Noida Twin Tower: अवैध रूप से निर्मित सुपरटेक के ट्विन टावर हुए ध्वस्त, लगभग 100 मीटर ऊंचे टॉवर चंद सेकेंड में जमींदोज

नई दिल्ली,

नोएडा के सेक्टर 93A में सुपरटेक के ट्विन टावर को रविवार दोपहर धराशायी कर दिया गया। अवैध रूप से निर्मित इन ट्विन टावर को ध्वस्त करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के साल भर बाद यह कार्रवाई की गई। लगभग 100 मीटर ऊंचे ढांचों को विस्फोट कर चंद सेकेंड में गिरा दिया गया। दिल्ली के ऐतिहासिक कुतुब मीनार (73 मीटर) से भी ऊंचे गगनचुंबी ट्विन टावर को ‘वाटरफॉल इम्प्लोजन’ तकनीक की मदद से गिराया गया। ट्विन टावर को ध्वस्त किये जाने के कुछ मिनट बाद आसपास की इमारतें सुरक्षित नजर आईं। सुपरटेक के ये ट्विन टावर भारत में अब तक ध्वस्त किए गए सबसे ऊंचे ढांचे थे।

एटीएस सोसायटी की 10 मीटर की दीवार टूटी

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लगे नोएडा के सेक्टर 93ए में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट हाउसिंग सोसाइटी के भीतर 2009 से ‘एपेक्स’ (32 मंजिल) और ‘सियान’ (29 मंजिल) टावर निर्माणाधीन थे। इमारतों को ध्वस्त करने के लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया। ट्विन टावर को गिराने का काम करने वाली कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग के एक अधिकारी ने बताया कि एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी के आसपास मौजूद आवासीय इमारतों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। हालांकि बाद में नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि मलबे की चपेट में आने से पास की एटीएस सोसायटी की 10 मीटर की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है। अन्य कहीं से नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है।

शाम 7 बजे तक पास की सोसाइटियों के लोग घरों में वापस जा सकेंगें
नोएडा प्राधिकरण की सीओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि ट्विन टॉवर के विध्वंस से पहले और बाद में AQI डेटा लगभग समान है। शाम 7 बजे के लगभग, आसपास के खाली सोसाइटियों के निवासियों को अपने घरों में वापस जाने की अनुमति दी जाएगी। यहां लगभग 100 पानी के टैंकर और 300 सफाई कर्मचारी तैनात किए गए हैं। एडिफिस, दक्षिण अफ्रीका की जेट डिमॉलिशन्स, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) और नोएडा के अधिकारी ट्विन टावर के पास स्थित दो सोसाइटी एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज की इमारतों का स्ट्रक्चरल विश्लेषण कर रहे हैं। एक अधिकारी ने बताया कि धूल पर पानी का छिड़काव करने के लिए ‘एंटी स्मॉग गन’ (पानी का छिड़काव करने वाले उपकरण) का उपयोग किया जा रहा है।

करीब 80 हजार टन मलबा हटाने में लगेंगे तीन महीने
ट्विन टावर में 40 मंजिलें और 21 दुकानों समेत 915 आवासीय अपार्टमेंट प्रस्तावित थे। इन ढांचों को ध्वस्त किये जाने से पहले इनके पास स्थित दो सोसाइटी एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज के करीब 5,000 लोगों को वहां से हटा दिया गया। इसके अलावा, करीब 3,000 वाहनों और बिल्ली-कुत्तों समेत 150-200 पालतू जानवरों को भी हटाया गया। अनुमान के मुताबिक, ट्विन टावर को गिराने के बाद इससे उत्पन्न हुए 55 से 80 हजार टन मलबा हटाने में करीब तीन महीने का समय लगेगा। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने 31 अगस्त 2021 में ट्विन टावर को गिराने का आदेश दिया था। न्यायालय ने कहा था कि जिले के अधिकारियों की सांठगांठ के साथ भवन नियमों का उल्लंघन किया गया।

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