नई दिल्ली: Naxal Free Bharat: नक्सलवाद के विरुद्ध अब तक के सबसे बड़े ऑपरेशन में छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा के कुर्रगुट्टालू पहाड़ (KGH) पर 31 कुख्यात नक्सलियों को मार गिराया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसका जानकारी खुद एक ट्वीट के माध्यम से दी है। बता दें कि इन दिनों सुरक्षा बलों ने नक्सल फ्री भारत के तहत नक्सलियों को खत्म करन के अभियान में तेजी लाई है।
Naxal Free Bharat: 21 दिनों में नक्सलियों का किया सफाया
आगे गृहमंत्री ने ट्वीट में लिखा कि कुर्रगुट्टालू पहाड़ PLGA बटालियन 1, DKSZC, TSC और CRC जैसी बड़ी नक्सल संस्थाओं का यूनिफाइड हेडक्वार्टर यानी मुख्यालय था, जहां नक्सल ट्रेनिंग के साथ-साथ रणनीति और हथियार भी बनाए जाते थे।
नक्सल विरोधी इस सबसे बड़े अभियान को हमारे सुरक्षा बलों ने महज 21 दिनों में पूरा किया और मुझे बेहद खुशी है कि इस ऑपरेशन में सुरक्षा बलों में एक भी कैजुअलिटी नहीं हुई है। खराब मौसम और दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में भी अपनी बहादुरी और शौर्य से नक्सलियों का सामना करने वाले हमारे CRPF, STF और DRG के जवानों को बधाई देता हूँ। पूरे देश को आप पर गर्व है।
#NaxalFreeBharat के संकल्प में एक ऐतिहासिक सफलता प्राप्त करते हुए सुरक्षा बलों ने नक्सलवाद के विरुद्ध अब तक के सबसे बड़े ऑपरेशन में छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा के कुर्रगुट्टालू पहाड़ (KGH) पर 31 कुख्यात नक्सलियों को मार गिराया।
जिस पहाड़ पर कभी लाल आतंक का राज था, वहाँ आज शान से…
— Amit Shah (@AmitShah) May 14, 2025
31 मार्च तक होगा सफाया
Naxal Free Bharat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम नक्सलवाद को जड़ से मिटाने के लिए संकल्पित हैं। मैं देशवासियों को पुनः विश्वास दिलाता हूँ कि 31 मार्च 2026 तक भारत का नक्सलमुक्त होना तय है।
2014 से चल रहा अभियान
इधर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक जीपी सिंह ने भी बुधवार को कहा कि सुरक्षा बल 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने के लिए “अथक और निर्मम” अभियान चला रहे हैं। जीपी सिंह ने कहा कि साल 2014 में शुरू हुआ नक्सल विरोधी अभियान 2019 से और अधिक तेज और केंद्रित हो गया है, जिसमें केंद्रीय अर्धसैनिक बल नक्सलवाद को खत्म करने की प्रतिबद्धता के साथ राज्य पुलिस के साथ “कंधे से कंधा मिलाकर” काम कर रहे हैं।
अब सिर्फ 6 जिलों में नक्सलवाद
Naxal Free Bharat: उन्होंने कहा कि 2014 में सबसे अधिक नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 35 थी, जो 2025 में अब तक घटकर 6 रह गई है, जबकि इस अवधि में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 126 से घटकर 18 हो गई है।
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