नई दिल्ली |Now Competition between In A : टीबी मुक्त भारत जागरूकता के लिए क्रिकेट मैच का आयोजन 15 दिसंबर को मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम हुआ। जिसमें राज्यसभा चेयरमैन XI और लोकसभा स्पीकर XI के बीच मुकाबला हुआ।
टीबी के खिलाफ जागरूकता
Now Competition between In A : ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) भारत में एक गंभीर स्वास्थ्य संकट बनता जा रहा है। ऐसे में टीबी के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए सभी राजनीतिक दलों के सांसद एक दोस्ताना क्रिकेट मैच खेलें। लोकसभा स्पीकर XI टीम की अगुआई अनुराग सिंह ठाकुर ने किया ,जबकि राज्यसभा स्पीकर XI की कप्तानी किरेन रिजिजू ने किया । 20-20 क्रिकेट मैच मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में हुआ । केन्द्रीय राज्यमंत्री एवं बिलासपुर सांसद तोखन साहू ने राज्यसभा स्पीकर XI की ओर से मैच खेले।
टीबी हारेगा, देश जीतेगा
Now Competition between In A : मैंच के उपरांत साहू ने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान में योगदान देने की दिशा में सार्थक पहल है। प्रधानमंत्री मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र से प्रेरित होकर, हम में से हर कोई इस मुहिम में शामिल होकर 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने के लिए जन आंदोलन में अपना सहभागिता सुनिश्चित करना चाहिए।
प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान
Now Competition between In A : यह वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन की दिशा में देश की प्रगति में तेज़ी लाने के लिये स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) की एक पहल है। भारत के राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को सतत् विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals-SDGs) में निर्धारित वर्ष 2030 की अवधि से पाँच वर्ष पूर्व देश से वर्ष 2025 तक टीबी महामारी को समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
6th December 2024 भारत के टीबी उन्मूलन प्रयासों में एक महत्वपूर्ण क्षण में, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने हरियाणा के पंचकूला में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री श्रीमती आरती सिंह राव की उपस्थिति में तीव्र 100 दिवसीय टीबी उन्मूलन अभियान का शुभारंभ किया।
Now Competition between In A : देश भर के 347 जिलों में लागू
देश भर के 347 जिलों में लागू किए जाने वाले इस अभियान का लक्ष्य टीबी के छूटे हुए मामलों, खासकर उच्च जोखिम वाले समूहों का पता लगाना और उनका इलाज करना तथा टीबी से होने वाली मौतों को काफी हद तक कम करना है।
Now Competition between In A : 2030 की समय सीमा से पहले टीबी को खत्म करने का विजन
एक समय था जब टीबी को ‘धीमी मौत’ माना जाता था और टीबी से पीड़ित परिवार के सदस्यों को भी इसके प्रसार को रोकने के लिए अलग कर दिया जाता था। और 1962 से टीबी के खिलाफ कई अभियान चलाए गए हैं, लेकिन 2018 में प्रधानमंत्री ने सतत विकास लक्ष्यों की 2030 की समय सीमा से बहुत पहले टीबी को खत्म करने का विजन बनाया।
Now Competition between In A : सरकार ने दवाओं के प्रति संवेदनशील
आज टीबी का पता समय से पहले ही चल जाता है, जिसका श्रेय देश भर में 1.7 लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को जाता है। सरकार ने 2014 में प्रयोगशालाओं की संख्या 120 से बढ़ाकर आज 8,293 प्रयोगशालाएँ करके नैदानिक सेवाओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया है। केंद्र सरकार ने दवाओं के प्रति संवेदनशील टीबी के लिए एक नई छोटी और अधिक प्रभावी व्यवस्था सहित दैनिक आहार शुरू किया है, जिससे टीबी के उपचार की सफलता दर 87% तक बढ़ गई है।
निक्षय पोषण राशि को 500 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया
1.17 करोड़ से अधिक टीबी रोगियों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से 3,338 करोड़ रुपये की निक्षय सहायता प्रदान की गई है। सरकार ने हाल ही में निक्षय पोषण राशि को 500 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया है और टीबी रोगियों के पोषण सहायता के लिए ऊर्जा बूस्टर भी जोड़े हैं।
Now Competition between In A : सरकार ने अब निजी चिकित्सकों के लिए भी यह अनिवार्य कर दिया है कि वे किसी भी नए टीबी रोगी को सूचित करें ताकि उनके उपचार पर तुरंत नज़र रखी जा सके। यह एक छोटा कदम लग सकता है, लेकिन इससे निजी क्षेत्र में टीबी के मामलों की सूचना मिलने की दर में 8 गुना वृद्धि हुई है।
भारत में टीबी की दर में कमी 2015 में 8.3% से बढ़कर आज 17.7% हो गई है, जो वैश्विक औसत से काफी आगे है। पिछले 10 वर्षों में भारत में टीबी के कारण होने वाली मौतों में भी 21.4% की उल्लेखनीय कमी आई है। भारत ने जनभागीदारी , निक्षय पोषण योजना, फिट इंडिया और खेलो इंडिया जैसे सफल अभियानों के माध्यम से टीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ी है , जिसकी दुनिया भर में प्रशंसा की जाती है।
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(यह खबर ‘आईएएनएस न्यूज एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए हिन्द मित्र जिम्मेदार नहीं है. )
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