नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘सुरक्षा में चूक’ मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई खत्म हो गई है। सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार की समिति की कार्यवाही रुकने से पहले पंजाब डीजी और राज्य के मुख्य सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे। उनका कहना है कि नियुक्त समिति ने कोई सुनवाई नहीं की। अब सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जज की अगुवाई में जांच कमेटी बनाने के आदेश दे दिये हैं। कोर्ट ने कहा है कि निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। वहीं, सुनवाई के दौरान पंजाब के एजी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि पंजाब सरकार का पक्ष नहीं सुना जा रहा है।
सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार का कहना था कि राज्य के अधिकारियों को 7 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए। कृपया एक स्वतंत्र समिति नियुक्त करें। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमना की अगुवाई वाली 3 जजों की बेंच मामले की सुनवाई की है।
PM security breach | Solicitor General Tushar Mehta, appearing for the Centre, tells Supreme Court that showcause notices were issued to DG & Punjab Chief Secretary before the proceedings of Central govt's Committee was halted. No hearing done by the committee appointed, he says.
— ANI (@ANI) January 10, 2022
सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से दलील देते हुए सॉलिसिटर जनरल ने कहा-
पीएम मोदी के दौरे की जानकारी पंजाब सरकार के पास थी पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक मामले की जांच राज्य सरकार नहीं सकती
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा-
हमें कल रात 10 बजे रिपोर्ट मिली मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए
कमेटी बनाया जाना चाहिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज कमेटी का नेतृत्व करेंगे
पंजाब के एजी ने कहा-
सदस्य को लेकर कोर्ट ने कहा-
सदस्य वही होंगे जैसा हमने संकेत दिया था
कमेटी में डीजीपी चंडीगढ़, एनआईए के आईजी और रजिस्ट्रार जनरल और अतिरिक्त डीजी इंटेलिजेंस ब्यूरो मेंबर के सदस्य होंगे