सुकमा
पल्स पोलियो अभियान 27 फरवरी से प्रारंभ हो रहा है। जिले में इस बार 0 से 5 वर्ष के लगभग 36,413 बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। अभियान के प्रथम दिन 27 फरवरी को बूथों में और इसके बाद अगले 28 फरवरी व 1 मार्च को छूटे हुए बच्चों को घर घर संपर्क कर पोलियो की दवा पिलाई जाएगी।
सुकमा जिले में कुल 414 बूथ स्थापित किये गए हैं एवं इसके साथ ही बाजार, मेले, मंडई, उच्च जोखिम क्षेत्रों, भवन निर्माण साइटों , घुमंतू बसाहटों, बस स्टैंड में मोबाइल टीम द्वारा आने जाने वाले बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाई जायेगी।
सीएमएचओ डॉ. सी.बी.पी.बंसोड़ ने बताया ‘’ भारत 2014 से ही पोलियो मुक्त घोषित हो चुका है लेकिन पोलियो के खतरे को देखते हुए भारत सरकार अभी भी वर्ष में एक बार पल्स पोलियो का अभियान चला रही है ताकि भारत में पोलियो मुक्त की स्थिति बनी रहे। जिले में टीकाकरण के लिए राज्य से कुल 40,410 डोज प्राप्त हुए हैं। टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिये 414 बूथ और 11 ट्रांज़िट टीमें ट्रांज़िट स्थलों पर अभियान में भागीदारी करेंगी । टीकाकरण केंद्र पर अनिवार्य रूप से कोविड-19 गाइडलाइन का अनुपालन किया जाएगा। इस दौरान लाभार्थी न्यूनतम 2 गज की दूरी का पालन करते हुए उपस्थित हो सकेंगे।‘’
उन्होंने सुकमा जिले के समस्त जनता से अपील की है कि अपने आस पास के 0-5 वर्ष के बच्चों को प्रथम दिन ही बूथ पर शत प्रतिशत पोलियो की दवा पिलाने में सहयोग करें क्योंकि उनके सक्रिय सहयोग से सुकमा जिला एवं छत्तीसगढ़ राज्य पोलियो मुक्त बना रहेगा।
क्यों जरूरी है पोलियो की खुराक
पोलियो एक ऐसी बीमारी है जो हड्डियों को कमजोर कर बच्चे को अपंग भी बना सकती है और कई मामलों में इसके कारण मौत भी हो जाती है। छोटे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर होती है। उन्हें कई रोगों से बचाने के लिए उनका सही समय पर टीकाकरण बहुत आवश्यक है। शिशु के जन्म से लेकर पांच साल तक के बच्चों को टीकाकरण के माध्यम से कई रोगों से बचाया जा सकता है। ऐसे ही रोगों में से एक है पोलियो, छोटे बच्चों में पोलियो का इन्फेक्शन होने का खतरा बहुत अधिक होता है। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित पांच साल से छोटे बच्चे होते हैं। इन सबसे बचने के लिए बच्चों को पोलियो की खुराक अवश्य पिलाएं ।