की लाजवाब हास्य कविता… आम आदमी को सेब खरीदने के लायक ही कहां छोड़ा ?” , “आम तो सेब का ठेला लगाता है, ख़ास आदमी ही खरीदने जाता है …….” को श्रोतावृन्दों ने अत्यंत सराहा ।

रांची से पधारे श्रीकुमार बीजेन्द्र को श्रोता वृन्दों ने अत्यंत सराहा

secl rajbhasha 25 akhil bhartiya kavi sammelan : कार्यक्रम के अगले चरण में रांची से पधारे श्रीकुमार बीजेन्द्र ने “पत्थर की मूरतों को भी भगवान् कहते हैं ………”, “हमको अपना गांव छोडकर जाना पड़ता है, तब जाकर बच्चों को मुंह में दाना पड़ता है…….” ।

हास्य व्यंग के शिखर कवि पद्मश्री अशोक चक्रधर के मंच पर आते ही महफिल जान आ गई

secl rajbhasha 25 akhil bhartiya kavi sammelan : हास्य व्यंग के शिखर कवि पद्मश्री अशोक चक्रधर- के मंच पर आते ही श्रोताओं में तालियों की गड़गडाहट सुनाई देने लगी। शानदार गला और सधे हुए उनके स्वरों ने सुननेवालों को भावविभोर कर दिया। अपनी कविताओं के माध्यम से उन्होंने राजनीति से लेकर छोटे-छोटे मुद्दों पर चुटकियां ली और श्रोताओं को खूब हंसाया।

महफिल में तब और जान आ गई जब उन्होंने “माना , तू अजनबी है और मैं भी, अजनबी हूँ डरने की बात क्या है जरा मुस्कुरा तो दे…….” को प्रस्तुत किया, साथ ही “इस दिल की धडकन में हम दोनों की साझेदारी है, आधी सांस हमारी इसमें आधी सांस तुम्हारी है…….” ।

secl rajbhasha 25 akhil bhartiya kavi sammelan कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती दीप प्रज्वलन के साथ हुआ

कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम के प्रारम्भ मे वीणा वादिनी माँ सरस्वती के चित्र के समीप मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों व कविगणों ने दीप प्रज्वलन की ।

कार्यक्रम मे कोल इंडिया कॉर्पोरेट गीत बजाया गया । कार्यक्रम मे स्वागत उद्बोधन उप महाप्रबंधक (मानव संसाधन-प्रशासन/राजभाषा) मनीष श्रीवास्तव ने प्रस्तुत किया । कार्यक्रम मे उदघोषणा का दायित्व वरीय प्रबंधक (राजभाषा) दिलीप सिंह ने निभाया जबकि अंत में आभार प्रदर्शन उप महाप्रबंधक (राजभाषा) श्रीमती सविता निर्मलकर ने किया ।


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