रायपुर: New law focused on women and children: छत्तीसगढ़ पुलिस एवं यूनिसेफ के संयुक्त तत्वाधान में आज ‘‘महिला एवं बाल केन्द्रित नवीन कानून’’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा शामिल हुए। कार्यशाला पुलिस महानिदेशक अरूण देव गौतम के मार्गदर्शन संपन्न हुआ।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि समाज की अपेक्षा पुलिस से होती है और उन अपेक्षाओं पर खरा उतरना हमारी महती जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि यदि आज हम अपनी जिम्मेदारी नहीं निभायेंगे तो कानून व्यवस्था खराब होगी।
New law focused on women and children: कानून ही एक मात्र ऐसा रास्ता है जिससे परेशानी को समय से पहले रोका जा सकता है
उन्होंने कहा कि कानून ही एक मात्र ऐसा रास्ता है जिससे परेशानी को समय से पहले रोका जा सकता है। उन्होंने प्रतिभागियों से आह्वान करते हुए कहा कि आप सभी अपने जिले में ऐसी कार्रवाई करें जिससे पूरी दुनिया सीख ले। उन्होंने कहा कि सुरक्षा है तो जीवन है, उन्नति है, खुशियां है, संसाधन है।
पूरे समाज में पुलिस ही एक मात्र ऐसी संस्था है, जिसके अधिकारी व कर्मचारी समाज सेवा में अपना जीवन न्यौछावर कर देते हैं। आज इस महत्वपूणग् विषय पर जो कार्यशाला आयोजित की गई। यहां से काफी सारी चीजें सीखने को मिलेंगी। पुलिस की ताकत कानून की किताब से है और इसमें जो प्रावधान हैं, उसे दृढ़ता के साथ लागू करने की अपेक्षा करता हूं।
New law focused on women and children: कार्यशाला की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए अपराध अनुसंधान एवं नारकोटिक्स के पुलिस महानिरीक्षक अजय यादव ने महिला एवं बाल सुरक्षा की दिशा में छत्तीसगढ़ पुलिस एवं राज्य शासन द्वारा किये जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए नवीन महिला थाना, महिला हेल्पडेस्क, परिवार परामर्श केन्द्र, एन्टी ह्यूमेन ट्रेफिकिंग यूनिट द्वारा किये जा रहे कार्यों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।
पुलिस महानिदेशक अरूण देव गौतम ने कार्यशाला में कहा कि नवीन कानून में महिला एवं बाल अपराधों को प्राथमिकता दी गई है और इसके लिए एक पृथक से अध्याय बनाया गया है और बहुत ही शुरूआती धाराओं में इस अपराध को रखा गया, जो यह बताता है कि महिला को न्याय दिलाया जाना कितना महत्वपूर्ण है।
New law focused on women and children: नवीन कानूनों को प्रभावी तरीके से लागू करने की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है, किन्तु असली चुनौती न्यू क्रिमिनल लॉ को उसके रियल स्प्रिट में पूरी तरह से लागू किया जाना है। साक्ष्य को घटनास्थल से कैसे हम कोर्ट तक पहुंचा पायें इस हेतु हमारे विवेचनाधिकारी को पूरे प्रक्रिया की समझ होनी चाहिए, ताकि बचाव पक्ष को कोई अवसर न मिल सके और इस दिशा में यह कार्यशाला बहुत उपयोगी होगी।
यूनिसेफ, छत्तीसगढ़ प्रुमख विलियम ने कहा कि यूनिसेफ एवं छत्तीसगढ़ पुलिस बाल संरक्षण की दिशा में काफी लंबे समय कार्य कर रहे हैं। उन्होने कहा कि समाज में चाईल्ड प्रोटेक्टिव वातवरण निर्मित करने की दिशा में चाईल्ड फ्रेण्डली प्रोसिजर को अपनाये जाने की आवश्यकता है। साथ ही छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा सौ से अधिक थानों में विकसित चाईल्ड फ्रेण्डली थानों का भी जिक्र किया।
New law focused on women and children: कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ के रूप में बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला एवं सर्वाेच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अनंत अस्थाना को विशेष रूप से आमंत्रित किए गए थे। कार्यशाला में विभिन्न जिलों के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक स्तर के नोडल अधिकारी एवं पुलिस के अन्य अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी, कर्मचारी सहित 120 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक ओ.पी. पाल, अंकित गर्ग, अमरेश मिश्रा, धुु्रव गुप्ता, उप पुलिस महानिरीक्षक श्रीमती मिलना कुर्रे, श्रीमती पारूल माथुर, गिरिजाशंकर जायसवाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, रायपुर डॉ. लाल उमेद सिंह, सहायक पुलिस महानिरीक्षक श्रीमती पूजा अग्रवाल एवं पुलिस मुख्यालय व यूनिसेफ के अन्य अधिकारी, कर्मचारी व प्रतिनिधि उपस्थित थे।
Read More: एसईसीएल मुख्यालय में “स्वच्छता पखवाड़ा 2025” का शुभारंभ, सीएमडी हरीश दुहन ने दिलाई स्वच्छता की शपथ