मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर विवाद: कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने

Memorial of Dr manmohan singh

नई दिल्ली: Memorial of Dr. Manmohan Singh: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनके स्मारक को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच तीखी बयानबाजी जारी है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पूर्व पीएम के स्मारक के लिए अब तक कोई स्पष्ट कदम नहीं उठाया है। वहीं, बीजेपी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह डॉ. सिंह के निधन पर “गंदी राजनीति” कर रही है l

Memorial of Dr. Manmohan Singh: कांग्रेस ने मांगा स्मारक के लिए स्थान

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि डॉ. मनमोहन सिंह का स्मारक(Memorial) उसी स्थान पर बनाया जाए, जहां उनका अंतिम संस्कार होगा। उन्होंने कहा, “यह परंपरा है कि पूर्व प्रधानमंत्रियों के अंतिम संस्कार के स्थान पर उनका स्मारक बनाया जाता है।”

कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा, “अगर अटल बिहारी वाजपेयी जी के लिए स्मारक हो सकता है, तो मनमोहन सिंह के लिए क्यों नहीं? वे देश के पहले सिख प्रधानमंत्री थे और उनकी स्मृति आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगी

Memorial of Dr. Manmohan Singh: बीजेपी का पलटवार

बीजेपी ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वह डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर राजनीति कर रही है। बीजेपी ने अपने बयान में कहा, “कांग्रेस को याद करना चाहिए कि उन्होंने अपने ही पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के साथ किस तरह का व्यवहार किया था। कांग्रेस को डॉ. सिंह के नाम पर गंदी राजनीति बंद करनी चाहिए।”

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वासन दिया कि स्मारक के लिए उपयुक्त स्थान आवंटित किया जाएगा, लेकिन उन्होंने कांग्रेस के आरोपों को नकारते हुए कहा कि दाह संस्कार और अन्य औपचारिकताएं निर्धारित समय पर पूरी की जाएंगी

Memorial of Dr. Manmohan Singh: निगमबोध घाट पर होगा अंतिम संस्कार

डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ दिल्ली के निगमबोध घाट पर किया जाएगा। उनके पार्थिव शरीर को सुबह 8:30 बजे से कांग्रेस मुख्यालय में दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद अंतिम यात्रा सुबह 9:30 बजे मुख्यालय से श्मशान घाट तक शुरू होगी।

पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, “डॉ. सिंह का योगदान देश के हर क्षेत्र में अमूल्य है, और उनकी स्मृतियां हमें उनके आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित करती रहेंगी।”

डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद स्मारक को लेकर छिड़ा विवाद भारतीय राजनीति का एक और उदाहरण है, जहां सम्मान और राजनीति के बीच की रेखा धुंधली हो जाती है। देश के इस महान नेता के योगदान को याद रखना और उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देना ही उनके प्रति सबसे बड़ा सम्मान होगा।


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